संसद में नेता जी को अब पहले के बराबर सस्ता खाना नहीं मिलेगा. मतलब बाहर की मार्केट से सस्ता ही होगा. लेकिन उस पर मिलने वाली सब्सिडी हो गई है खतम. लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने डिसाइड किया है कि संसद की कैंटीन अब 'नो प्रॉफिट नो लॉस' वाले फॉर्मूले पर चलेगी.

इस शुभ काम की शुरुआत शुक्रवार, नए साल के पहले दिन से हो चुकी है. एक RTI के जवाब में पता चला है कि संसद की कैंटीन को पिछले पांच साल में 60.7 करोड़ रुपए की सब्सिडी मिल चुकी है. बाहर मार्केट में आग लगी पड़ी है. हर चीज के दाम बढ़े हैं. संसद में सस्ते खाने पर रोज बमचक होती थी. बमचक की स्पीड कम करने के लिए सब्सिडी खत्म की गई है.
अब जो वेज थाली मिलती थी 18 रुपए में वो 30 रुपए में मिलेगी. नॉनवेज वाली 33 की जगह 60 रुपए में मिलेगी. तीन कोर्स का खाना मिलेगा 90 रुपए में. जो अब तक 61 रुपए में था. चिकन करी मिलेगी 40 रुपए में. ये थी 29 रुपए की.
लेकिन फिकर में दुबले होने की जरूरत नहीं है. हमारे नेता जी लोगों की जेब पर बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ेगा. इधर खाने का रेट 10-20 बढ़ेगा. आगे उनकी सैलरी लाखों में बढ़ जाएगी. ले देकर सब बराबर हो जाएगा.