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श्रीलंका: भूखे-प्यासे लोगों ने तेज किया प्रदर्शन, तो राष्ट्रपति ने लगा दी इमरजेंसी!

श्रीलंका की सेना अब किसी को भी बिना कारण बताए अरेस्ट कर सकती है.

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प्रदर्शन के बीच श्रीलंका में लगाया गया आपातकाल. (फोटो- रॉयटर्स और आजतक)
भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका में इमरजेंसी का ऐलान कर दिया गया है. ये खबर बीती रात आई. श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने शुक्रवार की रात यानी 1 अप्रैल 2022 को देश में आपातकाल लगा दिया. राष्ट्रपति राजपक्षे ने ये फैसला तब लिया, जब श्रीलंका आर्थिक तौर पर अपने सबसे खराब दौर से गुजर रहा है और इस वजह से देश की जनता सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रही है. राष्ट्रपति से नाराज लोग लगातार उनके घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे. राजपक्षे से इस्तीफा मांगा जा रहा है. कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हिंसक भी हो गया.
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श्रीलंका में विरोध प्रदर्शन के दौरान पत्थरबाजी करता एक व्यक्ति. (फोटो: रॉयटर्स)

राष्ट्रपति राजपक्षे ने आपातकाल के ऐलान के साथ श्रीलंकाई सेना को प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी की खुली छूट दे दी है. सेना प्रदर्शनकारियों को बिना कारण बताए लंबे समय तक के लिए गिरफ्तार कर सकती है. राजपक्षे का कहना है कि ये फैसले श्रीलंका में कानून व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने और जरूरी सामानों की सप्लाई जारी रखने के लिए किए गए हैं. खराब आर्थिक हालात श्रीलंका की मौजूदा आर्थिक स्थिति पर अगर आप ये कहें कि इस देश में 'खाने के लाले पड़े हैं', तो कहना गलत नहीं होगा. जिस दौर से श्रीलंका गुजर रहा है, वो दौर दशकों में नहीं देखा गया. खजाना लगभग खाली हो गया है. विदेशी मुद्रा इतनी कम बची है कि ये देश अपनी जरूरत का ईंधन तक नहीं जुटा पा रहा है. श्रीलंका में पेट्रोल-डीज़ल और LPG गैस की भारी किल्लत हो गई है. सिर्फ इतना ही नहीं, खाने-पीने का सामान इतना कम हो गया है कि कीमतें आसमान छू रही हैं. आम आदमी के लिए जीने की जरूरत का सामान खरीदना मुश्किल हो रहा है. पावर सप्लाई में कटौती लोगों के लिए अलग सिर दर्द बन गई है. एक दिन में 13-13 घंटे बिजली की कटौती हो रही है.
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श्रीलंका में ईंधन के लिए लाइन में लगे लोग. (फोटो- रॉयटर्स)

अपनी सरकार का बचाव कर रहे राष्ट्रपति राजपक्षे का कहना है कि देश की ये आर्थिक स्थिति कोरोना महामारी की देन है. उनके मुताबिक, महामारी से श्रीलंका का टूरिज़्म बुरी तरह प्रभावित हुआ, जिसने देश की आर्थिकी को गहरी चोट पहुंचाई.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रदर्शनों के दौरान हिंसा के बाद पुलिस ने 50 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है. रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की एक बस, एक जीप और दो मोटरसाइकिलों में आग लगा दी, जिसमें पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए. प्रदर्शन सिर्फ कोलंबो तक ही सीमित नहीं था. गाले, मटारा, मोराटुआ में भी सरकार के खिलाफ प्रदर्शनकारी सड़क पर उतरे. लगभग 2 करोड़ 20 लाख की आबादी वाले इस देश के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों में भी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हुए.
राष्ट्रपति राजपक्षे ने आपातकाल लगाने के लिए श्रीलंका के संविधान के अनुच्छेद 155 का इस्तेमाल किया है. और इस फैसले को कोर्ट में चैलेंज नहीं किया जा सकता. श्रीलंका में आपातकाल का ये फैसला एक महीने तक के लिए ही वैध है. संसद में 14 दिन के अंदर आपातकाल का प्रस्ताव पास होना चाहिए, नहीं तो ये फैसला अवैध मान लिया जाएगा. इस बीच इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने श्रीलंका को 6 हजार मीट्रिक टन तेल सप्लाई करने की बात कही है. साथ ही साथ भारतीय व्यापारियों की तरफ से श्रीलंका को 40 हजार टन चावल देने की बात कही गई है.