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साउथ कोरिया वाले प्लेन से टकराई थी चिड़िया, लेकिन पक्षी कैसे करवा देते हैं प्लेन क्रैश?

South Korea Plane Crash: ये आशंका जताई जा रही है किसी पक्षी के टकराने से लैडिंग गियर में गड़बड़ी हो गई थी. जिससे इतना भयंकर हादसा हो गया. लेकिन पक्षियों के टकराने से प्लेन कैसे क्रैश होता है और क्या है Belly Landing? आइए जानते हैं.

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आशंका जताई जा रही है कि पक्षी के टकराने से लैडिंग गियर में गड़बड़ी हुई थी (फोटो: AP)

दक्षिण कोरिया के मुआन इंटरनेशनल एयरपोर्ट में एक विमान हादसे में 179 लोगों की मौत हो गई है (South Korea Muan plane crash). जबकि 2 लोग बुरी तरह घायल हो गए हैं. बताया जा रहा है कि प्लेन ‘बेली लैंडिंग’ की कोशिश कर रहा था और इसके बाद रनवे में उतरते वक्त दीवार से जा टकराया. ये आशंका जताई जा रही है किसी पक्षी के टकराने से लैडिंग गियर में गड़बड़ी हो गई थी. जिससे इतना भयंकर हादसा हो गया. लेकिन पक्षियों के टकराने से प्लेन कैसे क्रैश होता है और क्या है बेली लैंडिंग (What is Belly Landing)? आइए जानते हैं.

पक्षियों के टकराने से कैसे होता है हादसा?

पक्षियों का टकराना प्लेन के लिए खतरनाक हो सकता है. दिन भर में प्लेन से पक्षियों के टकराने की कई घटनाएं होती है. लेकिन कभी-कभी छोटे से पक्षी की वजह से बड़े हादसे हो जाते हैं. ये भी निर्भर करता है कि पक्षी प्लेन के किस हिस्से से टकरा रहा है. जब कोई पक्षी प्लेन के एयरफ्रेम से टकराता है तो उससे ज्यादा खतरा हो सकता है. कई मामलों में प्लेन के पंखों से पक्षी टकरा जाते हैं. जिससे इंजन को नुकसान होता है और ऐसे में लैंडिंग गियर सिस्टम खराब हो जाता है, जिससे ‘बेली लैंडिंग’ करानी पड़ती है. जिससे बड़ा हादसा हो सकता है.

इसके अलावा प्लेन से पक्षी टकराने की घटनाएं ज्यादातर उड़ान भरने और उतरने के दौरान होती हैं. हवाई क्षेत्र या एयरपोर्ट के आस-पास पक्षियों की मौजूदगी से पक्षियों के टकराने की आशंका बढ़ जाती है. छोटे प्लेन में आम तौर पर बड़े प्लेनों की तुलना में पक्षियों के टकराने से हादसा होना का खतरा ज्यादा होता है.

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क्या है बेली लैंडिंग?

बेली लैंडिंग एक इमरजेंसी लैंडिंग प्रक्रिया होती है. जिसमें प्लेन अपने लैंडिंग गियर को खोले बिना जमीन पर लैंड करता है. बेली लैंडिंग के लिए प्लेन अपने पेट (बेली) यानी निचले हिस्से का प्रयोग करता है. ऐसा अक्सर प्लेन की लैंडिंग गियर में यांत्रिक खराबी की वजह से होता है. लैंडिंग गियर पूरा सिस्टम होता है, जिसमें प्लेन के टायर बगैरा शामिल होते हैं.

बेली लैंडिंग के दौरान, आमतौर पर हवाई जहाज को बहुत ज़्यादा नुकसान होता है. बेली लैंडिंग में यह जोखिम होता है कि अगर विमान बहुत तेज़ी से या बहुत ज़ोर से लैंड करता है तो वह पलट सकता है, बिखर सकता है या आग पकड़ सकता है. जैसा कि साउथ कोरिया प्लेन क्रैश के दौरान हुआ.

वीडियो: कजाकिस्तान में हुए प्लेन क्रैश के बाद वीडियो में क्या दिखा?