26 दिसंबर 2019. ये तारीख 2019 की एक अहम तारीख थी.
सूर्य ग्रहण के वक्त PM ने जो काला चश्मा पहना था, वो तीन हज़ार का है या डेढ़ लाख का?
सूर्य ग्रहण के लिए पहने चश्मे का ब्रांड जानने के लिए लोग बेताब हैं.

पहली वजह- साल का तीसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण लगा. एनुलर सूर्य ग्रहण. अब ये क्या बला है? ये जानने के लिए यहां क्लिक करें. दूसरी वजह- पीएम मोदी के काले चश्मे वाली फोटो ट्विटर पर जमकर वायरल हुई. चश्मे की कीमत जानने के लिए लोगों के बीच रेस लग गई.
पहली वजह तो समझ आ गई, लेकिन दूसरी वजह पर बात करना बेहद जरूरी है. शुरू से शुरुआत करते हैं.
अब भई सूर्य ग्रहण लग रहा था, तो हर बार की तरह हर कोई इसे देखना चाह रहा था. यही चाहत पीएम नरेंद्र मोदी की भी थी. उन्होंने भी सूर्य ग्रहण देखने की कोशिश की, लेकिन बादलों ने उन्हें नाकाम कर दिया. एक साथ सब सूरज के सामने आ गए और पीएम मोदी ग्रहण देख नहीं पाए. फिर उन्होंने सोचा कि ट्वीट कर दिया जाए. कुछ तस्वीरें डालीं. लिखा,
'अन्य भारतीयों की तरह, मैं भी #Solareclipse2019 के लिए उत्साहित था. हालांकि, मैं सूर्य को नहीं देख सका क्योंकि यहां पूरी तरह से बादल छाए रहे. लेकिन मैंने लाइव स्ट्रीम के जरिए कोझिकोड में सूर्य ग्रहण देखा. साथ ही इसको लेकर मैंने एक्सपर्ट्स के साथ बातचीत की.'
ट्वीट का कैप्शन तो वायरल नहीं हुआ, लेकिन तस्वीरें सोशल मीडिया पर जमकर छा गईं. इन तस्वीरों में पीएम मोदी काला चश्मा लगाए हुए दिख रहे हैं. तस्वीर पर मीम बनने शुरू हो गए. खैर, बात यहीं पर खत्म नहीं हुई. बात निकली, तो दूर तक गई. लोगों ने मोदी के काले चश्मे पर बातें शुरू कर दीं. उसकी कीमत जाननी चाही.
कुछ लोगों ने तो बाकायदा तस्वीर ज़ूम करके, चश्मे पर बने लोगो को देखकर ये दावा कर डाला कि वो किस ब्रांड का है और उसकी कीमत क्या है. एक यूज़र ने दावा किया कि पीएम ने जर्मन सनग्लासेज लगाए हैं. मैकबेथ ब्रांड है. कीमत 1.6 लाख है.
दूसरे एक यूज़र ने इसी ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए कहा कि चश्मे की कीमत 1.6 लाख नहीं है. दावा किया कि चश्मा रेट्रो बफेलो हॉर्न ब्रांड का है. कीमत 3 हज़ार से 5 हज़ार के बीच है. साथ ही लिखा, 'कुछ भी डाल दोगे भैया मोदी की नफरत में? लोग रिट्वीट कर ही देंगे.'
इन दोनों ट्वीट पर कुछ लोग कह रहे हैं कि वो पीएम हैं, सैलेरी भी मिलती है उन्हें, उनकी मर्जी वो जितने भी रुपए का चश्मा पहनें. कुछ लोग सनग्लासेज की कीमत देखकर मोदी की आलोचना कर रहे हैं. खैर, असल में ये किस ब्रांड का चश्मा है, ये तो साफ नहीं है, लेकिन इतना जरूर साफ है कि साल 2019 के आखिरी दिनों में वायरल होने वाली दुर्लभ तस्वीरों में से एक तस्वीर पीएम मोदी की भी अब बन ही चुकी है.
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