सिंघु बॉर्डर पर हत्या के दूसरे आरोपी Narayan Singh को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. (फोटो-ANI)
सिंघु बॉर्डर हत्याकांड में पुलिस ने दूसरी गिरफ़्तारी की है. नारायण सिंह नाम के निहंग को उसके गांव से गिरफ़्तार किया गया है. पुलिस के मुताबिक़, हत्या के बाद नारायण, अपने गांव चला गया था. शनिवार 16 अक्टूबर को पुलिस ने नारायण सिंह को उसके गांव अमरकोट से गिरफ़्तार किया. अमृतसर ग्रामीण एसएसपी राकेश कौशल ने बताया,
हमने उसे उसके गांव के एक गुरुद्वारे के बाहर गिरफ्तार किया. जब उसे लगा कि वह बच नहीं सकता, तो वह बाहर आया. हरियाणा पुलिस ने जानकारी दी है कि उनकी टीम सोनीपत से रवाना हो गई है. हम उसे कानून के अनुसार उन्हें सौंप देंगे. अगर वे नहीं आते हैं, तो हम यहां उनकी जांच करेंगे. उसने (नारायण सिंह) कबूल किया है कि उन्होंने लखबीर को मार डाला. उसका कहना है कि जब उसे बताया गया कि लखबीर ने गुरु ग्रंथ साहिब का अपमान किया है, तो वह क्रोधित हो गया और उसका पैर काट दिया ज्यादा खून बहने से लखबीर की मौत हो गई.
वहीं दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक, निहंग नारायण सिंह का कहना है कि गुरु ग्रंथ साहिब के अपमान की कितनी घटनाएं सामने आईं, लेकिन पुलिस ने सहयोग नहीं किया. एक भी आरोपी पर कार्रवाई नहीं की गई. इस घटना में आरोपी को सरेआम पकड़ लिया गया और उस समय जो ठीक लगा, निहंग जत्थेबंदियों ने वही किया.
वहीं दूसरी ओर सोनीपत कोर्ट ने हत्याकांड के आरोपी सबरजीत सिंह को 7 दिन की पुलिस कस्टडी में भेजा दिया है. हरियाणा पुलिस ने निहंग सरबजीत सिंह की 14 दिन की रिमांड मांगी थी लेकिन कोर्ट ने उसे सात दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया. सबरजीत सिंह ने शुक्रवार शाम को हत्या की ज़िम्मेदारी ली थी और पुलिस के सामने सरेंडर किया था. अपने स्टेटमेंट में उसने चार और लोगों को नामज़द किया. मामले की जांच चल रही है. सोनीपत के डीएसपी विरेंद्र सिंह ने बताया इस मामले में 5 से ज़्यादा आरोपी हो सकते हैं.
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में क्या है?
मृतक की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आ गई है. रिपोर्ट के मुताबिक मृतक के शरीर पर चोट के 37 निशान पाए गए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, युवक के खिलाफ तेज धार वाले हथियार के साथ ही लाठी-डंडे और अन्य हथियारों का भी इस्तेमाल किया गया है. मौत का कारण ज्यादा खून बहना बताया जा रहा है. बता दें कि सिंघु बॉर्डर पर 15 अक्टूबर को एक युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. मृतक की पहचान लखबीर सिंह के रूप में हुई थी. परिवार का आरोप है कि इस हत्या के पीछे कोई साजिश है. उनका कहना है कि ज़रूर किसी ने लखबीर को सिखों के पवित्र ग्रंथ की बेअदबी करने के लिए उकसाया होगा. लखबीर के साले सुखबीर ने इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा –
“लखबीर कभी पवित्र ग्रंथ की बेअदबी नहीं कर सकते थे. उन्हें ज़रूर किसी ने उकसाया होगा, भड़काया होगा. वो पिछले हफ्ते 50 रुपये लेकर घर से निकले थे. हमें तो अंदाजा भी नहीं था कि वे सिंघु बॉर्डर पर हो सकते हैं. हमें न्याय चाहिए. जिसने भी उन्हें उकसाया हो, उसे ढूंढा जाना चाहिए.”
सुखबीर ने कहा कि अगर लखबीर ने पवित्र ग्रंथ की बेअदबी की भी थी तो निहंगों को उनकी हत्या नहीं करनी चाहिए थी. वे कहते हैं कि निहंगों को चाहिए था कि उन्हें पकड़ लेते, बांध लेते और उनके होश में आने का इंतज़ार करते ताकि पूछताछ की जा सके, लेकिन हत्या तो नहीं करनी चाहिए थी.