कौन सी किताब है ये?
किताब का नाम है 'दी अनार्की: दी रिलेंटलेस राइज़ ऑफ़ द ईस्ट इंडिया कंपनी'. जिसका मोटा-माटी मतलब कुछ यूं हुआ. 'अराजकता: ईस्ट इंडिया कंपनी का उदय'. 2019 में पब्लिश हुई ये किताब बड़ी मशहूर रही है. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इसे अपनी टॉप टेन किताबों में शामिल किया था. बहुत कम समय में इस किताब ने एक ऐतिहासिक दस्तावेज के समान इम्पोर्टेंस हासिल कर ली है. शायद यही वजह है कि इसे एक सीरीज़ में तब्दील करने का सोचा गया.क्या है इस किताब में?
ये किताब ईस्ट इंडिया कंपनी की शुरुआत से लेकर उसके दुनियाभर में छा जाने तक के सफ़र को दर्शाती है. 1599 में अपनी स्थापना से लेकर 1803 में भारतीय उपमहाद्वीप पर कब्ज़े तक का सफर. टूटता-बिखरता मुग़ल साम्राज्य और क्षेत्रीय ताकतों की मज़बूती के दौर में कैसे एक कंपनी आहिस्ता-आहिस्ता विशाल होती गई, इसकी कहानी है 'दी अनार्की'. लंदन में पांच खिड़कियों वाली एक इमारत में तीस लोगों के साथ शुरू हुई ये कंपनी, एक दिन दुनिया के सबसे अमीर और सबसे शक्तिशाली साम्राज्य में बदल गई. ये सब पढ़ना लोगों को बहुत दिलचस्प लगा और किताब खूब पॉपुलर हुई. अब हिंदी के दर्शक इसे सीरीज़ के रूप में देखेंगे.
कम समय में बेहद मशहूर हो गई ये किताब.
कौन-कौन जुड़े हैं प्रोजेक्ट से?
जैसा कि हमने बताया सिद्धार्थ रॉय कपूर ने इसके अधिकार हासिल किए हैं. सिद्धार्थ 'दंगल' जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्म प्रड्यूस कर चुके हैं. वॉल्ट डिज़्नी कंपनी इंडिया के भूतपूर्व एमडी रह चुके सिद्धार्थ इस वक्त प्रड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट हैं. वो इस प्रोजेक्ट के लिए लेखकों और श्रोताओं की एक टीम को साथ लाना चाहते हैं. जो इस सीरीज को शानदार बना सकें. उनका कहना है,"आज जब ये बहस छिड़ी हुई है कि बड़ी-बड़ी कम्पनियां और पावरफुल व्यक्ति, राष्ट्रों और लोगों के दिमागों पर कंट्रोल रखना चाहते हैं, ऐसे में इससे ज़्यादा प्रासंगिक क्या होगा कि लोग ऐसी सच्ची कहानी देखें जिसमें एक छोटी सी कंपनी ने पूरा उपमहाद्वीप काबू में कर लिया था. कुछ कहानियां ऐसी होती हैं जो सम्मोहक, प्रासंगिक और प्रामाणिक होती हैं. उनमें सभी राष्ट्रीयताओं और संस्कृतियों के दर्शकों के साथ कनेक्ट करने की क्षमता होती है. विलियम डेलरिम्पल का ये महाकाव्य ऐसी ही कहानियों में से एक है"लेखक विलियम डेलरिम्पल इस प्रोजेक्ट से एक सलाहकार के रूप में जुड़े हुए हैं.

विलियम डेलरिम्पल 'आखिरी मुग़ल' जैसी ऐतिहासिक परिदृश्य वाली किताबें लिखने के लिए फेमस हैं.
वो कहते हैं,
"मुझे लगता है कि 'द अनार्की' सबसे उचित किताब होगी एक सीरीज़ के रूप में डेवलप करने के लिए. और भारत में इसे सिद्धार्थ रॉय कपूर से बेहतर कोई और बना ही नहीं सकता. इसके शुरूआती नोट को जिस तरह से तैयार किया गया है उसे देखकर मैं बेहद उत्साहित हूं. इसके किरदारों के साथ मैं पिछले 6 साल से हूं. ये बेहद अतुलनीय और रोमांचित कर देने वाला पल है और मुझे इस प्रोजेक्ट से काफी उम्मीदें हैं."अभी इस सीरीज़ की कास्टिंग, शूटिंग शेड्यूल, रिलीज़ की संभावित डेट्स वगैरह के बारे में कुछ तय नहीं है. जैसे-जैसे डिटेल्स आती रहेंगी, 'दी लल्लनटॉप' आपको अपडेट करता रहेगा.
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