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श्रीकांत त्यागी का खुलासा- 'गाड़ी में लगा विधानसभा स्टीकर स्वामी प्रसाद मौर्य से मिला'

श्रीकांत त्यागी की गिरफ्तारी के बाद यूपी पुलिस ने मंगलवार 9 अगस्त को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की.

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श्रीकांत त्यागी, गाड़ी पर लगा स्टीकर और स्वामी प्रसाद मौर्य.

नोएडा (Noida) की ग्रैंड ओमैक्स सोसायटी (Grand Omaxe Society) में महिला के साथ बदसलूकी और गाली-गलौज करने वाले श्रीकांत त्यागी (Shrikant Tyagi) ने बड़ा खुलासा किया है. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक गिरफ्तार होने के बाद श्रीकांत त्यागी ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि उसकी गाड़ी में जो विधानसभा सचिवालय का स्टीकर लगा था, वो उसे स्वामी प्रसाद मौर्य ने दिया था.

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मौर्य पहले यूपी की बीजेपी सरकार में मंत्री थे. लेकिन इस साल के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले वे सपा में शामिल हो गए थे. बाद में उन्होंने एसपी की टिकट पर फाजिल नगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन वे सुरेंद्र कुमार कुशवाहा से हार गए थे.

क्या बोली यूपी पुलिस?

श्रीकांत की गिरफ्तारी के बाद यूपी पुलिस ने मंगलवार 9 अगस्त को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसमें पुलिस के आला अधिकारियों ने बताया,

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"इसके पास जो वाहन मिले हैं वो सभी 0001 (नंबर के) हैं जिनके लिए इसने 1 लाख रुपये क़ीमत दी है. जो विधायक का स्टीकर इसकी गाड़ी पर था वो इसके पुराने सहयोगी स्वामी प्रसाद मौर्य ने इसको मुहैया करवाया था. जो राजकीय चिह्न था, वो इसने खुद बनवाया. मकसद था दूसरों के सामने रसूख दिखाकर भय का वातावरण कायम कर सके."

पुलिस के मुताबिक त्यागी ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि उसने आक्रोश में ऐसा किया, महिला के प्रति उसका व्यवहार ठीक नहीं था. उसने बताया, 

"मामला सामने आने के बाद पुलिस ने खुद पीड़िता से संपर्क कर उनकी शिकायत पर कार्रवाई की. वायरल वीडियो में दिख रहे व्यक्ति की तलाश शुरू की गई. पुलिस ने बताया कि श्रीकांत पुलिस से भाग रहा था. उसकी गिरफ्तारी के लिए पहले 8 टीमें बनाईं, मैनहंट लॉन्च किया गया, फिर 12 टीमें बनाई गईं."

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आजतक से जुड़े अरविंद ओझा के मुताबिक पुलिस ने कहा कि पुलिस टेक्निकल, ह्यूमन इंटेलिजेंस और सीसीटीवी की मदद से आरोपी का पीछा करती रही. उसने श्रीकांत को शातिर बताया, जो खुद को छिपा रहा था. नोएडा के सीपी आलोक कुमार ने कहा,

“उसको शरण देने वालों को ट्रैक किया गया. नकुल त्यागी और संजय उसके साथी हैं. ड्राइवर राहुल मुख्य मददगार था. आज मेरठ से इसको इसके साथियों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया जोकि बड़ी चुनौती थी.”

अधिकारी ने आगे बताया,

“ये यहां से भागता रहा. पहले दिल्ली के एयरपोर्ट जा रहा था. वीडियो वायरल था तो पकड़े जाने के डर सर वहां नहीं जा सका. फिर मेरठ पहुंचा, कुछ वक्त वहां रुका. सारे डिवाइस बदले. फिर शनिवार को हरिद्वार से ऋषिकेश गया. रविवार को वापस यूपी आया. शाम के बाद फिर सारे डिवाइस बदले. बाद में मेरठ, मुज़फ्फरनगर, बागपत में रहा.”

बीजेपी से हैं संबंध

इससे पहले श्रीकांत त्यागी का बीजेपी के साथ संबंध होने का पता चला था. साल 2018 की एक चिट्ठी से पता चलता है कि श्रीकांत त्यागी के बीजेपी से संबंध थे.

27 अगस्त 2018 के एक नियुक्ति पत्र (Appointment Letter) में साफ कहा गया है कि श्रीकांत त्यागी बीजेपी किसान मोर्चा की युवा किसान समिति के राष्ट्रीय सह-संयोजक हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, एक बीजेपी नेता ने ही इसकी पुष्टि की है कि चिट्ठी असली है. नेता ने बताया,

“त्यागी अगस्त 2018 से अप्रैल 2021 तक टीम का हिस्सा रहा. किसान मोर्चा में ज्यादा से ज्यादा युवाओं की भागीदारी की जरूरत के चलते ये विंग बनाया गया था. उस समय कई लोगों को नियुक्त किया गया था. त्यागी के अलावा मीडिया सलाहकार, सोशल मीडिया सलाहकार और सचिव जैसे पदों पर लगभग 20 नियुक्तियां की गई थीं.”

रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी बीजेपी के एक अन्य सूत्र ने बताया कि त्यागी मोदीनगर से चुनाव लड़ने के लिए टिकट मांग रहा था लेकिन इस पर विचार नहीं किया गया. इतना ही नहीं, श्रीकांत त्यागी को पुलिस सुरक्षा भी दी गई थी. गाजियाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनिराज जी ने बताया कि त्यागी को डेढ़ साल तक सुरक्षा मिली हुई थी. उनका कहना है कि जिला समिति की रिपोर्ट के आधार पर खतरे की आशंका के चलते उसे अक्टूबर 2018 और फरवरी 2020 के बीच सुरक्षा दी गई. फिर फरवरी 2020 के बाद सुरक्षा हटा दी गई थी.

वीडियो: श्रीकांत त्यागी का बीजेपी कनेक्शन आया सामने! यूपी पुलिस ने क्यों दी थी सिक्योरिटी?

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