महाराष्ट्र (Maharashtra) में BJP के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन के दो प्रमुख दलों में टकराव की स्थिति बन गई है. मामला अजित पवार (Ajit Pawar) की तस्वीर पर काला कपड़ा डालने से शुरु हुआ. 10 सितंबर को पुणे जिले के बारामती में शिव सेना (एकनाथ शिंदे) और नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (अजित पवार) के कार्यकर्ताओं के बीच बहस हो गई. मामला विरोध-प्रदर्शन तक पहुंच गया. आखिर में पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा. न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, शिव सेना (एकनाथ शिंदे) के जिला अध्यक्ष सुरेंद्र जेवरे को हिरासत में ले लिया गया.
महाराष्ट्र: अजित पवार की तस्वीर पर 'शिंदे सेना' नेता ने काला कपड़ा डाल दिया, चुनाव से पहले महायुति गठबंधन में चल क्या रहा है?
Maharashtra Politics: शिव सेना (शिंदे गुट) के नेता ने ‘एकनाथ गणेश उत्सव’ का आयोजन किया था. इसमें Ajit Pawar को आमंत्रित किया गया था. लेकिन वो पहुंचे नहीं. इसके बाद विरोध के तौर पर उनके कट-ऑफ पर काला कपड़ा फेंक दिया गया.

दरअसल, हुआ यूं कि सुरेंद्र जेवरे ने भीगवान चौक पर गणेश उत्सव का आयोजन किया था. इस उत्सव को ‘एकनाथ गणेश उत्सव’ का नाम दिया गया था. उन्होंने उपमुख्यमंत्री अजित पवार को आमंत्रित किया था. लेकिन पवार इस उत्सव में नहीं आ सकें. इसके बाद शिव सेना नेता सुरेंद्र जेवरे ने एक कट-आउट को काले कपड़े से ढक दिया. उस पर अजित पवार की तस्वीर लगी थी. जेवरे उनके उत्सव में नहीं आने से नाराज थे. इसके बाद NCP के कार्यकर्ताओं ने वहां प्रोटेस्ट शुरु कर दिया.
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राज्य में महायुति गठबंधन की सरकार है. गठबंधन भाजपा, शिवसेना और NCP शामिल है. शिवसेना का नेतृत्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे करते हैं. वहीं NCP का नेतृत्व करने वाले अजित पवार राज्य के उपमुख्यमंत्री हैं. उत्सव स्थल पर शिंदे और पवार के साथ राज्य के दूसरे उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के भी बड़े-बड़े कट-आउट लगाए गए थे.
सुरेंद्र जेवरे ने PTI से कहा,
"कार्यक्रम में शामिल होना उनकी (अजित पवार की) जिम्मेदारी थी. क्योंकि हमने तीन-चार बार उनसे आग्रह किया था कि वो आएं और महोत्सव का उद्घाटन करें. दादा (पवार को इसी नाम से पुकारा जाता है) ने बारामती में छोटे (गणेश) मंडलों का दौरा किया, लेकिन एकनाथ गणेश महोत्सव में नहीं आए. यह मुख्यमंत्री शिंदे का अपमान था."
उन्होंने बताया कि विरोध के तौर पर उन्होंने पवार के कट-आउट को काले कपड़े से ढक दिया. इसके बाद कार्यक्रम स्थल पर तनाव की स्थिति बन गई. नगर परिषद के अधिकारियों ने वहां से शिंदे और दोनों उपमुख्यमंत्रियों के कट-आउट को हटा दिया.
Ajit Pawar ने क्या कहा?इस मामले पर अजित पवार ने कहा है कि इस तरह की प्रतिक्रिया की कोई आवश्यकता नहींं थी. उन्होंने बताया कि वो पुणे शहर के मंडलों का दौरा कर रहे हैं. और वो बारामती में भी जाने की योजना बना रहे हैं. पवार ने कहा मंडल के सदस्यों को ऐसा नहीं करना चाहिए था क्योंकि वो उस कार्यक्रम में नहीं जा सके. उन्होंने कहा कि वो इस मामले पर बात नहीं करना चाहते. वो एकनाथ शिंदे से बातचीत करेंगे.
इससे पहले खबर आई थी कि ‘लाडकी बहिन योजना’ के क्रेडिट के लिए CM शिंदे और अजित पवार की पार्टी आमने-सामने आ गई थी.
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