शेयर मार्केट बहुत लोचे वाला मार्केट है. कुछ भी पक्का नहीं है. कब कौन अर्श से फ़र्श पर और फ़र्श से अर्श पर चला जाए… कोई जाने न. तुक्के और सुयोग का गेम है, लेकिन इसमें कुछ पैटर्न होते हैं. इन्हीं पैटर्न को पढ़-देखकर कुछ लोग बन जाते हैं बिचौलिये, नसीहती. ये बताते हैं कि फ़लानी जगह पैसा लगाओ, फ़लानी से पैसा खींच लो. अब कहीं इनका तुक्का भिड़ गया, तो ठीक. नहीं भिड़ा, तो कोई गारंटी नहीं. बाज़ार नियामक SEBI तक इनकी सलाह से सतर्क रहने की चेतावनी दे चुका है, मगर इनका धंधा धड़ल्ले से चलता रहता है. कोई इंस्टाग्राम पर बाक़ायदा वीडियो बनाकर नसीहतें बांट रहा है, कोई टेलिग्राम पर ज्ञान ठेल रहा है. मगर अब नहीं. SEBI ने पॉपुलर इंफ़्लूएंसर रविंद्र बालू भारती पर 12 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है (SEBI orders influencer Ravindra Balu Bharti to pay ₹12 crore).
शेयर मार्केट में सलाह बांटते थे, 20 लाख फॉलोअर्स, अब SEBI ने लगा दिया 12 करोड़ का जुर्माना!
सोशल मीडिया के नसीहती बताते हैं कि फ़लानी जगह पैसा लगाओ, फ़लानी से पैसा खींच लो. अब कहीं इनका तुक्का भिड़ गया, तो ठीक. नहीं भिड़ा, तो कोई गारंटी नहीं. अब SEBI ने Ravindra Balu Bharti पर क्यों एक्शन लिया.

रविंद्र बालू भारती सोशल मीडिया पर अच्छे ख़ासे पॉपुलर हैं. 20 लाख से ज़्यादा फ़ॉलोअर्स हैं. अपनी पत्नी के साथ 2016 से 'रविंद्र भारती एजुकेशनल इंस्टीट्यूट प्राइवेट लिमिटेड' (RBEIPL) चला रहे थे. शेयर बाजार से संबंधित एजुकेशन देते थे.
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सेक्योरिटी ऐंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया (SEBI) ने भारती पर ग़ैर-क़ानूनी तरीक़े से नफ़ा कमाने के आरोप लगाए हैं. कहा कि उनकी संस्था बिना रजिस्ट्रेशन या ऑथराइज़ेशन के ही एजुकेशन दे रही थी. इसके अलावा निवेशकों को बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं. 25% से 1000% तक रिटर्न का अनुमान लगाकर और सलाहकार सेवाएं देने का लालच देकर मोटा शुल्क लिया जाता है.
इसीलिए निवेशकों के हितों की रक्षा और बाजार की अखंडता को बनाए रखने के लिए SEBI ने भारती पर जुर्माना लगाया है. साथ ही उनकी पत्नी सुभांगी को भी बाज़ार में निवेश करने से बैन कर दिया गया है.
सेबी किसी भी ऑथराइज़्ड रिसर्च ऐनालिस्ट और इनवेस्टमेंट ऐडवाइज़र को सोशल मीडिया पर अपनी रीच बढ़ाने से नहीं रोकता, या नहीं रोक सकता. इसीलिए निवेश करने वालों को ही अपने विवेक का इस्तेमाल करना होगा. गांठ बांध कर रखने वाली बात ये है कि शेयर बाज़ार में किसी के नुक़सान से ही किसी और को मुनाफ़ा होता है. भले ही आप किसी भी सलाहकार की सलाह मानें, आप उससे अपने नुक़सान का हिसाब नहीं मांग सकते. क्योंकि जब आपने सलाह मानी, तो उसके साथ नत्थी रिस्क को भी स्वीकार कर लिया है.