फिल्म का फर्स्ट लुक
'सैम' की अनाउंसमेंट विकी के फर्स्ट लुक के साथ ही की गई. इसमें विकी कौशल भारी-भरकम मूंछ के साथ इंडियन आर्मी की वर्दी पहने ऑफिस में बैठे कुछ काम कर रहे हैं. उनके एक हाथ में कलम और दूसरे में चश्मा है. ये फोटो मानेकशॉ के करियर के सेकंड हाफ की लग रही है. क्योंकि उनके बालों की खिचड़ी बन चुकी है (काले और सफेद). साथ ही बैकग्राउंड में सर्वपल्ली राधाकृष्णन की एक फोटो भी टंगी हुई दिख रही है.
फिल्म में क्या दिखाया जाएगा?
सैम मानेकशॉ इंडिया के पहले फील्ड मार्शल थे. लेकिन यहां तक पहुंचने का उनका सफर बहुत दिलचस्प था. अमृतसर में पला-बढ़ा एक पारसी बच्चा पापा की तरह डॉक्टर बनना चाहता था. इसके लिए वो लंदन जाना चाहता था. क्योंकि उसके दो भाई पहले से ही वहां इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे. पापा ने कहा तुम अभी छोटे हो. इस बात से गुस्सा होकर सैम ने इंडियन मिलिट्री में शामिल होने के लिए फॉर्म भरा और सेलेक्ट कर लिए गए. मेरिट लिस्ट में छठे नंबर पर. हो सकता है फिल्म की शुरुआत यहीं से हो.
खैर, यहां से शुरू हुआ सैम का करियर दूसरे वर्ल्ड वॉर (1941) से लेकर भारत की आज़ादी-बंटवारा (1947), इंडिया-चाइना वॉर (1962) और इंडिया-पाकिस्तान वॉर (1971) के बाद खत्म हुआ. 1971 में इंडो-पाक वॉर में उनकी भूमिका का खास ज़िक्र किया जाता है क्योंकि वो पूरी तरह से उनकी प्लानिंग और स्ट्रैटेजी के मुताबिक लड़ा गया. और इसमें इंडिया जीती भी. उनके करियर के कुछ दिलचस्प किस्से हैं, जिनके फिल्म में होने की संभावनाएं काफी प्रबल हैं.
फील्ड पर अपने जवानों के साथ मानेकशॉ.
सात गोली लगने के बावजूद डॉक्टर से मज़ाक
दूसरे विश्व युद्ध (1942) में बर्मा में ब्रिटिश इंडियन आर्मी की ओर से लड़ते हुए सैम को कई गोलियां लग गईं. शेर सिंह नाम के एक साथी जवान ने उन्हें लड़ाई के मैदान से बचाकर निकाला था. सैम को ईलाज के लिए एक ऑस्ट्रेलियन डॉक्टर के पास ले जाया गया. खून में लथपथ बेसुध पड़े सैम का इलाज करने से डॉक्टर ने मना कर दिया. उनका मानना था कि सैम की जान का बचना बहुत मुश्किल है. इसी बीच सैम को होश आ गया. डॉक्टर ने उनसे पूछा कि उन्हें क्या हुआ? मानेकशॉ ने कहा उन्हें गधे ने दुलत्ती मार दी है. इस हालत में भी उनके ह्यूमर की तारीफ करते हुए डॉक्टर ने उनका इलाज शुरू किया. इस दौरान उनकी लंग, किडनी और लीवर से कुल सात गोलियां निकाली गईं. और सैम बच गए.
अपनी टीम से मुखातिब होते मानेकशॉ. उनकी अधिकतर तस्वीरें करियर के सेकंड हाफ की ही हैं.
1971 इंडिया-पाकिस्तान वॉर
1971 तक इंडिया के पूरब में भी पाकिस्तान था और पश्चिम में भी पाकिस्तान. और इन दोनों की आपसी लड़ाई खत्म ही न हो. जब वेस्ट पाकिस्तान (आज का पाकिस्तान) ने ईस्ट पाकिस्तान (आज का बांग्लादेश) में उठ रही आज़ादी की मांग को कुचलना शुरू किया, तब वहां से बहुत बड़ी आबादी (तकरीबन एक करोड़ लोग) अपनी जान बचाने और शरण लेने भारत के पश्चिम बंगाल पहुंच गई. इंडियन इकॉनमी अभी इतना वजन उठाने भर हष्ट-पुष्ट नहीं हुई थी. इसलिए चरमराने लगी. इसके बाद इंदिरा गांधी ने 25 अप्रैल, 1971 को एक मीटिंग बुलाई, जिसमें मानेकशॉ से पूछा गया कि क्या इंडियन आर्मी युद्ध के लिए तैयार है? मानेकशॉ ने मना कर दिया. उन्होंने कहा कि अगर उन्हें कुछ समय दिया गया, तो वो जीत की गारंटी ले सकते हैं. इंदिरा गांधी ने उनकी बात मान ली. वॉर शुरू करने की तारीख तय हुई 4 दिसंबर क्योंकि मानेकशॉ इसे अपना लकी नंबर मानते थे. युद्ध की तैयारियां शुरू हो गईं.
एक मीटिंग के दौरान प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ सैन मानेकशॉ.
3 दिसंबर को फाइनली वॉर शुरू हुआ और शुरुआती चार दिनों में ही इंडियन आर्मी पाकिस्तान पर भारी पड़ चुकी थी लेकिन युद्ध जीतना अभी बाकी था. इतने में पाकिस्तान की पुकार पर अमेरिका ने दखलअंदाज़ी शुरू कर दी. उन्होंने पाकिस्तान की मदद के लिए अपनी नेवी को लगा दिया. अब समय नहीं था. वो बात अलग है कि अपने पास भी रूस का सपोर्ट था. इंदिरा गांधी ने फैसला लिया कि अमेरिकी बेड़े के भारत पहुंचने से पहले पाकिस्तान को सरेंडर के लिए मजबूर करना होगा. सैम मानेकशॉ ने पाकिस्तानी सेना को सरेंडर करने को कहा. पाकिस्तान नहीं माना. इसलिए 14 दिसंबर, 1971 को भारतीय सेना ने एक ऐसी जगह को निशाना बनाया जिसकी पाकिस्तान को उम्मीद नहीं थी. उन्होंने ढाका में पाकिस्तान के गवर्नर के घर पर हमला कर दिया. इसके बाद 16 दिसंबर को फाइनली ईस्ट पाकिस्तान आज़ाद होकर 'बांग्लादेश' बन गया.
1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान एक बर्बाद हो चुके टैंकर के सामने से गुज़रते भारतीय सैनिक.
कश्मीर को भारत का हिस्सा बनाने में भी सैम मानेकशॉ की काफी अहम भूमिका रही थी. कहने का मतलब कि ये चीज़ें उनके करियर की हाइलाइट्स रही थीं. इसलिए फिल्म में इन्हीं मसलों पर ज़्यादा बातचीत होने की संभावना है.
कौन बना रहा है?
इस फिल्म को डायरेक्ट करेंगी मेघना गुलज़ार. मेघना और विकी इससे पहले फिल्म 'राज़ी' में साथ काम कर चुके हैं. मेघना ने अपने एक इंटरव्यू में बताया कि विकी ने ये फिल्म बिना कहानी सुने ही साइन कर ली थी. आने वाले दिनों में मेघना की दीपिका पादुकोण स्टारर 'छपाक' भी रिलीज़ होने वाली है. 'सैम' को प्रोड्यूस करेंगे रॉनी स्क्रूवाला (आरएसवीपी प्रोडक्शन). रॉनी और विकी इससे पहले नेटफ्लिक्स फिल्म 'लव पर स्क्वेयर फुट' और 'लस्ट स्टोरीज़' के अलावा ब्लॉकबस्टर 'उड़ी- दी सर्जिकल स्ट्राइक' पर साथ काम कर चुके हैं. 'सैम' उनका एक साथ चौथा प्रोजेक्ट होगा.
फिल्म 'राज़ी' के प्रमोशन के दौरान मेघना गुलज़ार और आलिया भट्ट के साथ विकी कौशल.
कब आएगी?
फिलहाल तो विकी अपने दूसरे प्रोजेक्ट्स में बिज़ी हैं. मेघना ने अपने एक इंटरव्यू में बताया कि फिल्म की नैरेटिव में पार्टिशन, कश्मीर और इंडिया-पाकिस्तान वॉर जैसे सीन्स हैं और इनकी तैयारी के लिए उन्हें काफी समय की ज़रूरत पड़ेगी. इसलिए फिल्म की शूटिंग दो साल बाद यानी 2021 में शुरू होगी. इस लिहाज़ से रिलीज़ डेट की तो अभी क्या ही बात की जाए.
वीडियो देखें: विकी कौशल बनेंगे उधम सिंह और शूजीत सरकार होंगे डायरेक्टर