चीन ने तकनीक की ऊंचाइयां छूने के सिलसिले में नए पंख जोड़ लिए हैं. वो भी रफ्तार भरे अंदाज में. चीन ने ट्रेन की स्पीड के मामले में ऐसा कारनामा कर दिखाया है कि दुनिया देखती रह गई. पड़ोसी देश ने सिर्फ 2 सेकेंड में 0 से 700 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार पकड़ने वाली ट्रेन टेक्नोलॉजी बनाई है. ना पहिए और ना पटरी से सीधे चिपककर चलना. बस सीधे हवा में उड़ती हुई ट्रेन. ये सब मैग्नेटिक लेविटेशन टेक्नोलॉजी का कमाल है.
2 सेकेंड में 0 से 700 kmph पहुंची ट्रेन की स्पीड! चीन ने तोड़ डाले सारे रिकॉर्ड
Fastest Train China: इस कामयाबी के पीछे 10 साल की मेहनत है. चीन ने वैक्यूम ट्यूब ट्रेन, हाइपरलूप ट्रेवल, स्पेस टेक्नोलॉजी और रेल सेक्टर, तीनों में बड़ा प्लेयर बनने के लिए अपना दावा और भी मजबूत कर लिया है.


CGTN ने चाइनीज मीडिया ग्रुप की रिपोर्ट के हवाले से बताया कि नया वर्ल्ड रिकॉर्ड चीन के एक मैग्नेटिक लेविटेशन टेस्ट व्हीकल ने बनाया है. ये कोई आम ट्रेन नहीं, बल्कि 1.1 टन का एक्सपेरिमेंटल मैग्लेव व्हीकल है, जिसे नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ डिफेंस टेक्नोलॉजी (NUDT) की टीम ने तैयार किया है. 400 मीटर लंबे मैग्लेव ट्रैक पर इस मैग्लेव व्हीकल का स्पीड टेस्ट हुआ.
मैग्लेव व्हीकल सिर्फ 2 सेकंड में 700 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड तक पहुंच गया, जो सुपरकंडक्टिंग मैग्लेव सिस्टम के लिए अब तक की सबसे फास्ट एक्सेलरेशन और पीक स्पीड है. टेस्ट व्हीकल ना केवल तेज भागा, बल्कि सुरक्षित तरीके से रुक भी गया.
ये मैग्लेव आखिर है क्या?
सीधी भाषा में समझें, तो इस ट्रेन के नीचे पहिए नहीं होते. इलेक्ट्रोमैग्नेट की मदद से ट्रेन ट्रैक से थोड़ा ऊपर तैरती है. माने, चुंबक की पावर का इस्तेमाल इस तरह किया जाता है कि ट्रेन ट्रैक के थोड़ा ऊपर हवा में ही लटकी रहती है. मैग्नेटिक प्रोपल्शन सिस्टम से ट्रैक की दीवारों की चुंबक और ट्रेन में लगी चुंबक आपस में खेल करती हैं और ट्रेन सरपट दौड़ पड़ती है.
इस कामयाबी के पीछे 10 साल की मेहनत है. टीम ने कई मुश्किलें पार कीं, जैसे- अल्ट्रा-हाई-स्पीड इलेक्ट्रोमैग्नेटिक प्रोपल्शन, इलेक्ट्रिक सस्पेंशन गाइडेंस, ट्रांजिएंट हाई-पावर एनर्जी स्टोरेज और इन्वर्जन, और हाई-फील्ड सुपरकंडक्टिंग मैग्नेट.
NUDT में प्रोफेसर ली जी ने कहा कि इस टेस्ट के बाद चीन की अल्ट्रा-हाई स्पीड ट्रांसपोर्ट रिसर्च को जबरदस्त रफ्तार मिलेगी. उन्होंने आगे कहा,
"आगे चलकर, हम पाइपलाइन में हाई-स्पीड मैगलेव ट्रांसपोर्ट, एयरोस्पेस इक्विपमेंट टेस्टिंग और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक लॉन्च टेक्नोलॉजी जैसे नए क्षेत्रों पर ध्यान देंगे... इंडस्ट्री, एकेडेमिया, रिसर्च और एप्लिकेशन के बीच गहरे इंटीग्रेशन को बढ़ावा देकर हमारा मकसद नेशनल डिफेंस साइंस और टेक्नोलॉजी में आजादी के साथ इनोवेशन को सपोर्ट करना है."
मतलब साफ है. चीन अब अल्ट्रा-हाई स्पीड मैग्लेव टेक्नोलॉजी में दुनिया के टॉप क्लब में पहुंच चुका है. चीन ने वैक्यूम ट्यूब ट्रेन, हाइपरलूप ट्रेवल, स्पेस टेक्नोलॉजी और रेल सेक्टर, तीनों में बड़ा प्लेयर बनने के लिए अपना दावा और भी मजबूत कर लिया है.
वीडियो: ट्रंप और जेलेंस्की के मीटिंग के पहले रूस ने यूक्रेन पर दागी मिसाइलें












.webp)
.webp)



.webp)

.webp)
.webp)