भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कसके सुनाया है, कनाडा में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का जश्न मनाने वालों को और वहां की सरकार को भी. एस जयशंकर ने कहा कि भारत विरोधी लोगों को अपनी जमीन पर काम करने की इजाजत देना दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों के लिए अच्छा नहीं है.
इंदिरा गांधी की हत्या वाली झांकी दिखाई, ओछी हरकत पर जयशंकर ने कनाडा को बहुत तगड़ा सुनाया
कनाडा में इंदिरा गांधी की हत्या की झांकी निकाले जाने पर भारत ने जताया सख्त एतराज
गुरुवार, 8 जून को दिल्ली में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा,
“कनाडा लगातार अलगाववादियों, चरमपंथियों और हिंसा का समर्थन करने वालों को फलने-फूलने का मौका दे रहा है. हमें इसकी वजह समझ नहीं आती... ये वोट बैंक की राजनीति के अलावा कुछ और नहीं लगता. आप अगर उनके इतिहास को देखें, तब आप कल्पना करेंगे कि वे इतिहास से सीखते हैं और वे इतिहास नहीं दोहराना चाहेंगे. ये केवल एक मुद्दा नहीं हैं. मैं समझता हूं कि अलगाववादियों, आतंकियों, हिंसा की वकालत करने वालों को महत्व देने के पीछे बड़े निहित मुद्दे हैं. लेकिन, मुझे लगता है कि ये संबंधों के लिए अच्छा नहीं है और कनाडा के लिए भी ठीक नहीं है."
इस दौरान एस जयशंकर ने ये भी कहा कि वो खालिस्तान समर्थकों को लेकर ठीक यही मैसेज ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया को भी देना चाहते हैं.
कनाडा क्या बोला?भारत में घटना की आलोचना होने के बाद भारत में कनाडा के उच्चायोग ने भी इसकी निंदा की. कनाडा के उच्चायुक्त कैमरन मैके ने अपने एक ट्वीट में लिखा,
“मैं कनाडा में आयोजित उस कार्यक्रम की खबरें सुनकर हैरान हूं, जिसमें दिवंगत भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का जश्न मनाया गया है. कनाडा में नफरत और हिंसा के महिमामंडन की जगह नहीं है. मैं इस तरह की गतिविधियों की स्पष्ट रूप से निंदा करता हूं.”
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक 4 जून को कनाडा के ब्रैंपटन शहर में खालिस्तान समर्थकों ने 5 किलोमीटर लंबी एक परेड निकाली थी. ऑपरेशन ब्लू स्टार की 39वीं बरसी (छह जून) से 2 दिन पहले ये यात्रा निकाली गई थी. इस यात्रा के दौरान एक चलती हुई गाड़ी पर इंदिरा गांधी की हत्या का दृश्य दिखाया गया था. इसमें खून से सनी साड़ी पहने हुए इंदिरा गांधी का एक पुतला था और दो सिख जवानों के पुतले इंदिरा गांधी के पुतले पर बंदूक ताने दिख रहे थे. इसी झांकी में एक पोस्टर भी लगाया गया था जिसमें लिखा था दरबार साहिब पर हमले का बदला.
बता दें कि जून 1984 में भारतीय सेना ने अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर में खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की थी. इसके बाद 31 अक्टूबर, 1984 को तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके दो सिख सुरक्षाकर्मियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. 4 जून 2023 को कनाडा में खालिस्तानी समर्थकों ने इसी घटना की झांकी का प्रदर्शन किया.
वीडियो: दुनियादारी: पाकिस्तान में इमरान के विरोधियों ने सीक्रेट पार्टी बनाई, आसिम मुनीर ने क्या धमकी दी?