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रूस ने यूक्रेन पर किया घातक हाइपरसोनिक मिसाइल से हमला, दर्जनों सैनिकों की मौत

एयर डिफेंस के चकमा देने में माहिर है हाइपरसोनिक मिसाइल.

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रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमले की शुरुआत की थी. (फोटो- AP/AFP)
रूस ने 19 मार्च को कहा कि उसने यूक्रेन में पहली बार हाइपरसोनिक मिसाइल से हमला किया है. रूस के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि पश्चिमी यूक्रेन में हथियार संग्रह की जाने वाली जगह को तबाह करने के लिए इसका इस्तेमाल किया गया. यह पहली बार है, जब 24 फरवरी से यूक्रेन में शुरू हुई इस जंग के दौरान रूस ने हाइपरसोनिक मिसाइल से हमले को स्वीकार किया है. अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, रूस ने बताया कि 17 मार्च को पश्चिमी यूक्रेन में उसने अपनी अत्याधुनिक किंजहाल मिसाइलों का इस्तेमाल पहली बार किया. हालांकि, रूस के इन दावों पर यूक्रेन सरकार ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. रूस के रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को बताया,
"किंजहाल हाइपरसोनिक मिसाइलों का इस्तेमाल इवानो-फ्रांकिव्स्क क्षेत्र के डेलियाटिन में किया गया. जहां भूमिगत गोदाम में मिसाइल और अन्य हथियार रखे हुए थे. रूसी सेना ने एंटी शिप मिसाइल सिस्टम का इस्तेमाल ब्लैक सी के नजदीक ओडेसा में यूक्रेनी सेना के ठिकानों को तबाह करने के लिए भी किया."
इवानो-फ्रांकिव्स्क क्षेत्र नाटो सदस्य रोमानिया के साथ 50 किलोमीटर की सीमा साझा करता है. किंजहाल मिसाइल सिस्टम रूस के सैन्य खेमे में अत्याधुनिक हथियारों में एक है. राष्ट्रपति पुतिन ने 2018 में राष्ट्र के नाम संबोधन में इस हाइपरसोनिक मिसाइल का उद्घाटन किया था. उन्होंने इसे एक "आदर्श हथियार" बताते हुए कहा था कि यह ध्वनि की रफ्तार से 10 गुणा ज्यादा तेज चलती है और एयर डिफेंस सिस्टम को भी चकमा दे सकती है. दर्जनों सैनिकों की मौत इधर, दक्षिणी यूक्रेन के मायकोलेव में एक मिलिट्री बैरक में हुए हमले में दर्जनों सैनिकों की मौत हो गई. समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि घटनास्थल पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. 22 साल के यूक्रेनी सैनिक मैक्सिम ने बताया,
"बैरक में कम से कम 200 जवान सो रहे थे. कम से कम 50 शव बरामद हो चुके हैं. लेकिन हमें नहीं पता कि मलवे में और कितने फंसे हैं."
वहीं एक और जवान ने 17 मार्च को हुई इस बमबारी में करीब 100 लोगों के मरने की आशंका जताई है. हालांकि, प्रशासन ने अब तक मौत का कोई आंकड़ा जारी नहीं किया है. रूसी सेना पिछले कई दिनों से मायकोलेव पर हमले कर रही थी, जो रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण ओडेसा के पास स्थित है. यह ब्लैक सी से 130 किलोमीटर की दूरी पर है. मायकोलेव की आबादी करीब 5 लाख है. रूस ने यूक्रेन पर 24 फरवरी को हमला शुरू किया था. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इसे 'विशेष सैन्य कार्रवाई' कहते रहे हैं. इस जंग के शुरू होने के बाद दोनों देशों के बीच कई बार बातचीत भी हुई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल पाया. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने 17 मार्च को एक बार फिर रूस से बातचीत की अपील की थी. उन्होंने कहा था कि समय आ गया है कि बातचीत की जाए. जेलेंस्की ने यह भी कहा कि रूस के लिए अपनी गलतियों से होने वाले नुकसान को कम करने का यही एकमात्र मौका है.

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