संसद के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन यानी 19 दिसंबर को दिल्ली वालों से खेल हो गया. देश के रहनुमाओं को प्रदूषण के मुद्दे पर बहस करनी थी. कहा गया कि मुद्दा बहस के लिए पहले से शेड्यूल था. ‘मगर ये हो न सका…’ वाली लाइन याद गई. क्योंकि बहस के बिना ही संसद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया.
यहां लोग जहरीली हवा में घुट रहे, वहां संसद सत्र प्रदूषण पर चर्चा के बिना क्यों खत्म हो गया?
पिछले हफ्ते राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की थी, जिसे सरकार ने भी मान लिया था. लेकिन जब मौका आया तो तमाम माननीय पीछे हट गए. दिल्ली और आसपास के शहरों के लोग बेहद खराब हवा में सांस ले रहे हैं, तब भी यह चर्चा नहीं हो पाई.


इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के कार्यालय से जुड़े सूत्रों ने बताया कि ‘राजनीतिक दलों का मानना था कि सदन का माहौल प्रदूषण जैसे गंभीर मुद्दे पर चर्चा के लिए ठीक नहीं था.’
सत्र के आख़िरी दिनों में यह उम्मीद बनी थी कि उत्तर भारत, खासकर दिल्ली के वायु प्रदूषण पर चर्चा होगी. पिछले हफ्ते राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की थी, जिसे सरकार ने भी मान लिया था. लेकिन जब मौका आया तो तमाम माननीय पीछे हट गए. दिल्ली और आसपास के शहरों के लोग बेहद खराब हवा में सांस ले रहे हैं, तब भी यह चर्चा नहीं हो पाई.
18 दिसंबर की शाम को केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को लोकसभा में प्रदूषण पर जवाब देना था. पर सदन शुरू होने के करीब एक घंटे बाद ही विपक्ष के हंगामे और नारेबाज़ी के कारण कार्यवाही स्थगित कर दी गई. उस समय केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान 'मनरेगा' की जगह लेने वाले VB G RAM G बिल पर बोल रहे थे. यह बिल लोकसभा में पास हो गया और बाद में आधी रात के नाटकीय घटनाक्रम के बीच राज्यसभा से भी मंज़ूर हो गया.
इससे पहले कांग्रेस के कई नेताओं ने संसद में नोटिस देकर दिल्ली के प्रदूषण पर तुरंत चर्चा की मांग की थी. कन्याकुमारी से सांसद विजय वसंत ने तो दिल्ली-NCR में फैले धुएं और स्मॉग को देखते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करने की मांग भी की थी.
13 से 15 दिसंबर तक लगातार तीन दिनों तक दिल्ली की हवा बहुत ज़्यादा खराब रही. कुछ घंटों की राहत के बाद घने स्मॉग की चादर एक बार फिर आसमान में छाई नज़र आने लगी. कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 से ऊपर पहुंच गया है और घना कोहरा स्थिति को और खराब कर रहा है. अब प्रदूषण पर संसद में चर्चा कम से कम 2026 के बजट सत्र से पहले होने की संभावना नहीं है.
शुक्रवार को संसद स्थगित होने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसदों से मुलाकात की. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी को भी चाय पर बातचीत करते देखा गया. इंडिया टुडे की मौसमी सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक अगर प्रदूषण पर चर्चा होती, तो विपक्ष की ओर से इसकी शुरुआत प्रियंका गांधी को करनी थी.
वीडियो: सरकार ने पूरे देश में पॉल्यूशन सर्टिफिकेट का समान फॉर्मैट जारी किया


















