गैरी ने यह चेतावनी ऐसे वक्त में दी है, जब ताइवान पहले से चीन के दबाव का सामना कर रहा है. ताइवान चीन के पूर्वी तट से करीब 160 किलोमीटर की दूरी पर एक द्वीपीय देश है. चीन इस पर लंबे समय से अपना दावा करता रहा है. पिछले कई महीनों से चीन लगातार ताइवान के खिलाफ आक्रामक रुख अपना रहा है. ताइवान की तरफ कई बार लड़ाकू विमानों को भेजकर चीन ने सैन्य दबाव भी बनाने की कोशिश की है. गैरी कारस्पोव ने क्या कहा? इंडिया टुडे से बातचीत में कारस्पोव ने कहा,
"यूक्रेन को लेकर पुतिन के इरादों को नहीं पहचानना बेवकूफी थी. उन्होंने यूक्रेन को कभी स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता नहीं दी. कई सालों से रूसी प्रोपगैंडा यूक्रेन के अस्तित्व को नकारता रहा है. यूक्रेन पर रूसी आक्रमण को लेकर अमेरिका और यूरोप की प्रतिक्रिया आने में देरी हुई, लेकिन यह शुरू हुई क्योंकि इसके बड़े वैश्विक प्रभाव हैं."उन्होंने गैरी कारस्पोव ने आगे कहा,
राष्ट्रपति पुतिन लंबे समय से यूक्रेन के खिलाफ युद्ध की तैयारी कर रहे थे...पुतिन के चरित्र में ही झूठ बोलना शामिल है. उनका झूठ बोलने और अपने फायदे के लिए हर चीज को आगे-पीछे करने का लंबा रिकॉर्ड है. अगर पश्चिमी देशों ने पुतिन की बात सुनी होती तो इस युद्ध को टाला जा सकता था.

गैरी पूर्व वर्ल्ड चेस चैंपियन रह चुके हैं (फाइल फोटो- गेटी इमेज)
पूर्व चेस प्लेयर ने बड़ा दावा करते हुए ये भी कहा,
'लोग जानते हैं कि यह सिर्फ पुतिन और यूक्रेन के बारे में नहीं है. यह वैश्विक सुरक्षा ढांचे को लेकर है. अगर पुतिन को यूक्रेन में सफलता मिलती है तो अगला (युद्ध) चीन-ताइवान होगा.'चीन ने रूसी हमले पर क्या प्रतिक्रिया दी? चीन ने यूक्रेन पर हमले को लेकर सीधे तौर पर रूस की आलोचना नहीं की है. उसने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस के खिलाफ प्रस्ताव पर हुई वोटिंग से भी दूरी बनाई. इस मामले में कई बातें भी ध्यान देने वाली हैं, जैसे कि यूक्रेन की सीमाओं पर रूस की सेना कई महीनों से तैनात थी, लेकिन रूस ने यूक्रेन के ऊपर हमला चीन में जारी विंटर ओलंपिक के खत्म होने के चार दिन बाद किया. गौर करने वाली बात यह भी है कि रूस की यह 'विशेष सैन्य कार्रवाई' विंटर ओलंपिक के दौरान बीजिंग में पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात के सिर्फ तीन हफ्ते बाद शुरू हुई. दोनों नेताओं ने इस दौरान एक संयुक्त बयान भी जारी किया था, जिसमें इन्होंने अपने आतंरिक मामलों में दूसरे देशों के हस्तक्षेप की आलोचना की थी.
पूर्व चेस प्लेयर गैरी कारस्पोव के चीन-ताइवान वाले बयान पर कई अमेरिकी सांसदों ने भी सहमति जताई है. इंडिया टुडे के मुताबिक अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य केन बक ने कहा,
"मुझे लगता है कि उन्होंने (चीन-रूस ने) साझेदारी की है. मेरा मानना है कि चीन इस वक्त बेहतर स्थिति में है और वह रूसी आक्रमण पर वैश्विक प्रतिक्रिया का मूल्याकंन करने की कोशिश कर रहा है. वह देखना चाहता है कि रूस पर अलग-अलग देशों के प्रतिबंधों का कितना प्रभाव पड़ता है."चेस ग्रैंडमास्टर के ताइवान को लेकर दावों पर चीन की तरफ से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. लेकिन उनके बयानों ने यूक्रेन में जारी जंग के बीच दुनिया के देशों को सचेत कर दिया है. पिछले हफ्ते जब यूक्रेन पर रूस ने हमला किया था, उसी वक्त ताइवान ने भी दावा किया था कि उसने चीन के फाइटर जेट को वापस भेजा था.