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इजरायल-ईरान ने एक-दूसरे पर दागे मिसाइल, US ने अपने नागरिकों को चेताया, और...

Israeli Airforce (IDF) ने दावा किया है कि उसके 20 लड़ाकू विमानों ने Iran के केरमानशाह, हमादान और तेहरान शहर पर बमबारी की है. IDF ने बताया कि इस हमले में Iran के मिसाइल स्टोरेज और लॉन्च इन्फ्रास्ट्रक्चर को निशाना बनाया गया है.

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इजरायल ने ईरान पर 23 जून को तड़के हमला किया है. (इंडिया टुडे)

ईरान और इजरायल युद्ध (Iran Israel War) में अमेरिका की एंट्री के बाद स्थिति और बिगड़ गई है. 23 जून को तड़के इजरायली वायुसेना के 20 लड़ाकू विमानों ने खुफिया सूचना के आधार पर ईरान के कई हिस्सों में बमबारी की. दूसरी तरफ, ईरान ने भी इजरायल पर जवाबी कार्रवाई की है. इसके अलावा ईरान और इजरायल युद्द में क्या-क्या अपडेट हैं? आइए जानते हैं. 

इजरायल ने ईरान के कई हिस्सों को निशाना बनाया

इजरायली वायुसेना (IDF) ने दावा किया है कि उसके 20 लड़ाकू विमानों ने ईरान के केरमानशाह, हमादान और तेहरान शहर पर बमबारी की है. IDF ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट जारी कर इस हमले की जानकारी दी. बताया गया है कि हमले में ईरान के मिसाइल स्टोरेज और लॉन्च इन्फ्रास्ट्रक्चर को निशाना बनाया गया है. इसके अलावा हवाई हमले का पता लगाने वाले रडार और सेटेलाइट सिस्टम और तेहरान के पास स्थित सतह से हवा में मार करने वाले मिसाइल लॉन्चर भी इस हमले की जद में थे.

डॉनल्ड ट्रंप रिजीम चेंज की बात कर रहे

ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमले के बाद राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने रिजीम चेंज की बात की है. ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा, 

रिजीम चेंज शब्द का प्रयोग करना राजनीतिक रूप से सही नहीं है. लेकिन यदि मौजूदा रिजीम ईरान को फिर से महान बनाने में सक्षम नहीं है, तो रिजीम चेंज क्यों नहीं होना चाहिए? 

ट्रंप ने 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन' की तर्ज पर 'मेक ईरान ग्रेट अगेन' का जिक्र किया.

रक्षा सचिव और उपराष्ट्रपति ने इनकार किया 

इससे पहले अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने ईरान में रिजीम चेंज की बात से इनकार किया था. हेगसेथ ने पेंटागन में मीडिया से बात करते हुए कहा, 

यह मिशन रिजीम चेंज के लिए नहीं था. यह ईरान के परमाणु कार्यक्रम को टारगेट करने वाला एक सटीक अभियान था.

वहीं NBC को दिए एक इंटरव्यू में जेडी वेंस ने कहा, 

हमारा एजेंडा बिलकुल क्लियर है, हम ईरान में रिजीम चेंज नहीं चाहते हैं. हम इस मामले को और लंबा नहीं खींचना चाहते हैं. हम ईरान के परमाणु कार्यक्रम को बंद करवाना चाहते हैं. और उनसे लॉन्ग टर्म एग्रीमेंट के बारे में बात करना चाहते है. 

मिडिल ईस्ट में अमेरिकी बेस पर हमले का अलर्ट

अमेरिकी सैन्य अधिकारियों ने आशंका जताई है कि ईरान समर्थित मिलिशिया इराक और सीरिया में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमला कर सकते हैं. ये अलर्ट ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमलो के बाद आया है. न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मिडिल ईस्ट में मौजूद अमेरिकी सैन्य ठिकानों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है. और किसी भी संभावित हमले से निपटने की तैयारी की जा रही है.

ऑस्ट्रेलिया ने अमेरिकी हमले का समर्थन किया

ऑस्ट्रेलिया ने ईरान पर हुए अमेरिकी हमले का समर्थन किया है. ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग ने 23 जून को कहा,

 कैनबरा ईरान पर US के हमले का समर्थन करता है. और तनाव कम करने के लिए कूटनीतिक तरीकों की ओर लौटने की अपील करता है.

विदेश मंत्री पेनी वोंग ने आगे कहा कि उनका देश ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकने के लिए किए गए अमेरिकी हमले का समर्थन करता है. और ईरान से बातचीत की मेज पर आने का आह्वान करता है.

इजरायल के हमले में 950 लोगों की मौत

वाशिंगटन स्थित मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के एक समूह ने बताया है कि ईरान में हुए इजरायली हमले में कम से कम 950 लोगों की जान गई है. और 3,450 लोग घायल हुए हैं. समूह के मुताबिक, मरने वालों में 380 नागरिक और 253 सिक्योरिटी फोर्सेज के लोग हैं. वहीं दूसरी तरफ ईरान के मिसाइल हमलों में इजरायल के कम से कम 24 लोगों के मारे जाने और 1 हजार से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है.

ईरान ने किया जवाबी हमला 

23 जून को तड़के इजरायल ने ईरान के कई शहरों पर बमबारी की है. इस हमले के बाद ईरान ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए इजरायल पर नए मिसाइल अटैक किए हैं. इजरायल ने इस हमले की पुष्टि की है. इजरायल की ओर से दावा किया गया कि ईरान की ओर से केवल एक बैलिस्टिक मिसाइल दागा गया है, जिसे डिफेंस फोर्सेज ने सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया है. ये हमला तेल अवीव के पास हुआ था.

अमेरिका ने नागरिकों के लिए अलर्ट जारी किया 

अमेरिका के विदेश विभाग ने इजरायल छोड़ने के इच्छुक अमेरिकी नागरिकों के लिए आपातकालीन उड़ानों की संख्या दोगुनी कर दी है. और लेबनान में अमेरिकी दूतावास में मौजूद अनावश्यक कर्मचारियों को वापस भेजने का निर्णय किया गया है. इसके अलावा विभाग ने सऊदी अरब और तुर्की में अमेरिकी नागरिकों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की चेतावनी जारी की है.  

UNSC मीटिंग में चीन और रूस ने अमेरिका को घेरा

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मीटिंग में रूस के प्रतिनिधि ने ईरान पर की गई अमेरिकी कार्रवाई को गैर-जिम्मेदाराना, खतरनाक और उकसाने वाला बताया है. रूस ने इजरायल और अमेरिका से तुरंत आक्रमक कार्रवाइयों को रोकने की अपील की है. 

रूस के अलावा चीन ने भी सुरक्षा परिषद के बैठक में अमेरिकी हमले की निंदा की है. उन्होंने कहा कि संघर्ष में शामिल सभी पक्षों खासकर इजरायल को तुरंत संघर्षविराम करना चाहिए. चीन ने सभी देशों से संयम बरतने और बातचीत के जरिए समाधान निकालने की अपील की है, ताकि क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनी रहे.

वीडियो: दुनियादारी: 125 विमान, 14 बम,न्यूक्लियर साइट्स पर अमेरिका का हमला, क्या ईरान देगा जवाब?