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"एक साल से शांति की राह...", मणिपुर पर मोहन भागवत की बात सियासी खलबली ना मचा दे

RSS प्रमुख मोहन भागवत ने मणिपुर को लेकर कहा कि प्राथमिकता देकर इस पर विचार करना होगा, ये एक कर्तव्य है.

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नागपुर में RSS कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे भागवत. (फोटो- PTI)

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने मणिपुर में एक साल से जारी जातीय हिंसा (Manipur violence) पर सवाल उठाए हैं. RSS के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि मणिपुर एक साल शांति स्थापित होने का इंतजार कर रहा है, इस स्थिति पर प्राथमिकता के साथ विचार किया जाना चाहिए. इसके अलावा भागवत ने लोकसभा चुनाव नतीजों पर भी टिप्पणी की. कहा कि जिस प्रकार राजनीतिक दल और नेता ने प्रचार के दौरान बातें की, उससे दो समुदाय के बीच मनमुटाव बढ़ सकता है.

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मोहन भागवत 10 जून को नागपुर के रेशमबाग में RSS के एक कार्यक्रम में पहुंचे थे. यहां उन्होंने RSS कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मणिपुर के मुद्दे को उठाया. विकास के मुद्दे का जिक्र कर भागवत ने कहा कि इसके लिए देश में शांति चाहिए. उन्होंने कहा, 

"अब एक साल से मणिपुर शांति की राह देख रहा है. इससे पहले 10 साल शांत रहा. पुराना गन कल्चर समाप्त हो गया, ऐसा लगा. और अचानक जो कलह वहां पर उपज गया या उपजाया गया, उसकी आग में अभी तक जल रहा है, त्राहि-त्राहि कर रहा है. इस पर कौन ध्यान देगा?"

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मई 2023 में मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा भड़की थी. जो अभी तक छिटपुट तरीके से जारी है. तब से इस हिंसा के कारण 200 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. हजारों लोग विस्थापित हुए. अभी हाल में जिरीबाम में फिर से हिंसा भड़की. दो पुलिस चौकियों, वन विभाग के कार्यालय और कम से कम 70 घरों में आग लगा दी गई. 10 जून को कांगपोकपी जिले में मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के सुरक्षा काफिले पर भी हमला किया गया. इसमें एक व्यक्ति घायल हुआ.

RSS प्रमुख ने मणिपुर को लेकर आगे कहा कि प्राथमिकता देकर इस पर विचार करना होगा, ये एक कर्तव्य है.

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चुनाव नतीजों पर क्या बोले भागवत?

भागवत ने कहा कि चुनाव के नतीजे आ चुके हैं और कल सरकार भी बन गई, इसलिए जो हुआ, क्या हुआ और कैसे हुआ आदि पर अनावश्यक चर्चा से बचा जा सकता है. ये हर पांच साल में होता है, इसके अपने नियम हैं, समाज ने अपना मत दे दिया. उन्होंने कहा, 

"RSS 'कैसे हुआ, क्या हुआ' जैसी चर्चाओं में शामिल नहीं होता है. उन्होंने कहा कि संगठन सिर्फ मतदान की जरूरत के बारे में जागरूकता पैदा करने का अपना कर्तव्य निभाता है."

उन्होंने कहा कि चुनाव बहुमत हासिल करने के लिए होते हैं और यह एक प्रतिस्पर्धा है, युद्ध नहीं, प्रचार के दौरान मर्यादा का पालन होना चाहिए. उन्होंने कहा, 

"चुनाव प्रचार के दौरान जिस प्रकार ये बातें हुईं, लताड़ना हुआ... जिस प्रकार प्रचार के दौरान हमारे करने से समाज में मनमुटाव बढ़ेगा दो गुट बंटेंगे, आपस में शंका-संशय उत्पन्न होगा... इसका भी खयाल नहीं रखा गया."

भागवत ने कहा कि RSS को भी बिना किसी कारण इसमें घसीटा जा रहा है. उन्होंने ये भी कहा कि चुनाव में हमेशा दो पक्ष होते हैं, लेकिन जीतने के लिए झूठ का सहारा नहीं लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी का उपयोग करके झूठ फैलाया गया.

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