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अरुणाचल प्रदेश पर अमेरिका ने ऐसी रिपोर्ट छापी, चीन को बुरा लग गया

चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता Zhang Xiaogang ने Pentagon की रिपोर्ट की निंदा करते हुए कहा कि America हर साल इस तरह की रिपोर्ट जारी करता है, जो चीन के आंतरिक मामलों में घोर हस्तक्षेप है. उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट चीन के बारे में गलत धारणाओं और Geo Political पूर्वग्रहों से भरी हुई है.

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अरुणाचल पर अमेरिकी रिपोर्ट से चीन नाराज (india today)

चीन (China) ने अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) को लेकर उस अमेरिकी दावे पर सवाल उठाए हैं, जिसमें कहा गया है कि चीन ने अरुणाचल को अपने ‘कोर इंट्रेस्ट’ में शामिल कर लिया है. इससे आने वाले समय में भारत और चीन के संबंधों में तनाव बढ़ने की आशंका है. अमेरिकी रक्षा मंत्रालय (Pentagon) की ओर से कांग्रेस को सौंपी गई रिपोर्ट में ये दावा किया गया है. अब खबर है कि चीन ने इस अमेरिकी रिपोर्ट पर पलटवार किया है. 

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इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने अमेरिकी रक्षा मंत्रालय (पेंटागन) की इस रिपोर्ट को गैर-जिम्मेदाराना और बेबुनियाद बताया है. 

पेंटागन की रिपोर्ट में ये दावा भी किया गया है कि बीजिंग भारत-चीन सीमा पर कम तनाव का फायदा उठाकर अमेरिका से उसके संबंधों को गहरा होने से रोकने की कोशिश कर रहा है. इसके साथ ही पाकिस्तान से अपने रक्षा संबंधों को भी मजबूती दे रहा है.

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चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने 25 दिसंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन अमेरिकी दावों के जवाब में कहा कि बीजिंग नई दिल्ली के साथ अपने संबंधों को रणनीतिक और दीर्घकालिक नजरिए से देखता है. उन्होंने कहा,

 हम भारत के साथ बातचीत, आपसी सहयोग, भरोसा बढ़ाने और विवादों को सही तरीके से हैंडल करने के लिए एक मजबूत और स्थायी द्विपक्षीय संबंध बनाने के लिए तैयार हैं.

अमेरिकी कांग्रेस को सौंपी गई पेंटागन की रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर जियान ने कहा कि पेंटागन की रिपोर्ट हमेशा चीन की रक्षा नीति को गलत तरीके से पेश करती है. ये चीन और दूसरे देशों के बीच मतभेद पैदा करती है. यह अमेरिकी सैन्य श्रेष्ठता को बनाए रखने का बहाना है. चीन इस रिपोर्ट का कड़ा विरोध करता है.

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अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने जो रिपोर्ट पेश की है उसका शीर्षक है- पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना से जुड़े सैन्य और सुरक्षा विकास 2025. इस रिपोर्ट में ‘लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल’ के बारे में अमेरिकी आकलन पर जियान ने कहा, 

सीमा का मुद्दा चीन और भारत के बीच का मामला है और फिलहाल दोनों देशों के बीच सीमा पर हालात स्थिर हैं. आपसी बातचीत और संपर्क के रास्ते भी ठीक से काम कर रहे हैं.

चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता झांग शियाओगांग ने भी पेंटागन की इस रिपोर्ट की कड़ी आलोचना की. उन्होंने कहा कि अमेरिका हर साल ऐसी रिपोर्टें जारी करता है जो चीन के आंतरिक मामलों में खुला दखल हैं. उन्होंने कहा,

यह रिपोर्ट चीन को लेकर गलत समझ और जियो पॉलिटिकल पूर्वग्रहों से भरी है. इसमें कथित ‘चीनी सैन्य खतरे’ को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है, ताकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह किया जा सके.

अमेरिकी रिपोर्ट में क्या था?

पेंटागन (अमेरिकी रक्षा मंत्रालय) की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश को भी अपने 'कोर इंटरेस्ट' में शामिल कर लिया है. वह ताइवान, दक्षिण चीन सागर और अरुणाचल प्रदेश को लेकर अपने दावे को अपनी ‘ग्रेट रीजुवेनेशन’ नीति का हिस्सा मानता है. इस नीति के तहत चीन खुद को एक वैश्विक महाशक्ति के रूप में स्थापित करना चाहता है. भारत का इस मामले में स्टैंड क्लियर है और इसमें किसी को शक भी नहीं होना चाहिए कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है.

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