"जांच के दौरान 1000 गाड़ियों की पहचान की गई जो ब्लास्ट वाले दिन रोहिणी कोर्ट आई थीं. कोर्ट में उस दिन जिन-जिन मामलों की सुनवाई होनी थी, उनकी भी जांच की गई. फिर जिस काले रंग के बैग में बम रखा गया था, उस पर कंपनी का लोगो था. जांच की गई और जानकारी जुटाई गई तो पता चला कि कंपनी मुंबई की है. इसका ऑफिस दिल्ली में भी है. फिर पता किया गया कि कौन-कौन उस कंपनी के बैग का इस्तेमाल कर रहे थे, यहां से मामले में पुलिस की जांच टीम को लीड मिली."
कमिश्नर राकेश अस्थाना ने आगे बताया कि पुलिस ने अदालत में लगे 40 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज की भी जांच की. उन्होंने बताया,
"सीसीटीवी फुटेज की जांच के दौरान देखा गया कि आरोपी भारत भूषण कटारिया दो बैग लेकर कोर्ट पहुंचा था. सीधे रास्ते से न आकर कटारिया दूसरे रास्ते से कोर्ट आया और एक बैग कोर्ट रूम के बाहर रख दिया. 10:35 पर ब्लास्ट के बाद दूसरा बैग लेकर कोर्ट से चला गया. फिलहाल, पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है."इसके अलावा स्पेशल सेल ने रोहिणी परिसर और उसके आसपास के मोबाइल टावर से डंप डाटा भी लिया था. जिस वक्त विस्फोट हुआ उस दौरान के करीब एक किलोमीटर के दायरे में मौजूद मोबाइल नंबरों को बारीकी से स्कैन किया गया था. इन नंबरों को फिल्टर कर पुलिस संदिग्ध के नंबरों तक पहुंचे की कोशिश में जुटी थी. ठीक से असेंबल नहीं हुआ था बम पुलिस के मुताबिक कोर्ट में जो ब्लास्ट हुआ वह इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस यानी IED था. IED को स्टील के टिफिन में एक पुराने काले बैग में रखा गया था. क्योंकि IED ठीक से असेंबल नहीं हुआ था, जिसके चलते धमाके का प्रभाव कम रहा. पुलिस के मुताबिक,
बाएं से दाएं. आरोपी वैज्ञानिक भारत भूषण कटारिया और बम वाला बैग
"ब्लास्ट के बाद मौके से पुलिस टीम को लोहे की कील, छर्रे और मोटरसाइकिल में इस्तेमाल होने वाली बैटरी, कांच के टुकड़े और वायर भी मिले. मौके पर सफेद रंग का पाउडर काफी मात्रा में बिखरा हुआ था. देखने में अमोनियम नाइट्रेट (Ammonium Nitrate) जैसा लग रहा था. मौके पर जांच के लिए पहुंची NSG और फॉरेंसिक टीम ने सफेद पाउडर का सैंपल जांच के लिए भेजा है."क्या हुआ था? आजतक से जुड़े हिमांशु मिश्रा की रिपोर्ट के मुताबिक, घटना गुरुवार,9 दिसंबर की है. दिल्ली की रोहिणी जिला अदालत के कोर्ट रूम संख्या 102 में सुबह करीब साढ़े 10 बजे एक धमाका हुआ. इस धमाके में राजीव कुमार नाम का एक पुलिस कर्मी घायल हुआ था. पुलिस का कहना है कि यह लो इंटेसिटी बम ब्लास्ट (Low Intensity Blast) है. कोर्ट रूम संख्या 102 में धमाका एक लैपटॉप बैग में रखे टिन के बॉक्स में हुआ. धमाके के बाद डब्बा फट गया और कोर्ट रूम में उसका पार्ट बिखरा हुआ मिला. इसके अलावा जिस बैग में ब्लास्ट हुआ उसमें कुछ बैटरी और वायर भी थे. इस तरह के बम को क्रूड बम (crude bomb) कहा जाता है. रोहिणी कोर्ट में हुए ब्लास्ट के मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक्प्लोसिप सब्सटेंस एक्ट और IPC की धाराओं के तहत के तहत FIR दर्ज की है.