कई बार मजबूरी में लोगों के पास लोन (ULI Loan) लेना एकमात्र ऑप्शन बचता है. लेकिन भारत में लोन लेने के लिए बैंकों के चक्कर काटते-काटते हालत खराब हो जाती है. ऊपर से ये डॉक्यूमेंट, वो डॉक्यूमेंट... इतने डॉक्यूमेंट मांगे जाते हैं कि लोगों के पसीने छूट जाते हैं. कुल मिलाकर बहुत माथपच्ची करनी पड़ती है. सब कुछ सही होने के बाद भी गारंटी नहीं होती कि लोन मिल ही जाएगा.
इस बीच, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI new loan APP) इस समस्या को दूर करने का जा रहा है. RBI एक ऐसा प्लेटफॉर्म लाने जा रहा है, जिससे एक क्लिक में ही आपके अकाउंट में लोन के पैसे आ जाएंगे. इसकी जानकारी खुद RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने दी है. दरअसल, RBI देश में लोन सेक्टर में क्रांति लाने के लिए यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस (ULI) लाने जा रहा है. ऐसा कहा जा रहा है कि इसके आने के बाद से कर्ज लेना बेहद ही आसान हो जाएगा.
UPI की तर्ज पर बना ये ULI क्या है, जिससे मिनटों में मिलेगा बैंक से लोन?
रिजर्व बैंक ULI नाम का एक ऐसा प्लेटफॉर्म लाने जा रहा है, जिससे एक क्लिक में ही आपके अकाउंट में लोन के पैसे आ जाएंगे. इसकी जानकारी खुद RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने दी है.

26 अगस्त को बेंगलुरु में एक कार्यक्रम के दौरान RBI गवर्नर ने कहा कि यूनिफाइड लैंडिंग इंटरफेस बैंकिंग सेवाओं के डिजिटलीकरण का हिस्सा है. ULI दरअसल, डिजिटल डेटा मुहैया कराता है, जिसमें तमाम डेटा प्रोवाइडर्स से लोन लेने वालों तक के लैंड रिकॉर्ड भी शामिल होते हैं. इससे क्रेडिट वैल्यूएशन में लगने वाले समय को कम करने में मदद मिलेगी. ULI को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि ये अलग-अलग सोर्सेज से जानकारी जुटाता है, जिसके चलते लोन के लिए अप्लाई करने वालों को बहुत ज्यादा डॉक्यूमेंट्स देने की जरूरत नहीं होती और उन्हें आसानी से कर्ज मिल सकता है. ULI प्लेटफॉर्म Loan के लिए अप्लाई करने वाले ग्राहक के आधार, E-KYC के साथ ही लैंड रिकॉर्ड, पैन और अकाउंट से संबंधित जरूरी जानकारियों को अलग-अलग सोर्सेज से कम समय में जुटाएगा.
RBI गवर्नर ने आगे बताया कि जनधन-आधार (JAM), UPI और ULI की 'नई त्रिमूर्ति' डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर जर्नी में क्रांतिकारी साबित होगी. हमने पिछले साल इस प्लेटफॉर्म का प्रयोग शुरू किया था. इससे बिना किसी बाधा के लोन प्रोसेस आसान हो जाती है. इसके लॉन्च होने पर किसानों और MSME को फटाफट लोन मिलने में आसानी होगी.
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ULI काम कैसे करेगा?ULI की बात करें तो ये प्लेटफॉर्म आधार, E-KYC, राज्य सरकार के लैंड रिकॉर्ड और पैन वैलिडेशन जैसे अलग-अलग सोर्सेज से डेटा जमा करेगा. ULI की मदद से क्रेडिट के मूल्यांकन में लगने वाले समय को कम किया जाएगा. खासकर छोटे और ग्रामीण इलाकों वाले कर्जधारकों के लिए. इसका आर्किटेक्चर अलग-अलग सोर्स से जानकारी तक डिजिटल एक्सेस सुनिश्चित करने के लिए ‘प्लग एंड प्ले’ नजरिए के हिसाब से बनाया गया है.
इस वजह से कई तरह की टेक्निकल जटिलता कम हो जाती है और कर्ज लेने वालों को बहुत ज्यादा दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होगी. सारे डॉक्यूमेंट्स ऑनलाइन ही मिल सकेंगे. इसे लॉन्च करने का मकसद काफी हद तक किसान क्रेडिट कार्ड लोन, डेयरी लोन, MSME लोन, पर्सनल लोन और होम लोन को आसान बनाना है.
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