अयोध्या में राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) की प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर बयानों का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा. 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह होना है. इससे पहले, बिहार से राजद के सांसद मनोज झा (Manoj Jha) और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) का बयान सुर्खियों में है.
राम मंदिर पर मनोज झा ने पीएम मोदी को घेरा, योगी आदित्यनाथ बोले- 'पहले अयोध्या का नाम भी...'
RJD सांसद मनोज झा (Manoj Jha) ने कहा है कि भगवान राम अगर खुद ही धरती पर आ जाएं तो प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) से ही दो-चार सवाल पूछेंगे. इस बीच, योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने भी विपक्ष पर तंज कसते हुए अपना बयान दिया है.

न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, मनोज झा ने कहा है कि मेरी आस्था मेरी व्यक्तिगत चीज है. इसका सार्वजनिक प्रदर्शन भगवान को भी परेशान करेगा. उन्होंने कहा,
"22 जनवरी के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद भगवान राम अगर खुद ही धरती पर आ जाएं तो प्रधानमंत्री मोदी से ही दो-चार सवाल पूछेंगे."
झा ने कहा कि ‘भगवान राम, प्रधानमंत्री मोदी से पूछेंगे कि युवाओं के लिए रोजगार कहां है? देश में इतनी महंगाई क्यों है? देश में संपत्ति का बंटवारा इस तरह क्यों है कि सिर्फ पांच लोगों के सामने सब नतमस्तक हैं.’
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राजद सांसद ने आगे कहा,
“भगवान राम की इस छवि को मोदी जी और भाजपा के लोग नहीं समझते.”
इस दौरान उन्होंने मीडिया के लिए कहा कि किसी भी विषय को भाजपा की तरफ से उठाने से पहले एक बार उसकी व्याख्या जरूर कर लें. उन्होंने सवाल किया कि रैदास, कबीर, सावित्रीबाई फुले और ज्योति बाई फुले के लिखे का क्या करेंगे?
इस पूरे मुद्दे पर राजद का क्या पक्ष है? इस बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा,
Yogi Adityanath ने क्या कहा?"राजद का पक्ष पूरी तरह से स्पष्ट है. वह सर्वधर्म समभाव में विश्वास रखती है. सभी के बीच में समन्वय होना चाहिए."
इस बीच, विपक्षी दल के नेताओं पर कटाक्ष करते हुए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी बयान आया. न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार उन्होंने कहा,
"जो लोग अयोध्या का नाम लेने से भी हिचकिचाते थे. वे लोग भी अब कह रहे हैं कि अगर उन्हें आमंत्रित किया गया तो वो अयोध्या जरूर आएंगे."
योगी वात्सल्य ग्राम, वृन्दावन में साध्वी ऋतंभरा के 60वें जन्मदिन के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में एक बड़ी सभा को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने अयोध्या के बुनियादी ढांचे में बदलाव की भी प्रशंसा की.
इससे पहले, विपक्ष के कई नेताओं ने सरकार पर राम मंदिर को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया था. ऐसे बयान देने वाले नेताओं में कांग्रेस नेता शशि थरूर, शिवसेना के नेता संजय राउत और CPI(M) नेता सीताराम येचुरी शामिल हैं.
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