The Lallantop

किसान महापंचायत के मंच से राकेश टिकैत को कौन से महत्वपूर्ण 20 मिनट याद आए

किसान आंदोलन के आगे की रूपरेखा पर बात की.

Advertisement
post-main-image
महापंचायत में बोलते राकेश टिकैत. फोटो सोर्स- आजतक

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने मुजफ्फरनगर में हो रही महापंचायत में कहा कि जिस तरह से देश की प्रॉपर्टी बेची जा रही हैं. ये कौन लोग हैं जो बेच रहे हैं. इनकी पहचान करनी होगी. अब मिशन केवल यूपी और उत्तराखंड तक नहीं रहेगा. देश बचेगा तभी संविधान बचेगा.

Advertisement

टिकैत ने महापंचायत के मंच से कहा,


LIC बिक रहा है. अडानी और अंबानी खरीद रहे हैं. FCI की जमीन बिक रही है. अडानी खरीद रहे हैं. देश के बंदरगाह बेच दिए गए हैं. नदियों और बाकी जल को बेचा जा रहा है. मछली पालन और नमक के किसान पर असर होगा. अब शिक्षा, चिकित्सा और ONGC जैसी चीजें खतरे में हैं. ये खेती और किसानी भी बिकने के कगार पर है. हमारी जमीन गन्ने की बेल्ट है. इन्होंने कहा 450 रुपए भाव देंगे. जब पहली की सरकारों ने रेट बढ़ाया तो योगी सरकार उनसे कमजोर है क्या, जो एक रुपया नहीं बढ़ाया. जब हमें समझ आया तो किसान आंदोलन शुरू किया गया.

उन्होंने आगे कहा,

Advertisement

हम घर नहीं जाएंगे. इस ग्राउंड से बाहर मुजफ्फरनगर की जमीन पर पैर नहीं रखेंगे. जब ये आंदोलन फतेह होगा, तभी हम यहां वापस लौटेंगे. यहां पर पुलिस फोर्स के लोग हैं. उनकी ड्यूटी 24 घंटे है, सैलेरी कम मिलती है. टीचरों की सैलरी बहुत कम है. जितने भी सरकारी कर्मचारी हैं उनकी पेंशन खत्म की जा रही है. आप निजीकरण करोगे तो रोजगार खत्म हो जाएंगे. अगर रेलवे बिकेगी तो साढ़े 4 लाख बेरोजगार होंगे. जो पैसा लेकर भाग जाता है उसी को सरकार ठेका दे देती है. सफाई कर्मचारियों की स्थिति बहुत खराब है.

राकेश टिकैत ने कहा कि भारत सरकार की ओर से बातचीत को बंद कर दिया गया है. जो किसान शहीद हुए हैं, पीएम ने ये नहीं कहा कि हम एक मिनट का मौन धारण करेंगें. हमें पूरे देश में बड़ी-बड़ी मीटिंग करनी होंगी. आज लड़ाई उस मुकाम पर आ गई है कि लड़ाई युवाओं के कंधों पर है. किसान नेता टिकैत ने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का संविधान आज खतरे में है. ठेका प्रथा रोजगार को खत्म करेगी. अमेजन जैसी बड़ी कंपनियां अब देश में व्यापार करेंगी. देश में मॉल खुलेंगे. हमारे मजदूर भाई कहां जाएंगे.


Mahapanchayat 1 महापंचायत में जुटी भारी भीड़. फोटो- आजतक

उन्होंने कहा कि फसलों के दाम नहीं तो वोट नहीं. ये बाहरी लोग हैं, इन्हें यहां से जाना होगा. योगी और मोदी चुनाव जीत कर आए. उत्तराखंड का चुनाव जीते कोई ऐतराज़ नहीं. गुजरात से जीते, कोई ऐतराज़ नहीं है. लेकिन दंगा कराने वाले लोगों को यूपी की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी. ये मिशन जो संयुक्त मोर्चे का है वो तय हो चुका है. उन्होंने कहा,


"28 जनवरी को आंदोलन का कत्ल हो जाता. वहां ना मुसलमान बचना था ना सिख भाई बचना था. ना देश का किसानी झंडा बचना था. उसके बाद देश में कोई आंदोलन नहीं हो सकता था. हजारों की फोर्स थी, हम कम लोग थे, लेकिन डटे रहे. 20 मिनट बहुत महत्वपूर्ण थे. जब देश की जनता साथ खड़ी हुई तब हमारे भीतर भी जोश आ गया. ये लोग तोड़ने का काम करेंगे हम जोड़ने का काम करेंगे. हम मोर्चा नहीं छोड़ेंगे चाहे शहीद हो जाएं."

उन्होंने कहा कि जब तक किसानों की मांगें पूरी नहीं होंगी और तीनों कानून वापस नहीं लिए जाएंगे किसान मोर्चा नहीं छोड़ेंगे. हमें फसलों पर एमएसपी की गारंटी चाहिए. जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जाएंगी, तब तक पूरे देश में संयुक्त मोर्चा आंदोलन करेगा.

Advertisement

Naresh राकेश टिकैत के भाई और भाकियू नेता नरेश टिकैत ने भी मंच से अपनी बात रखी. फोटो- आजतक

टिकैत ने कहा कि पहले भी नारे लगते थे जब टिकैत (महेंद्र सिंह टिकैत) साहब थे. राकेश टिकैत ने मंच से अल्लाहु-अकबर के बारे लगाए जिस पर जनता ने हर-हर महादेव से जवाब दिया. उन्होंने कहा कि अल्लाहु अकबर और हर हर महादेव के नारे इसी धरती से लगते थे. ये नारे हमेशा लगते रहेंगे. दंगा यहां पर नहीं होगा. ये देश हमारा है, ये प्रदेश हमारा है ये जिले के हमारे हैं.

उन्होंने कहा कि किसी की हिम्मत नहीं जो किसान के पक्ष में दिखा दे. कलम और कैमरे पर बंदूक का पहरा है. नेगेटिव दिखाते हैं वो लोग. 28 तारीख की जो काली रात है, उसे आप याद करते रहना. हमें एमएसपी की गारंटी चाहिए. पीएम ने कहा था कि दोगुने रेट होंगे अब 3 महीने बचे हैं. हम लोगों को सच बताएंगे. ये लड़ाई आपके दम पर ही लड़ी और जीती जाएगी.


Mahapanchayat (2) कार्यक्रम स्थल पर जमा भीड़ (फोटो- Tribal Army Twitter)
किसानों का आगे का क्या प्लान है? संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से मुजफ्फरनगर महापंचायत में कहा गया कि किसानों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में 7 सितंबर को करनाल में महापंचायत होगी. 9-10 सितंबर को किसान संगठनों की बड़ी बैठक होगी. 15 सितंबर को जयपुर में किान संसद होगी और 27 सितंबर को भारत बंद का आयोजन किया जाएगा.

मुजफ्फरनगर में हो रही है महापंचायत

मुजफ्फरनगर के GIC यानी गवर्मेंट इंटर कॉलेज ग्राउंड पर हो रही इस महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन समेत कई किसान संगठन शामिल हुए हैं. किसान संगठनों ने जो जानकारी मीडिया को दी है, उसके मुताबिक मुजफ्फरनगर में किसानों के लिए 500 लंगर शुरू किए गए हैं और 100 चिकित्सा शिविर भी लगाए गए हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके. महापंचायत में आई किसानों भी भीड़ सही तरीके से मैनेज किया जा सके, इसके लिए 5000 वॉलेंटियर्स भी तैनात किए गए हैं.

किसान महापंचायत की व्यवस्थाओं के लिए भारी संख्या में पुलिस फोर्स और पैरामिलिट्री फोर्स को तैनात किया गया है. पुलिस प्रशासन हाई अलर्ट पर है. पश्चिमी यूपी के जिलों में सुरक्षा के भारी बंदोबस्त किए गए हैं. एडीजी राजीव सभरवाल और आईजी प्रवीण कुमार पूरी व्यवस्था की निगरानी कर रहे हैं.


Advertisement