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संसद: TMC सांसद ने मंत्री के हाथ से पेपर छीनकर फाड़े, लेकिन हरदीप पुरी पर क्या आरोप लगे?

TMC सांसद पर क्या कार्रवाई की तैयारी कर रही सरकार?

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आईटी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव (तस्वीर में) जब राज्यसभा में पेगासस कांड पर बयान दे रहे थे, तभी टीएमसी सांसद शांतनु सेन ने उनके हाथ से पेपर छीन लिया.
पेगासस स्पाइवेयर (Pegasus Spyware) को लेकर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. गुरुवार 22 जुलाई को भी संसद में इसे लेकर खूब हंगामा हुआ. राज्यसभा (Rajya Sabha) में तो तृणमूल कांग्रेस के सांसद शांतनु सेन ने केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के हाथ से कागज छीनकर फाड़ दिए. आईटी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव पेगासस मामले पर सरकार का पक्ष रख रहे थे. पेपर छीने जाने के बाद जमकर हंगामा हुआ तो सदन की क़ार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गई. गुरुवार को सुबह से ही राज्यसभा और लोकसभा में हंगामा हो रहा था. पेगासस, किसान आंदोलन, भास्कर समूह के यहां छापे आदि मसलों पर विपक्षी सांसद विरोध कर रहे थे. इसकी वजह से कार्यवाही पहले 12 बजे तक, और फिर 2 बजे तक टाल दी गई. दोपहर 2 बजे राज्यसभा में आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव स्टेटमेंट देने के लिए खड़े हुए. उन्होंने बयान पढ़ते हुए पेगासस लीक कांड से जुड़ी मीडिया रिपोर्ट्स की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा,
"एक वेब पोर्टल द्वारा 18 जुलाई को बेहद सनसनीखेज कहानी छापी गई थी. इस कहानी के इर्द-गिर्द कई तरह के आरोप लगाए गए. संसद के मानसून सत्र से एक दिन पहले ये प्रेस रिपोर्ट सामने आई. यह महज़ संयोग नहीं हो सकता."
अश्विनी वैष्णव अपनी बात पूरी भी नहीं कर पाए थे कि TMC सांसद शांतनु सेन ने उनके हाथ से स्टेटमेंट का पेपर छीन लिया. पेपर को फाड़कर कथित तौर पर उपसभापति की कुर्सी की तरफ उछाल दिया. हरदीप पुरी पर क्या आरोप लगे? इस घटना को लेकर शांतनु सेन और केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी के बीच बहस भी हुई. बात इतनी बढ़ी कि मार्शल्स को दखल देना पड़ा. बाद में, टीएमसी ने आरोप लगाया कि सदन स्थगित होने के बाद केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने पार्टी सांसद शांतनु सेन के साथ दुर्व्यवहार किया. इसकी शिकायत उपसभापति से की गई है. सांसद शांतनु सेन ने आरोप लगाया कि
"सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद हरदीप पुरी ने मुझे बहुत खराब तरीके से बुलाया. मैं उनका सम्मान रखते हुए उनके पास गया. लेकिन उन्होंने मुझे धमकाना शुरू कर दिया. गालियां देने लगे. वो मुझे मारने पर उतारू हो गए. शुक्र है कि मेरे सहयोगियों ने यह सब देखा और मुझे बचाया."
विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाएगी सरकार? इस घटना को लेकर पक्ष-विपक्ष की ओर से तीखी प्रतिक्रियाएं आईं. राज्यसभा सांसद और RJD नेता मनोज झा ने हरदीप पुरी के व्यवहार पर आपत्ति जताई. उन्होंने दावा किया कि मिनिस्टर के हाथ से कागज़ छीना गया था, फाड़ा नहीं गया. लेकिन उसके बाद एक वरिष्ठ मंत्री का जो व्यवहार था, वो आज तक संसद में नहीं हुआ. जिस तरह के शब्द मंत्री जी ने कहे, वो सुनकर सब स्तब्ध थे. राज्यसभा सांसद स्वपन दासगुप्ता ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि वह (अश्विनी वैष्णव) एक बयान दे रहे थे. उसके बाद आपको (विपक्ष को) उनसे सवाल करने का अधिकार था. लेकिन बहस करने के बजाय इस तरह की गुंडागर्दी हमने सदन के अंदर देखी? यह पूरी तरह से मर्यादा के खिलाफ है. इसकी घोर निंदा की जानी चाहिए. बाद में इस मसले को लेकर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, राज्यसभा में नेता सदन पीयूष गोयल, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, धर्मेंद्र प्रधान और वी. मुरलीधरन के बीच बैठक हुई. माना जा रहा है कि सरकार केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव को रोकने वाले टीएमसी सांसद के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव ला सकती है. उन्हें निलंबित किया जा सकता है.

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