राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) की अधिकारी प्रियंका बिश्नोई की मौत के मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं. 18 सितंबर की रात अहमदाबाद में इलाज के दौरान मौत हो गई. रिश्तेदारों ने आरोप लगाया है कि बीते दिनों जोधपुर में उनकी सर्जरी में गड़बड़ी की गई थी. इसके बाद से लगातार उनकी तबीयत बिगड़ती चली गई. आरोप के बाद जोधपुर जिला कलेक्टर ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी सोशल मीडिया पर दुख प्रकट किया है.
राजस्थान: RAS अधिकारी की सर्जरी के कुछ दिन बाद मौत, लापरवाही के आरोप पर जांच शुरू
प्रियंका बिश्नोई 2016 बैच की RAS अधिकारी थीं. बीते दिनों जोधपुर में उनकी सर्जरी हुई थी, जिसके बाद से लगातार उनकी तबीयत बिगड़ती चली गई. बुधवार, 18 सितंबर की रात अहमदाबाद में इलाज के दौरान मौत हो गई.

इंडिया टुडे से जुड़े अशोक शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रियंका बिश्नोई 2016 बैच की RAS अधिकारी थीं. 33 साल की प्रियंका ने जोधपुर के वसुंधरा मेडिकल कॉलेज में सर्जरी कराई थी. सर्जरी के अगले दिन से उन्हें चिड़चिड़ापन महसूस होने लगा. खून जांच में इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन का पता चला, जिसके बाद से उन्हें ICU में रखा गया. प्रियंका की तबीयत में सुधार न होने के बाद परिवार वाले उन्हें अहमदाबाद के सिम्स हॉस्पिटल लेकर गए. वहीं इलाज की दौरान उनकी मौत हो गई.
सीएम ने जताया दुखराजस्थान के सीएम भजन लाल शर्मा ने सोशल मीडिया X पर पोस्ट कर लिखा,
कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश“राजस्थान प्रशासनिक सेवा की अधिकारी प्रियंका बिश्नोई जी का निधन अत्यंत दुःखद है. प्रभु श्री राम जी से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान तथा परिजनों को यह शोक सहन करने का सामर्थ्य प्रदान करें. ॐ शांति!”
जोधपुर के जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने मौत की जांच के लिए 5 सदस्यों की एक टीम गठित की है. इसकी अध्यक्षता एस. एन. मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. भारती सारस्वत करेंगी. ये टीम वसुंधरा हॉस्पिटल में हुई सर्जरी की भी जांच करेगी.
वसुंधरा हॉस्पिटल की तरफ से क्या कहा गया?वसुंधरा हॉस्पिटल के संचालक डॉ संजय मकवाना ने बताया कि 5 सितंबर को सर्जरी के बाद वो शाम और पूरी रात ठीक थीं. सुबह उन्हें चिड़चिड़ापन महसूस हुआ. इसके लिए खून जांच किए गए, जिसमें कुछ इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन पाया गया. उन्हें तुरंत ICU में ले जाया गया. लेकिन उसके बाद भी चिड़चिड़ापन जारी रहा.
डॉ संजय ने आगे बताया कि इसके बाद कारण पता लगाने के लिए सोनोलॉजिस्ट ने पेट का स्कैन किया. इसके बाद इकोकार्डियोग्राफी भी की गई. चिड़चिड़ापन और बेचैनी का कारण जानने के लिए न्यूरोलॉजिस्ट को बुलाया गया. उनके मुताबिक, इस बीच परिजनों ने आगे के इलाज के लिए उन्हें अहमदाबाद ले जाने की बात कही. उसके बाद वहां से उन्हें डिस्चार्ज कर दिया.
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बता दें कि प्रियंका बिश्नोई जोधपुर में सहायक कलेक्टर के पद पर तैनात थीं. उन्हें कुछ दिन पहले जोधपुर उत्तम नगर निगम में डिप्टी कमिश्नर के पद पर ट्रांसफर किया गया था. लेकिन तबीयत खराब होने के चलते उन्होंने कार्यभार नहीं संभाला था.
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