फिर बारी आई सोशल मीडिया की. सोशल मीडिया में लोगों का ध्यान गया राहुल गांधी के जूतों पर. जूते का ब्रांड और कीमत सामने लाई गई.
इसके पहले प्रधानमंत्री मोदी 26 दिसंबर 2019 को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगा. एनुलर सूर्य ग्रहण देखने निकले थे और उनका चश्मा कीमत आंकने वालों का शिकार हुआ था. बताया गया था कि एक लाख 60 हज़ार का चश्मा है, Maybach का, जर्मन कंपनी का.
शेष ट्विटर पर जूतों पर इतनी महान बहसें चल रही हैं. दाम तय किये जा रहे हैं. जूते कीवर्ड बने हैं. उस सबके बीच मई की 40 पार गर्मी में चिलचिलाती गर्मी में लाखों मज़दूर टूटी चप्पलों या बेने गोड़े सैकड़ों मील चल रहे हैं. ये तथ्य है. इसे ट्विटर की कोई बहस नहीं बदल सकती.
एक तथ्य ये भी है कि अन्य वेबसाइट्स पर वही साढ़े तेरह हज़ार वाला जूता आधे दाम पर मिल रहा है, देख लीजिएगा. ये फैक्ट आपके हिस्से की राजनीति को सूट करे तो ट्विटर पर इसे भी काउंटर में इस्तेमाल कीजिएगा. और ये याद रखिएगा कि जब हमें बीमारी और पलायन पर बात करनी थी, हम एक नेता के जूते के दाम डिस्कस कर रहे थे.

वही Asics Gel Kayano 24 Mens Running Shoes कम दामों में
P.S. नेता रनिंग शूज क्यों पहनते हैं?
जिम्मेदारियों से भागने में आसानी रहती है.
P.P.S: किसी के बारे में बुरा कहने से पहले, उसके जूते में पैर डालकर 10 कदम चल लेना चाहिए.
हो सकता है चलने में ही मजा आ जाए.
देखिये भारत में कोरोना कहां-कहां और कितना फैल गया है.