बिहार का शिक्षा विभाग स्कूलों में हर महीने एग्जाम करा रहा है. अक्टूबर महीने के एग्जाम का एक पेपर सुर्खियों में है. पेपर संस्कृत विषय का है. 9वीं क्लास का. बवाल इसलिए हो रहा है कि इसमें 10 सवाल ईद और रोज़ा पर पूछे गए. केंद्रीय मंत्री और BJP नेता गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) ने संस्कृत की परीक्षा में इस्लाम से जुड़े सवाल पूछे जाने पर आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि बिहार में संस्कृत का भी इस्लामीकरण हो गया. वहीं, मुंगेर के BJP विधायक ने कहा है कि वो इस मुद्दे को विधानसभा में उठाएंगे. इन आरोपों के जवाब में एक JDU नेता ने कहा है कि संस्कृत को सिर्फ हिंदू धर्म का प्रतीक क्यों समझा जाता है.
संस्कृत के पेपर में पूछे गए ईद और रोजा पर सवाल, BJP बोली- 'संस्कृत का भी इस्लामीकरण हो गया'
बिहार में संस्कृत के पेपर में इस्लाम से जुड़े 10 सवाल पूछे जाने पर BJP ने आपत्ति जताई है. मुंगेर के BJP विधायक ने कहा है कि वो इस मुद्दे को विधानसभा में उठाएंगे.

मामला मुंगेर के सरकारी स्कूल में 9वीं क्लास की संस्कृत परीक्षा से जुड़ा है. आजतक के रोहित कुमार सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक, संस्कृत के पेपर में इस्लाम से जुड़े कुल 10 सवाल पूछे गए. मसलन,
1. 'इफ्तार' क्या होता है?
2. रोजा किस समय खोला जाता है? क्या देख कर खोल जाता है?
3. फितरा किसे कहते हैं?
4. ईद में क्या-क्या पकवान बनता है?
5. ईद कैसा पर्व है?
6. जकात किसे कहा जाता है?
7. मुसलमान का सर्वोत्तम पर्व कौन सा है?
8. ईद में क्या-क्या पकवान बनता है?
9. ईद में क्या-क्या होता है?
10. ईद पर्व क्या संदेश देता है?
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गिरिराज सिंह ने पेपर की तस्वीर डालते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर लिखा,
"बिहार में संस्कृत का भी इस्लामीकरण हो गया. बिहार के सरकारी स्कूलों में संस्कृत की परीक्षा में पूछे गए इस्लाम पर सवाल, एक प्रश्न पत्र में ऐसे 10 सवाल."
आजतक के गोविंद कुमार की रिपोर्ट में बताया गया कि 9वीं क्लास के संस्कृत की बुक में 15 चैप्टर हैं. इसमें 10वां चैप्टर 'ईद महोत्सव:' है. 26 अक्टूबर को हुई संस्कृत की परीक्षा में इसी चैप्टर से 10 सवाल पूछे गए थे. बताया गया कि पेपर शिक्षा विभाग की ओर से ही उपलब्ध कराया जाता है. इस मामले पर मुंगेर के क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक सुभ्रो सान्याल से आजतक ने फोन पर बात की. सान्याल ने कहा कि वो इस पर कुछ नहीं बता सकते हैं, ये सरकार से जुड़ा सवाल है और इस पर इस पर सरकार को ही फैसला लेना है.
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वहीं मुंगेर के 'जनता उच्च विद्यालय, तौफिर' के एक टीचर पंकज रंजन ने बताया कि 9वीं क्लास में संस्कृत की किताब 'पीयूषम' पढ़ाई जाती है. इस किताब का पहला संस्करण 2009 में जारी हुआ था और तब से ये किताब 9वीं क्लास को पढ़ाई जाती है. उन्होंने बताया कि किताब के 10वें अध्याय में ईद के बारे में जानकारी दी गई है. उन्होंने कहा कि हर महीने होने वाली परीक्षा के कारण किसी विषय पर ज्यादा फोकस हो गया और एक अध्याय से ज्यादा सवाल पूछ लिए गए.
BJP विधायक बोले- 'विधानसभा में उठाएंगे मुद्दा'मुंगेर के BJP विधायक प्रणव कुमार ने कहा है कि यह छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है. प्रदेश का माहौल बिगड़ने का प्रयास किया जा रहा है. संस्कृत की परीक्षा में इस तरह के सवाल नहीं किए जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि विधानसभा के आगामी शीतकालीन सत्र में वो इस मुद्दे को उठाएंगे. साथ ही संस्कृत की किताब से इस चैप्टर को हटाने की मांग की जाएगी.
वहीं मुंगेर में JDU के जिला अध्यक्ष नचिकेता मंडल ने कहा कि क्या अंग्रेजी की पढ़ाई में दशहरा पर निबंध नहीं लिखा जाता. उन्होंने कहा कि संस्कृत को भाषा की जगह सिर्फ हिंदू धर्म का प्रतीक क्यों समझा जाता है. अगर संस्कृत का विकास करना है, तो अलग-अलग विषयों की पढ़ाई संस्कृत में होनी चाहिए.
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