
फोटो क्रेडिट: reuters
रियोसांत्रो पैवेलियन नंबर 4 पर पीवी सिंधू सेमीफाइनल मैच खेलने के लिए ऐसी उतरीं, जैसे वो कोई साधारण मैच ही हो. मुकाबला था हमउम्र 21 साल की ओकुहारा निज़ोमी से.
नंबर 10 रैंक सिंधू ने आते ही अपना गेम खेलना शुरू कर दिया, नेट से दूर-दूर, हवा में शटल. स्कोर हुआ 4-3 सिंधू के पक्ष में.

फोटो क्रेडिट: reuters
सिंधू जापानी खिलाड़ी से 10 इंच लंबी थीं और इसका सिंधू ने भरपूर फायदा उठाया. लंबाई की वजह सिंधू के बल्ले की पहुंच दूर तक रही और स्मैश के साथ देखते ही देखते स्कोर हो गया 9-6.

फोटो क्रेडिट: REUTERS
सब कुछ ठीक चल रहा था लेकिन शटल को पीछे रखने की कोशिश में सिंधू शटल एक-दो बार बाहर मार गईं. इस वक्त स्कोर था 19-18. अब सिर्फ दबाव का खेल था. दो बेहतरीन स्मैश के साथ सिंधू ने जापानी खिलाड़ी को कोई मौका नहीं दिया और पहला गेम सनसनीखेज़ ढ़ंग से 21-19 से अपने नाम कर लिया.

फोटो क्रेडिट: reuters
दूसरे गेम की शुरुआत में पहली बार सिंधू पिछड़ीं. असल में ओकुहारा अच्छा नहीं खेलीं बल्कि सिंधू ने अंक दिए. या तो वो खुद अंक ले रही थीं या ओकुहारा को दे रही थीं. लेकिन जल्दी ही वापसी करके सिंधू ने वो खेल दिखाया, जिसे हम रजनीकांत बैडमिंटन
कह सकते हैं. दूसरे गेम में ब्रेक पर स्कोर था 11-10 और उसके बाद सिंधू ने लगातार 10 अंक स्कोर कर 21-10 से दूसरा गेम और फाइनल में जगह अपने नाम कर ली.

सिंधू ओलंपिक के फाइनल तक जाने वाली पहली भारतीय महिला हैं. 19 अगस्त को शाम 7:30 पर उनका मुकाबला जीतती हैं तो भारत के लिए ओलंपिक गोल्ड लाने वाली पहली महिला के साथ-साथ सबसे युवा खिलाड़ी भी बन जाएंगी.

नोजोमी को हराने के बाद हाथ मिलाते, मुस्कुराती हुईं सिंधू. फोटो क्रेडिट: REUTERS
आज हुए मैच के दौरान रियो में भारतीयों के साथ ब्राजील के दर्शक 'भारत-भारत' ऐसे चिल्ला रहे थे जैसे फुटबॉल वर्ल्ड कप में हम उनके लिए चिल्लाते हैं और कल भी उन्हें घर जैसा ही माहौल मिलने जा रहा है. वो जिस तरह की बे-दवाब बैडमिंटन खेल रही हैं, उससे हमारा अनुमान गोल्ड मेडल से बिल्कुल भी कम नहीं है.

फोटो क्रेडिट: reuters
सिंधू के बारे में स्पेशल बातें यहां जानिए...