मैच ही नहीं हो रहीं कहानियां:
आतंकी आदिल ने अपनी कहानी सुनाई. धमाका किया और हमारे 40 जवान शहीद हो गए. हमला आत्मघाती था, तो आदिल भी मारा गया. इसके बाद आदिल के पिता ने उसके आतंकी बनने की एक कहानी सुनाई. लेकिन आदिल के पिता और आदिल के बयान एक दूसरे से मैच नहीं कर रहे हैं. इतना ही नहीं आदिल के पिता ने आदिल के जैश-ए-मोहम्मद में शामिल होने को लेकर दो अलग-अलग बयान दिए हैं. अब सुरक्षा एजेंसियां तय नहीं कर पा रही हैं कि उसके पिता की किस बात पर यकीन किया जाए.आदिल के पिता का नाम है गुलाम डार. न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स को दिए एक इंटरव्यू में आदिल के पिता गुलाम ने कहा कि आदिल को भारतीय सुरक्षा बलों ने पीटा था, जिसके बाद वो आतंकवादी हो गया था. आदिल के पिता के मुताबिक आत्मघाती हमले से कुछ साल पहले स्कूल से लौटते वक़्त आदिल के साथ बदसलूकी की गई थी. इसके बाद से ही उसने आतंकी बनने का मन बना लिया था. ये पहली कहानी थी जो गुलाम डार ने सुनाई थी.
इसके बाद गुलाम डार की एक और क्लिप सामने आई. इंडिया टुडे के हाथ लगी एक क्लिप में गुलाम डार ने कहा है कि उन्हें आदिल की आतंकवादी गतिविधियों की जानकारी नहीं है. आदिल की मां फहमीदा ने भी गुलाम डार की इस बात का समर्थन किया है. फहमीदा ने बताया कि आदिल मज़दूरी करता था. 19 मार्च, 2018 को वो काम पर गया था, उसके बाद से घर नहीं लौटा. घरवाले तीन महीने तक उसे खोजते रहे, लेकिन आदिल नहीं मिला. हारकर परिवारवालों ने उसकी खोजबीन बंद कर दी. 14 फरवरी को घरवालों को आदिल के हमला करने की खबर मिली.
आदिल के पिता ने कहा, सरकार ने बनाया उग्रवादी
आदिल अहमद डार कश्मीर के गुंडीबाग का रहने वाला था. उसकी उम्र केवल 20 साल थी. 14 फरवरी 2019 को उसने CRPF के काफिले पर हमला किया, जिसमें 40 जवानों की जान गई. आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की ज़िम्मेदारी ली. आदिल अहमद भी इसी संगठन का हिस्सा था. पुलवामा में हुआ ये हमला हाल सबसे बड़े हमलों में से एक है. आदिल के पिता ने कहा कि उन्हें भी उतना ही दुख है जितना मारे गए सैनिकों के परिवारों को है. पिता ने बताया कि आदिल पर पत्थरबाज़ी का आरोप था जिसके बाद पुलिस ने उसे रोका था और बदतमीजी की. इसके बाद से ही आदिल ने आतंकवादी संगठन से जुड़ने का मन बना लिया था.
पुलवामा में हुआ हमला उड़ी से बड़ा हमला था.(फोटो: AP)
आदिल के पिता ने ये भी कहा कि सरकारों को कश्मीर का मुद्दा बातचीत से सुलझाना चाहिए. सरकार ही युवाओं को उग्रवादी बनाने के लिए ज़िम्मेदार है. यहां केवल आम आदमी के बच्चे मरते हैं. फिर चाहे वो भारतीय जवान हों या हमारे बेटे. गुलाम डार की कौन सी बात सच है पता नहीं, लेकिन ये तो सच है कि आदिल आतंकी था और उसके आत्मघाती हमले में CRPF के 40 जवान शहीद हो चुके हैं.
वीडियो देखिए: जैश-ए-मोहम्मद हर बार आतंकी हमले के लिए नया टारगेट क्यों चुनता है?