विवादों में घिरीं प्रोबेशनरी IAS ऑफिसर पूजा खेडकर (Puja Khedkar) के डिसएबिलिटी सर्टिफिकेट को लेकर एक और ‘गड़बड़ी’ सामने आई है. पता चला है कि पुणे के जिस हॉस्पिटल ने पूजा को उनके बाएं घुटने में 7% लोकोमोटर डिसएबिलिटी का सर्टिफिकेट दिया, उस हॉस्पिटल के फिजियोथेरेपी डिपार्टमेंट ने उनके घुटने में किसी तरह की दिक्कत नहीं पाई थी. इंडिया टुडे को मिले एक डॉक्यूमेंट से ये खुलासा हुआ है.
पूजा खेडकर केस: फिजियोथेरेपिस्ट ने कहा सब सही, हॉस्पिटल ने फिर भी बना दिया विकलांगता सर्टिफिकेट
पुणे के जिस अस्पताल से Puja Khedkar ने अपने बाएं घुटने में 7% लोकोमोटर डिसएबिलिटी का सर्टिफिकेट हासिल किया, उस हॉस्पिटल के फिजियोथेरेपी डिपार्टमेंट ने पूजा के घुटने में किसी तरह की दिक्कत नहीं पाई थी. कैसे किया गया ये खेल?

पूजा खेडकर को पुणे के यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल (YCM) हॉस्पिटल द्वारा 7% लोकोमोटर डिसएबिलिटी सर्टिफिकेट जारी किया गया था. इंडिया टुडे के ओंकार वाबले की रिपोर्ट के मुताबिक 23 अगस्त, 2022 को पूजा खेडकर ने विकलांगता प्रमाण पत्र बनवाने के लिए YCM हॉस्पिटल से संपर्क किया था.
विकलांगता प्रमाण पत्र के आवेदन में पूजा खेडकर ने YCM हॉस्पिटल के डॉक्टरों को 2018 में एक छोटे से एक्सीडेंट के बारे में बताया था. कहा था कि एक्सीडेंट में उनके बाएं घुटने में चोट लग गई थी. वहीं हॉस्पिटल ने साल 2018 के उनके मेडिकल रिकॉर्ड को वेरिफाई नहीं किया. इतना ही नहीं, रिपोर्ट के मुताबिक पूजा खेडकर के घुटने का MRI स्कैन भी नहीं कराया गया था.
अगले दिन, खेडकर को एक लोकोमोटर विकलांगता प्रमाण पत्र मिला. इसमें कहा गया कि 2018 में एक छोटी सी दुर्घटना में हुई इंजरी के कारण उनके बाएं घुटने में 7% अस्थिरता है. जबकि, हॉस्पिटल के फिजियोथेरेपी डिपार्टमेंट ने जब पूजा के घुटने की जांच की, तो डिपार्टमेंट को पूजा के घुटने में कोई दिक्कत नहीं मिली. फिजियोथेरेपी डिपार्टमेंट की रिपोर्ट में पूजा के घुटने में 7% लोकोमोटर डिसएबिलटी की पुष्टि नहीं की गई.

इससे YCM हॉस्पिटल की ओर से विकलांगता प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठते हैं.
बता दें कि पूजा खेडकर को विकलांगता प्रमाण पत्र देने के मामले में पिंपरी चिंचवड महानगर पालिका (PCMC) ने YCM हॉस्पिटल को जांच का आदेश दिया गया था. हॉस्पिटल ने अपनी जांच में पूजा खेडकर को विकलांगता सर्टिफिकेट देने वाले डॉक्टर को क्लीन चिट दी थी.
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आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक PCMC कमिश्नर शेखर सिंह ने हॉस्पिटल की जांच रिपोर्ट को खारिज कर दिया है. PCMC कमिश्नर ने YCM प्रशासन को जांच रिपोर्ट में संशोधन करने का आदेश दिया है. कमिश्नर ने सवाल उठाए हैं कि रेजिडेंट डॉक्टर ने पूजा खेडकर की जांच कैसे की? विकलांगता का निर्धारण किस सबूत और टेस्ट के आधार पर किया गया? हॉस्पिटल के फिजियोथेरेपिस्ट ने जब पूजा के घुटने में विकलांगता की पुष्टि नहीं की, तो विकलांगता प्रमाण पत्र कैसे दे दिया गया?
पूजा खेडकर पर सिविल सेवा परीक्षा में फर्जी विकलांगता और OBC सर्टिफिकेट का इस्तेमाल करने का आरोप लगा है, जिसकी जांच चल रही है. पूजा पर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने भी मामला दर्ज किया है. इसमें पूजा पर सिविल सेवा परीक्षा में अधिक मौके पाने के लिए UPSC को अपनी पहचान के बारे में गलत जानकारी देने का आरोप लगाया गया है.
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