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CJI गवई ने कहा था “भगवान से पूछिए”, अब अमेरिका में लोग पूछ रहे हैं - “क्यों कहा?”

CJI बी.आर. गवई के बयान पर बवाल, न्यू यॉर्क के टाइम्स स्क्वायर तक पहुंचा विरोध.

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टाइम्स स्क्वायर पर हिन्दू संगठन का भारत के चीफ जस्टिस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

न्यू यॉर्क के टाइम्स स्क्वायर पर 11 नवंबर की शाम भारत का मसला छा गया. बैनर, पोस्टर और नारे  सबका टारगेट था भारत के चीफ जस्टिस बी.आर गवई. ‘स्टॉप हिन्दू जेनोसाइड’ नाम के ग्रुप ने गवई के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. वजह? CJI गवई का एक जजमेंट में दिया गया कमेंट, जिसमें भगवान विष्णु का ज़िक्र था.

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सितंबर 2025 में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका आई थी. याचिका कहती थी कि मध्य प्रदेश के जवारी मंदिर में भगवान विष्णु की सात फीट ऊंची मूर्ति की मरम्मत करवाई जाए. इस पर CJI गवई ने सुनवाई के दौरान कहा ,

“आप भगवान से पूछिए, इसका क्या किया जा सकता है. ये कोर्ट का नहीं, आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया का काम है.”

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अब बस, यहीं से बवाल शुरू हो गया. कुछ लोगों ने कहा कि ये बयान भगवान विष्णु के प्रति ‘असम्मानजनक’ है. 7 अक्टूबर को तो कोर्टरूम के अंदर ही जूता फेंका गया. फेंकने वाला कोई आम शख्स नहीं, वकील राकेश किशोर था. उसने खुलेआम कहा कि उसे अपने काम पर कोई पछतावा नहीं है.

27 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने इस पूरे मामले पर क्रिमिनल कंटेम्प्ट केस चलाने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि 

“इसे तूल देने की ज़रूरत नहीं है.”

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लेकिन वहीं, विदेश में बैठे कुछ हिन्दू संगठन इस मामले को भूलने को तैयार नहीं हैं. ‘स्टॉप हिन्दू जेनोसाइड’ ग्रुप ने CJI गवई को चिट्ठी लिखी और कहा कि “आपके शब्दों ने हिन्दू सेंटीमेंट्स को चोट पहुंचाई है.”

उन्होंने सिर्फ जस्टिस गवई ही नहीं, बल्कि पूर्व CJI जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ के साथ-साथ जस्टिस यू.यू. ललित, जस्टिस सूर्यकांत और रिटायर्ड जस्टिस अभय ओका के नाम भी जोड़े.

11 नवंबर को यह प्रोटेस्ट टाइम्स स्क्वायर तक पहुंच गया. पोस्टरों पर लिखा था —

“Respect Lord Vishnu. Stop Hindu Genocide.” ज़्यादातर प्रदर्शनकारी अमेरिका में रहने वाले हिन्दू NRI थे.

 क्या है पूरा मामला?

सितम्बर 2025 में चीफ़ जस्टिस बी.आर गवई एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहे थे. याचिका में मांग की गई कि मध्य प्रदेश में मौजूद जवारी मंदिर में विष्णु की एक प्रतिमा है. वहां के लोगों और मंदिर कमिटी का कहना था कि भगवान विष्णु की सात फीट की प्रतिमा की मरम्मत कराई जाए. और इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में एक पिटीशन फ़ाइल की गई. पिटीशन को इस बात के लिए खारिज कर दिया गया क्योंकि इस मामले पर फैसला लेने का काम कोर्ट का नहीं बल्कि आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया का है. पिटीशन को रद्द करते हुए चीफ जस्टिस बी. आर गवई ने वो बयान दिया जो हमने आपको पहले ही बताया है .  

इस बयान के बाद ही चीफ जस्टिस गवई के ऊपर विष्णु के अपमान के इल्जाम लगे.

न्यू यॉर्क में 12 नवंबर तक हिन्दू संगठन का ये प्रदर्शन चलने वाला है. अब देखना होगा  क्या ये विरोध भारत की न्यायपालिका तक गूंजता है या टाइम्स स्क्वायर के नीयॉन बोर्डों के साथ बस एक और ट्रेंड बनकर रह जाता है.


 

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