रियाज़ करते वाजिद और दूसरी तरफ भाई साजिद और सलमान खान के साथ.
म्यूज़िक डायरेक्टर साजिद-वाजिद की जोड़ी टूट गई. साजिद ने पीटीआई से बात करते हुए बताया कि उनके छोटे भाई वाजिद की कार्डिएक अरेस्ट की वजह से मौत हो गई. हालांकि वो कोविड-19 पॉज़िटिव भी पाए गए थे. 4-5 महीने पहले उनका किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था, तभी से वो स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों से जूझ रहे थे. 31 मई की देर रात मुंबई के अस्पताल में उनकी डेथ हो गई.
जहां तक साजिद-वाजिद की जोड़ी की लेगेसी का सवाल है, तो उन्हें सलमान खान की फिल्मों के लिए जाना जाता है. सलमान खान के ऑनस्क्रीन परसॉना में जितना बड़ा हाथ डायलॉग्स का है, उतनी ही भागीदारी गानों की भी है. साजिद-वाजिद के गानों की. हालांकि दोनों भाइयों को इंडस्ट्री से ये शिकायत भी रही कि हमेशा उनकी अनदेखी की गई. 1998 में 'प्यार तो किया तो डरना क्या' से डेब्यू करने के बाद उन्हें उनका पहला अवॉर्ड 12 साल बाद 'दबंग' के लिए मिला. उसके बाद से वो इंडस्ट्री के पटल पर उभरकर आए और उन्हें चारों ओर से काम मिलना शुरू हुआ. ईद के मौके पर रिलीज़ हुआ सलमान खान का गाना 'भाई भाई' उनका आखिरी काम था. वो गाना आप यहां सुन सकते हैं:
1) 7 की उम्र में कमाल का टैलेंटवाजिद 'किराना' नाम के म्यूज़िकल घराने में पैदा हुए थे. उनके पिता उस्ताद शराफत अली खान मशहूर तबलावादक थे. 80 के दशक में उन्होंने बॉलीवुड के कई संगीतकारों के लिए तबला बजाया. वो लंबे समय तक आशा भोसले के ग्रुप के साथ बतौर तबलावादक जुड़े हुए थे और उनके साथ ट्रैवल भी करते थे. पिता की सोहबत में दोनों भाइयों ने बचपन से ही संगीत सीखा. जब वाजिद 7 साल के थे, तभी से वो मुंह से कई तरह के म्यूज़िकल इंस्ट्रूमेंट्स की आवाज़ निकालते थे. जब उन्होंने उस्ताल अल्ला रक्खा के सामने मुंह से तबला बजाया, तो उस्ताद साहब चौंक गए. उन्होंने वाजिद के पिता की ओर देखते हुए कहा-
'शराफतजी, तबला तो वाजिद मियां के जहन में है.'
बाद में वाजिद के इस टैलेंट को 'अकापेला' (Acapella) बुलाया गया. अकापेला दरअसल एक म्यूज़िकल ग्रुप होता है, जिन्हें गाने बजाने के लिए किसी इंस्ट्रूमेंट की ज़रूरत नहीं पड़ती. वो मुंह से ही गाते और बजाते हैं.
भाई और पार्टनर साजिद के साथ वाजिद खान (काली टी-शर्ट में).
2) अपना पहला काम सोनू निगम को सौंप दियासंगीत में इंट्रेस्ट तो दोनों भाइयों को था लेकिन साजिद बिज़नेस में लग गए. वाजिद ने कहा कि वो म्यूज़िक ही करना चाहते हैं. वो कंपोज़र बनना चाहते थे. उनके इस आइडिया और सपने को सपोर्ट करने के लिए साजिद ने भी म्यूज़िक जॉइन कर लिया. कॉलेज से निकलने के बाद साजिद-वाजिद एक म्यूज़िक एल्बम पर काम कर रहे थे. इस एल्बम कंपोज़ किए हुए गाने वाजिद खुद गाना चाहते थे. लेकिन अपने कंपोजिशन के क्राफ्ट पर फोकस करने के लिए उन्होंने अपना ये एल्बम सोनू निगम से गवाया. साजिद अपने एक इंटरव्यू में बताते हैं कि उन्हें उस दिन समझ आया कि वाजिद अपने क्राफ्ट को लेकर कितने ईमानदार हैं. वो एल्बम था 1999 में आया 'दीवाना'. बताया जाता है कि 'दीवाना' अब तक का सबसे ज़्यादा बिकने वाला एल्बम है. उस एल्बम का एक गाना यहां सुनिए:
3) पहली फिल्म और सलमान खानटी-सीरीज़ वाले कृष्ण कुमार, सोहेल खान और साजिद-वाजिद एक ही कॉलेज में पढ़ते. कॉलेज में एक ही ग्रुप का हिस्सा भी थे. कॉलेज वगैरह खत्म होने के बाद सोहेल खान फिल्म डायरेक्शन में अपना डेब्यू करने जा रहे थे. वो 'प्यार किया तो डरना क्या' नाम की एक फिल्म बना रहे थे. इस फिल्म का म्यूज़िक जतिन-ललित की जोड़ी कर रही थी. साजिद ने अंजान व्यक्ति बनकर सोहेल को कॉल किया और कहा कि वो स्ट्रगलिंग म्यूज़िक डायरेक्टर हैं. काम की तलाश में हैं. सोहैल ने उन्हें मिलने के लिए बुलाया. साजिद पहुंचे, तो सोहेल ने पूछा कि वो यहां क्या कर रहे हैं. तब साजिद ने बताया कि वही वो म्यूज़िक डायरेक्टर हैं. ऐसा दोनों भाइयों ने आपस में बात करके किया. क्योंकि अगर वो सोहेल से सीधे काम मांगने जाते, तो लगता कि वो उनके साथ दोस्ती का फायदा उठा रहे हैं. सोहेल सलमान खान स्टारर इस फिल्म में हिमेश रेशमिया और साजिद-वाजिद जैसे दो नए म्यूज़िक डायरेक्टर्स को मौका दिया. हिमेश ने फिल्म के लिए दो गाने बनाए और साजिद-वाजिद ने एक. बाकी एल्बम जतिन-ललित के हवाले था. साजिद-वाजिद का पहला फिल्मी गाना था- 'तेरी जवानी बड़ी मस्त-मस्त है'. गाना बड़ा हिट रहा. इसके बाद इस जोड़ी ने सलमान की 'हेल्लो ब्रदर' के लिए गाना बनाया. साजिद-वाजिद की जोड़ी के करियर का पहला फिल्मी गाना आप नीचे क्लिक करके सुन सकते हैं:
4) इंडस्ट्री ने कहा बोरिया-बिस्तर बांधकर निकल लो!2001 से 2003 को ये म्यूज़िक डायरेक्टर जोड़ी अपने करियर का सबसे मुश्किल दौर मानती थी. इस जोड़ी ने 6 फिल्मों पर काम किया लेकिन कोई भी बड़ा स्कोर नहीं कर पाई. इसमें सनी देओल की 'मां तुझे सलाम' और सलमान की 'तुमको न भूल पाएंगे' भी शामिल हैं. ये सारा काम 2001 में पूरा हो चुका था. अब काम नहीं मिल रहा था. कहा जाता है उन दिनों में सिर्फ दो फिल्मों का म्यूज़िक हिट हुआ 'लगान' और 'गदर'. इंडस्ट्री वाले लोग बाग कहने लगे कि भाई तुम लोगों का हो गया, बोरिया-बिस्तर बांधो और निकलो. इन्हीं दिनों में सलमान खान ने अपनी फिल्म 'तेरे नाम' का एक गाना रिकॉर्ड करने के लिए बुलाया. वहां साजिद-वाजिद ने सलमान को ऐसी बात बताई, जिसे सुनकर शॉक्ड हुए बिना रहा ही नहीं जा सकता था. इन्होंने बताया- 'सलमान भाई हमने पिछले दो साल से रिकॉर्डिंग स्टूडियो देखा ही नहीं है.' इसके बाद वहां 'लगन लगी' गाना रिकॉर्ड किया गया, जो कितना बड़ा हिटा है, ये बताने की भी ज़रूरत नहीं. ये फिल्म सलमान और साजिद-वाजिद दोनों के करियर का टर्निंग पॉइंट साबित हुई. लेकिन प्रॉपर सक्सेस अभी बाकी थी. 'लगन लगी' आप यहां देख सकते हैं:
5) पार्टनर पर पार्टनशिप ने हिट मशीन बना दियाडेविड धवन, अक्षय कुमार और सलमान खान के साथ 'मुझसे शादी करोगी' नाम की फिल्म बना रहे थे. इसके म्यूज़िक के लिए पहली सिटिंग हुई अनु मलिक के साथ. पहली सिटिंग इंप्रेशन वाली बात होती है. फिल्ममेकर ये समझना चाहता है कि आप उसकी फिल्म का सुर कितना समझ रहे हैं. अनु क्रैक नहीं कर पाए. उन्होंने गाने बनाए लेकिन वो अप्रूव नहीं हुए. अगली मीटिंग साजिद-वाजिद के साथ हुई और इन्होंने पहली ही बैठक में तीन गाने बना दिए. मुझसे शादी करोगी के गाने खूब चले. इसके बाद डेविड धवन ने साजिद-वाजिद को सलमान खान-गोविंदा स्टारर 'पार्टनर' में रिपीट किया. ये एल्बम इतना बड़ा हिट हुआ कि साजिद- वाजिद हिट मशीन माने जाने लगे. वाजिद ने देखा कि ये सही समय है, वो करने का, जो वो लंबे समय से करना चाहते हैं. गायकी. उन्होंने सलमान की फिल्म 'हल्लो' के गाने 'बैंग बैंग' से अपना सिंगिंग डेब्यू किया. इसके बाद 'वेलकम', 'वॉन्टेड' और 'दबंग' आई. 'दबंग' के लिए साजिद-वाजिद ने पहली बार कोई अवॉर्ड जीता. और एक नहीं चार-चार मेजर अवॉर्ड्स. जबकि फिल्म का सबसे हिट गाना 'मुन्नी बदनाम' इनका नहीं था. वाजिद अपने एक इंटरव्यू में बताते हैं कि वो किसी का क्रेडिट नहीं खाना चाहते. जब साजिद-वाजिद 'दबंग' से जुड़े, तब तक अरबाज़ खान जतिन-ललित के साथ एक गाना बना चुके थे. वो गाना 'मुन्नी बदनाम' ही था. लेकिन 'दबंग' का पूरा एल्बम बहुत बड़ा हिट रहा था. बतौर सिंगर वाजिद खान के करियर का पहला गाना आप यहां सुन सकते हैं:
इसके बाद साजिद-वाजिद ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. अब उनके पास बड़े-बड़े फिल्ममेकर आने लगे थे. 2012 में उन्होंने साजिद खान के लिए 'हाउसफुल 2' का म्यूज़िक किया. 'एक था टाइगर' में साजिद-वाजिद का एक ही गाना था. और वो भी 'माशाल्लाह'. ये गाना खुद वाजिद ने गाया था. जटिल किस्म की फिल्ममेकिंग के लिए जाने जाने वाले संजय लीला भंसाली ने अपनी (प्रोड्यूस्ड) फिल्म 'राउडी राठौर' का म्यूज़िक साजिद-वाजिद को सौंपा, जिसकी 'चिंता ता चिता चिता' आज भी सुनाई देती है. आगे उन्होंने बॉलीवुड के तमाम फिल्ममेकर्स के साथ काम किया और कर रहे थे. 'माशाल्लाह' यहां सुनिए:
आखिर में कुछ भूली-बिसरी यादें और विदाई!लेकिन सलमान खान के म्यूज़िकल सुपरस्टारडम का क्रेडिट साजिद-वाजिद को ही जाता है. अगर 'केंदी पों' (ओरिजिनल लिरिक्स- ओ केंदी पम्प अब द जैम ओ केंदी) नहीं होता, तो सलमान गोविंदा के लव गुरु बनकर पब्लिक की नज़र में स्टड कैसे बनते. 'लगन लगी' सुने बिना आपको कैसे पता लगता है कि भाई अपने कॉलेज के सबसे कूल सीनियर हैं. सलमान भाई को कौन बताता कि 'उनका है जलवा'. 'सावन की घटा' नहीं हटती, तो हमें साजिद-वाजिद कैसे दिखाई-सुनाई देते. एक दौर था, जो बीतने से पहले खत्म हो गया. और आखिर में वही बात, जहां से शुरुआत हुई थी. वाजिद खान नहीं रहे.