पुणे (Pune) के कुछ दोस्तों ने कल्याणी नगर इलाक़े में एक रेस्तरां में डिनर का फ़ैसला लिया. डिनर के बाद दोस्त लौट ही रहे थे कि उनमें से दो लोगों की एक बाइक को पोर्श कार ने टक्कर मार दी (Motorbike Was Hit By Porsche Car). टक्कर इतनी ज़ोरदार थी कि दोनों की मौत हो गई. कार एक रियल एस्टेट डेवलपर का 17 साल का बेटा चला रहा था. बेटे ने शराब पी रखी थी. पुलिस ने उसे गिरफ़्तार तो किया, लेकिन फिर 14 घंटे के भीतर उसे ज़मानत (Granted Bail After Car Accident) भी मिल गई. स्थानीय अदालत का कहना था कि अपराध इतना 'गंभीर' नहीं था कि ज़मानत देने से इनकार किया जाए. अब मामले में पुणे के पुलिस आयुक्त (Commissioner of Police) अमितेश कुमार ने कहा है कि आरोपी पर एक वयस्क (बालिग़) की तरह मुक़दमा चलाने की मांग अदालत से की जाएगी. अब इस मामले में पुलिस ने औरंगाबाद ज़िले से आरोपी नाबालिग लड़के के रियल एस्टेट डेवलपर पिता विशाल अग्रवाल को गिरफ्तार (Porsche Car Accident Accused Father Arrested) कर लिया है.
पोर्श कार से टक्कर मारने वाले नाबालिग का पिता अरेस्ट, 'तगड़ी सजा' हो इसके लिए पुलिस क्या करने जा रही?
Pune के Porsche Car Accident में जिन 2 बाइक सवार लोगों की मौत हुई, वो दोनों दोस्त थे. जब दोनों अपने बाक़ी दोस्तों के साथ डिनर करके लौट रहे थे, तब नाबालिग ने नशे (Drunk In Under age) में उनकी बाइक को टक्कर मार दी.

इंडिया टुडे टीवी के साथ बातचीत में CP अमितेश कुमार ने बताया,
"आरोपी पर IPC की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया था. हमने आरोपी के साथ वयस्क की तरह व्यवहार करने के लिए अदालत का रुख किया, क्योंकि ये किशोर न्याय अधिनियम की धारा 2 के तहत परिभाषित एक जघन्य अपराध है. हालांकि, अदालत ने हमारे आवेदन को स्वीकार नहीं किया. इसके बाद हमने आदेश के ख़िलाफ़ ऊपरी अदालत (पुणे हाईकोर्ट) में अपील की है. हम ये साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे कि ये एक जघन्य अपराध है."
मामला 19 मई की सुबह का है. किशोर अपने दोस्तों के साथ कल्याणी नगर इलाक़े में तेज़ गति से अपनी पोर्श गाड़ी चला रहा था. तभी गाड़ी की टक्कर एक दोपहिया वाहन से हो गई. इस टक्कर में दोपहिया वाहन में सवार दो लोगों की मौत हो गई. जिनकी मौत हुई, उनका नाम अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्ठा था. दोनों दोस्त थे. अश्विनी की मौक़े पर ही मौत हो गई, जबकि अनीश की मौत अस्पताल में इलाज के दौरान हुई. पहले दोनों पुणे की एक ही कंपनी में काम करते थे. अनीश अवधिया अभी भी उसी कंपनी में काम कर रहे थे, जबकि अश्विनी ने फ़रवरी में काम से रिजाइन दे दिया था.
अनीश और अश्विनी के दोस्त अकील मुल्ला ने इस मामले में इंडियन एक्सप्रेस से बात की, जो डिनर में दोनों के साथ ही थे. उन्होंने कहा,
"जब हादसा हुआ, तब हम वापस जा रहे थे. सब कुछ पलक झपकते ही ख़त्म हो गया. अनीश मेरे लिए 'सर जी' ही थे. हम इंजीनियरिंग कॉलेज में साथ पढ़े. वो मेरे हमउम्र ही थे, लेकिन अनीश हमसे ज़्यादा परिपक्व थे. उनका भविष्य शानदार था. वो पढ़ाई या काम करने के लिए अमेरिका जाने की उम्मीद कर रहे थे."

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दूसरी तरफ़ मामले में पुलिस ने बताया कि जिस नाबालिग युवक की कार से दोनों की मौत हुई, वो उसके पिता के नाम से रजिस्टर्ड था. उस पर नंबर प्लेट भी नहीं थी. मामले में पुलिस का कहना है कि आरोपी के पिता और आरोपी को शराब देने वाले बार के ख़िलाफ़ किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 और 77 के तहत कार्रवाई की जा रही है. घटनास्थल का एक CCTV फुटेज भी सामने आया. इसमें हादसे के बाद आसपास के लोग नाबालिग आरोपी को कार से बाहर निकालते दिख रहे हैं और उसकी पिटाई कर रहे हैं.
मामले में आरोपी के वकील प्रशांत पाटिल का कहना है कि जांच शुरू हो गई है. हम कानून की प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं. कानून के मेरिट पर बहस की जाएगी. इस बीच एक मृतक अनीश अवधिया के चाचा अखिलेश अवधिया ने बताया कि नाबालिग पर लगाई गई ज़मानत की शर्तें हास्यास्पद थीं. नए अधियनियम के अनुसार, सज़ा 7 सात साल की होनी चाहिए. आरोपी 3 करोड़ रुपये की कार चला रहा था. सिर्फ़ इसलिए कि वो एक बिजनेस टाइकून का बेटा है, उसे रिहा कर दिया गया. ये ग़लत है.
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