''स्वस्ति अस्तु विश्वस्य...'' भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra modi) ने इस श्लोक के साथ G20 Summit के समापन की औपचारिक घोषणा की. मीटिंग के दौरान पीएम मोदी ने सभी नेताओं से आग्रह किया कि नवंबर के अंत में एक बार फिर सभी वर्चुअल माध्यम से मिलें. पीएम मोदी ने कहा कि इस दौरान सब लोग मीटिंग में लिए गए फैसलों की समीक्षा करें. हालांकि पीएम ने जिस श्लोक के साथ समिट के समापन का ऐलान किया, उसकी काफी चर्चा हो रही है.
PM मोदी ने G20 Summit का अंत जिस श्लोक से किया, उसका मतलब क्या है?
दिल्ली के G20 Summit में पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा पढ़े गए इस श्लोक की काफी चर्चा हो रही है

पीएम मोदी ने अपने भाषण के समापन करते हुए कहा,
''मैं G20 समिट के समापन की घोषणा करता हूं. वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर का रोड मैप सुखद हो. स्वस्ति अस्तु विश्वस्य यानी संपूर्ण विश्व में आशा और शांति का संचार हो. 140 करोड़ भारतीयों की इसी मंगल कामना के साथ आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद.''
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा,
"जैसा कि आप सभी जानते हैं कि नवंबर 2023 तक G20 की अध्यक्षता की जिम्मेदारी भारत के पास है. इन दो दिनों में आप सभी की तरफ से बहुत सारे सुझाव दिए गए, प्रस्ताव रखे गए. हमारा कर्तव्य है कि सारे सुझावों की एक बार फिर से समीक्षा की जाए, ताकि ये देखा जा सके कि उनकी प्रगति को कैसे तेज किया जा सकता है. इसलिए मेरा प्रस्ताव है कि नवंबर के अंत में G20 का एक वर्चुअल सेशन आयोजित किया जाए. हम इस शिखर सम्मेलन में तय किए गए विषयों की समीक्षा उस वर्चुअल सेशन में कर सकते हैं. मुझे आशा है कि आप सभी वर्चुअल सेशन में जुड़ेंगे. इसके साथ मैं G20 सत्र के समापन की घोषणा करता हूं.''
साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा को G21 की अध्यक्षता सौंप दी. पीएम मोदी ने उन्हें पारंपरिक गैवल सौंपा. ब्राजील आधिकारिक रूप से इस साल एक दिसंबर को G20 समूह के अध्यक्ष का कार्यभार संभालेगा.
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