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इजरायल-हमास संघर्ष के बीच PM मोदी ने नेतन्याहू से फिर बात की, इस बार क्या कहा?

इस संघर्ष में अब तक 1500 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. पहली बातचीत में पीएम मोदी ने इजरायल का समर्थन किया था.

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पीएम नेतन्याहू ने इज़रायल की मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी दी. (फोटो- ट्विटर)

इज़रायल पर हमास के हमले (Israel Hamas conflict) और इज़रायल की गाजा पर जवाबी कार्रवाई 10 अक्टूबर को भी जारी है. संघर्ष में अब तक 1500 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. इस बीच 10 अक्टूबर को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की इज़रायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बातचीत हुई. नेतन्याहू ने इज़रायल की मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी दी.

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पीएम मोदी ने ट्वीट कर बातचीत के बारे में जानकारी दी. सोशल मीडिया वेबसाइट X पर पीएम मोदी ने लिखा,

“मैं प्रधानमंत्री नेतन्याहू को उनके फोन कॉल और मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए धन्यवाद देता हूं. भारत के लोग इस मुश्किल घड़ी में इज़रायल के साथ मजबूती से खड़े हैं.”

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इससे पहले इज़रायल पर हमास के हमले के बाद पीएम मोदी ने X पर लिखा था,

“इज़रायल पर हमास के हमलों की खबर से गहरा सदमा लगा है. निर्दोष पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं हैं. हम इस कठिन समय में इज़रायल के साथ एकजुटता से खड़े हैं.”

बता दें कि पीएम मोदी और इनके इज़रायली समकक्ष नेतन्याहू के बीच फोन कॉल ऐसे समय हुई है जब अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस ने एक साझा बयान जारी कर इज़रायल को समर्थन देने की बात कही है. साथ ही इन देशों ने हमास द्वारा किए गए हमले की स्पष्ट रूप से निंदा की. ये संयुक्त बयान फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन, जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कॉल्ज़, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मिलकर जारी किया.

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बयान में इन देशों ने कहा कि वे इस तरह के अत्याचारों के खिलाफ इजरायल की अपनी और अपने लोगों की रक्षा करने की कोशिशों का समर्थन करते हैं. दूसरी तरफ, इस बयान में ये भी कहा गया,

"हम सभी फिलिस्तीनी लोगों की वैध मांगों को जानते हैं. हम इजरायली और फिलिस्तीनियों के लिए समान रूप से न्याय और आज़ादी का समर्थन करते हैं. लेकिन यह गलतफहमी नहीं होनी चाहिए कि हमास फिलिस्तीनियों की वैध मांगों का प्रतिनिधित्व करता है. वो फिलिस्तीनी लोगों को आतंक और खूनखराबे के सिवा कुछ भी नहीं दे सकता है."

बातचीत इसलिए और भी महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत में फिलिस्तीन के राजदूत ने कहा है कि भारत इज़रायल और फिलिस्तीन दोनों का मित्र है. उसे इस संकट के समाधान में मदद करने के लिए आगे आना चाहिए.

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