मुझे सुल्तानपुर और जौनपुर में कार्यक्रमों में जाना था. यहां आने के बाद पता चला कि मुझे रिसीव करने के लिए जो लोग आ रहे थे, उन सबको पुलिस ने पकड़ लिया है. थाने में बैठा दिया है. उन पर मुकदमा दर्ज करने की कोशिश चल रही है. मुझे लगा कि मेरे बच्चे जेल में रहें और मैं बाहर रहूं, ये ठीक नहीं है. या तो उनको रिहा करो, वरना मैं एयरपोर्ट पर अनशन करता रहूंगा. खाना-पीना भी नहीं करूंगा. पुलिस अफसर कहते हैं कि पीएमओ ऑफिस से आदेश है. मैं पूछता हूं, कहां है आदेश की कॉपी. मुझे दिखाओ ताकि मैं सच की राह पर चल सकूं. लेकिन गुंडागर्दी करने से न तो यहां के प्रशासन को फायदा होगा और न ही पीएमओ को.
पीएम मोदी के भाई प्रह्लाद मोदी लखनऊ एयरपोर्ट पर धरना क्यों देने लगे?
खाना-पीना भी छोड़ने की बात कह दी
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अपने साथियों के साथ हुए यूपी पुलिस के बर्ताव को लेकर प्रह्लाद मोदी इतने नाराज हुए कि लखनऊ के अमौसी हवाईअड्डे पर धरने पर बैठ गए. (फोटो-ट्विटर)
पीएम नरेन्द्र मोदी दिल्ली में किसानों के धरने को खत्म करवाने की मशक्कत कर रहे हैं, उधर लखनऊ में उनके भाई खुद ही धरने पर बैठ गए. माजरा लखनऊ के अमौसी हवाई अड्डे का है. पीएम मोदी के भाई प्रह्लाद मोदी ने लखनऊ पुलिस की कार्यशैली के खिलाफ अमौसी हवाई अड्डे पर धरना शुरू कर दिया. हालांकि जब यह मामला सोशल मीडिया पर गर्माया तो यूपी पुलिस नरम पड़ी और उनकी बातें मान गई. इसके बाद उन्होंने अपना धरना खत्म किया. आइए अब जानते हैं कि ये पूरा मामला क्या है. प्रह्लाद मोदी अपने समर्थकों को हिरासत में लेने से नाराज थे. इसका विरोध करने के लिए उन्होंने धरने का रास्ता चुना. चेतावनी भी दी कि अगर जल्दी से उनके समर्थकों को रिहा नहीं किया गया तो वह अनशन जारी रखेंगे.
समर्थक पकड़े जाने से नाराज हैं प्रह्लाद मोदी दैनिक जागरण के मुताबिक, प्रह्लाद मोदी ने कहा- PMO के आदेश की कॉपी मांग रहे
पीएम के छोटे भाई प्रह्लाद मोदी ने आगे कहा कि मेरे तकरीबन 100 से ऊपर साथी थे, उनकी गाडि़यां भी जब्त कर ली गई हैं, ऐसा मुझे पता चला है. मेरा यहां से प्रयागराज जाने का और रात को वापस आने का प्रोग्राम था. लेकिन पुलिस की वजह से उसमें बाधा आ गई है. जब तक पुलिस मुझे आदेश की कॉपी नहीं देती, मैं धरने से नहीं हटूंगा. सुप्रीम कोर्ट में जाकर उसका भी हाल दिखा दूंगा कि न्याय है. सोशल मीडिया पर घटना वायरल हुई तो यूपी पुलिस ने आनन फानन हिरासत में लिए गए लोगों को छोड़ दिया. इसके बाद प्रह्लाद मोदी ने हिरासत में लिए गए कार्यकर्ता से फोन पर बात की फिर अनशन समाप्त कर सुलतानपुर के लिए रवाना हो गए. हालांकि एडीसीपी चिरंजीव नाथ सिन्हा ने उनके किसी भी कार्यकर्ता की गिरफ्तारी एवं उन्हें हिरासत में लिए जाने की बात से इंकार किया है.
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