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संसद के विशेष सत्र से पहले पीएम मोदी ने किसके लिए कहा, रोने-धोने के लिए बहुत वक्त मिलेगा?

प्रधानमंत्री के मुताबिक, ये सत्र छोटा है लेकिन ऐतिहासिक फैसलों वाला है.

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संसद के बाहर मीडिया को संबोधित करते हुए पीएम मोदी (फोटो- बीजेपी/Twitter)

संसद के विशेष सत्र (Parliament special session) से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी सांसदों से अपील की कि वे शांतिपूर्ण तरीके से इस सत्र को चलने दें, क्योंकि ये बहुत छोटा सत्र है. विशेष सत्र से पहले उन्होंने संसद के बाहर मीडिया को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने सदन के भीतर हंगामे को लेकर कहा कि रोने-धोने के लिए बहुत वक्त मिलेगा. प्रधानमंत्री के मुताबिक, ये सत्र छोटा है लेकिन बहुत मूल्यवान है. ये ऐतिहासिक फैसलों का सत्र है. हालांकि उन्होंने इन “ऐतिहासिक” फैसलों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी. संसद का विशेष सत्र 18 से 22 सितंबर तक चलेगा. 18 सितंबर को पुरानी संसद में चर्चा के बाद बाकी सत्र नए संसद भवन में चलेगा.

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प्रधानमंत्री मोदी ने इस सत्र की एक विशेषता ये तो है कि 75 साल की यात्रा अब नए मुकाम से शुरू हो रही है. उनके मुताबिक, 

"नई जगह (नए संसद भवन) पर उस यात्रा को आगे बढ़ाते समय नए संकल्प, नई ऊर्जा और नए विश्वास के साथ 2047 में इस देश को विकसित देश बनाकर रहना है. इसके लिए आने वाले जितने फैसले होंगे वे इस नए संसद भवन में होंगे."

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प्रधानमंत्री ने कहा कि जीवन में कुछ पल ऐसे भी होते हैं जो उमंग और विश्वास से भर देते हैं, इस छोटे सत्र को वे इसी रूप में देखते हैं.

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संसद के इस विशेष सत्र के पहले दिन की कार्यवाही पुरानी बिल्डिंग में ही होगी. सरकार के मुताबिक, पहले दिन संसद की 75 सालों की यात्रा, इसकी उपलब्धियों, अनुभव, यादों और सबक पर एक विशेष चर्चा होने वाली है. इसके बाद सत्र नई बिल्डिंग में चलेगा. 

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चंद्रयान-3 और G20 की सफलता की चर्चा

इसी संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने मून मिशन की सफलता का जिक्र करते हुए कहा कि चंद्रयान-3 हमारा तिरंगा फहरा रहा है. उन्होंने कहा, 

"शिवशक्ति प्वाइंट (चांद की सतह पर जहां चंद्रयान-3 का लैंडर उतरा) नई प्रेरणा का केंद्र बना है. तिरंगा प्वाइंट (चंद्रयान-2 का इम्पैक्ट प्वाइंट) हमें गर्व से भर रहा है. पूरी दुनिया में जब इस प्रकार की उपलब्धि होती है तो उसे विज्ञान, तकनीक और आधुनिकता से जोड़कर देखा जाता है...और जब ये सामर्थ्य दुनिया के सामने आता है तो भारत के लिए अनेक संभावनाएं और कई अवसर हमारे दरवाजे पर आकर खड़े हो जाते हैं."

प्रधानमंत्री ने इस दौरान G20 की सफलता का भी जिक्र किया. उन्होंने बताया कि G20 हमारे लिए अपने आप में हमारी विविधता का जश्न बन गया. और G20 में भारत इस बात के लिए हमेशा गर्व करेगा कि हम ग्लोबल साउथ की आवाज बने. अफ्रीकन यूनियन को स्थायी सदस्यता और G20 में सर्वसम्मति से डिक्लेरेशन, ये सभी भारत के उज्ज्वल भविष्य के संकेत दे रही है.

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