The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • parliament special session set...

नई बिल्डिंग, 8 बिल और... संसद का स्पेशल सेशन शुरू, विपक्ष को मिलेगा सरप्राइज?

संसद का विशेष सत्र शुरू हो गया है. सेशन के दौरान संसद की 75 सालों की यात्रा, इसकी उपलब्धियां, अनुभव, यादों और सबक पर एक विशेष चर्चा होने वाली है.

Advertisement
parliament special session set to begin proceedings to move to new building
संसद की 75 सालों की यात्रा पर विशेष चर्चा होगी (फोटो- आजतक)
pic
ज्योति जोशी
18 सितंबर 2023 (Published: 09:38 AM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

संसद का पांच दिन का स्पेशल सेशन (Special Session) शुरू हो रहा है. 18 से 22 सितंबर तक. इस दौरान आठ बिलों को विचार और पारित करने के लिए लिस्ट किया गया है. सरकार ने घोषणा की थी 19 सितंबर से कार्यवाही नए वाले संसद भवन (New Parliament Building) में शुरू की जाएगी. उसी दिन पुरानी संसद के साथ लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्यों की ग्रुप फोटो भी ली जाएगी.

बता दें, पार्लियामेंट्री अफेयर्स मिनिस्टर प्रहलाद जोशी ने सबसे पहले सेशन की घोषणा करते हुए इसे ‘स्पेशल सेशन’ बताया था लेकिन बाद में सरकार ने साफ किया कि ये रेगुलर सेशन ही है. मौजूदा लोकसभा का 13वां सत्र और राज्यसभा का 261वां सेशन. सेशन के दौरान संसद की 75 सालों की यात्रा, इसकी उपलब्धियां, अनुभव, यादों और सबक पर एक विशेष चर्चा होने वाली है. दिल्ली में हुए G20 शिखर सम्मेलन पर भी चर्चा होगी.

नए संसद भवन में एंट्री के लिए सांसदों को नए ID कार्ड भी दिए जा रहे हैं. अधिकारियों ने बताया कि 19 सितंबर को ही कैटरिंग भी नई बिल्डिंग में शिफ्ट हो जाएगी. अलग-अलग विभाग के संसदीय कर्मचारियों को नई यूनिफॉर्म दी गई है. कुछ कर्मचारियों के लिए तैयार की गई यूनिफॉर्म में कमल के फूल वाले डिजाइन हैं जिस पर राजनीतिक विवाद भी हुआ. कांग्रेस ने इसे BJP के चुनाव चिह्न का प्रचार बताते हुए सस्ती राजनीति कहा था.

ये भी पढ़ें- संसद के विशेष सत्र में मोदी सरकार कौन-कौन से बिल लाने वाली है?

13 सितंबर को लोकसभा से बुलेटिन जारी किया गया. इसी बुलेटिन में 4 बिलों का नाम लिखा था-

1 - अधिवक्ता (संशोधन) बिल 
2 - प्रेस एंड रजिस्ट्रैशन ऑफ पीरीयॉडिकल बिल 
3 - दी पोस्ट ऑफिस बिल 
4 - मुख्य चुनाव आयुक्त व अन्य आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्त और कार्यकाल) बिल

फिर 17 सितंबर को एक सर्वदलीय बैठक में सदन के नेताओं को सूचित किया गया कि वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण पर एक विधेयक और SC/ST आदेश से संबंधित तीन विधेयकों को एजेंडे में जोड़ा गया है.

मुख्य चुनाव आयुक्त वाला बिल पिछले मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में पेश किया गया था. तब विपक्ष ने इसका विरोध किया था क्योंकि इसमें मुख्य चुनाव आयुक्त और दो चुनाव आयुक्तों की सेवा शर्तों को कैबिनेट सचिव के बराबर रखने का प्रावधान है. 

सरकार के पास संसद में नए कानून या अन्य आइटम पेश करने का विशेष अधिकार है. कुछ ऐसा जो लिस्ट किए एजेंडे का हिस्सा ना हो. 

वीडियो: संसद के अंदर दिखाए गए एलियन के कंकालों का पूरा सच पता चल गया

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement