दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में 9 सितंबर को संसद सुरक्षा चूक (Parliament security breach case) मामले में सुनवाई हुई. इस दौरान आरोपी नीलम आजाद (Neelam Azad) की जमानत याचिका पर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 11 सितंबर, 2024 को होगी. सुनवाई के दौरान आरोपी के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि सरकार की मनमानी से निराश युवाओं के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक आरोपी नीलम आजाद की जमानत याचिका पर बहस करते हुए वकील बलराज सिंह मलिक ने कोर्ट से कहा,
'सरकार से निराश युवाओं पर UAPA...' संसद में घुसपैठ की आरोपी के वकील ने क्या दलील दी?
Parliament security breach case की आरोपी Neelam Azad की जमानत याचिका पर पटियाला हाउस कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. मामले की अगली सुनवाई 11 सितंबर को होगी.


“UAPA का इस्तेमाल इस देश के युवाओं के लिए नहीं किया जाना चाहिए जो सरकार की मनमानी के कारण निराश हैं. आप इस देश के युवाओं को चुप नहीं करा सकते. नीलम कोई साजिशकर्ता नहीं थी. जब सिक्योरिटी ब्रीच हुआ तब वो संसद के बाहर थी. उसके पास केवल एक कनस्तर था. कनस्तर ले जाना कोई आतंकवादी गतिविधि नहीं है. यहां कोई हताहत नहीं हुआ था.”
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वहीं दिल्ली पुलिस के वकील अखंड प्रताप सिंह ने नीलम की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा,
मामला क्या था?"नीलम ने उन पांच बैठकों में से तीन में भाग लिया था, जिनमें संसद में घुसपैठ की पूरी योजना बनाई गई थी. संसद में यह कोई सामान्य दिन नहीं था. 2001 में भी ठीक इसी दिन संसद पर हमला हुआ था और इसी दिन इन लोगों ने घटना को अंजाम दिया. क्या किसी हमले को केवल तभी "आतंकवादी" हमला माना जा सकता है, जब संसद में कोई व्यक्ति मारा जाए."
2001 में संसद पर हुए आतंकी हमले की 22वीं बरसी के दिन यानी 13 दिसंबर 2023 को शून्यकाल के दौरान दो घुसपैठिए सार्वजनिक गैलरी से लोकसभा कक्ष में कूद गए. ये घटना दोपहर डेढ़ बजे के करीब हुई. सदन में कार्यवाही चल रही थी. तभी अचानक दो लोग सांसदों के बीच कूद गए. इनकी पहचान सागर और मनोरंजन के रूप में हुई.
दोनों आरोपियों ने अपने जूतों में कलर स्मोक कैन छिपा रखे थे. उन्होंने अपने जूतों से ये कलर स्मोक कैन निकाले और लोकसभा कक्ष में उन्हें उड़ाने लगे. ये सब देख सदन में अफरा-तफरी मच गई. कई सांसदों ने मिलकर इन दोनों को पकड़ा. तब तक सुरक्षा जवान भी अंदर आ गए और दोनों आरोपी को पकड़ लिया. इसके बाद सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया. उसी दिन अमोल शिंदे और नीलम आजाद ने संसद भवन परिसर के बाहर कलर स्मोक छोड़ते हुए नारेबाजी की थी.
मामले में कुल 6 लोग गिरफ्तार हुए थे. जिनके नाम ललित झा, सागर शर्मा, मनोरंजन देवराजगोवड़ा, अमोल शिंदे, महेश कुमावत और नीलम आजाद हैं. सभी के खिलाफ 14 दिसंबर 2023 को संसद मार्ग पुलिस स्टेशन में IPC की धारा 186/353/452/153/34/120बी और UAPA की धारा 13/16/18 के तहत FIR दर्ज किया था. फिलहाल सभी आरोपी 16 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में हैं
वीडियो: संसद घुसपैठ केस: आरोपियों का दिल्ली पुलिस पर गंभीर आरोप, 'हमें बिजली के झटके दिए गए'














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