नीति आयोग (Niti Aayog) को नया मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) मिल गया है. रिटायर्ड आईएएस ऑफिसर परमेश्वरन अय्यर (Parameswaran Iyer) को नीति आायोग का अगला सीईओ नियुक्त किया गया है. शुक्रवार, 24 जून को उनके नीति आयोग के CEO के तौर पर नियुक्ति की घोषणा की गई. वो आयोग के मौजूदा सीईओ अमिताभ कांत (Amitabh Kant) की जगह लेंगे जिनका कार्यकाल आने वाली 30 जून को खत्म हो रहा है.
परमेश्वरन अय्यर बने नीति आयोग के नए सीईओ, ‘स्वच्छ भारत मिशन’ में थी अहम भूमिका
नीति आयोग के मौजूदा सीईओ अमिताभ कांत का कार्यकाल 30 जून को खत्म हो रहा है.

नीति आयोग के सीईओ के तौर पर परमेश्वरन अय्यर का कार्यकाल दो साल तक चलेगा. इस बारे में सरकार की ओर से जारी किए गए ऑफिशियल नोटिफिकेशन में लिखा है,
“कैबिनेट की अपॉइटमेंट कमिटी ने रिटायर्ड आईएएस श्री परमेश्वरन अय्यर को नीति आयोग का मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त करने को मंजूरी दे दी है.”

नोटिफिकेशन में बताया गया है कि परमेश्वरन अय्यर का कार्यकाल नियुक्ति के दो साल या अगले आदेश, जो भी पहले हो, तक चलेगा. इस दौरान वही नियम और शर्तें लागू रहेंगे अमिताभ कांत के संबंध में लागू थे.
कौन हैं परमेश्वरन अय्यर?परमेश्वरन अय्यर 1981 बैच के रिटायर्ड आईएएस ऑफिसर हैं. देश में ‘स्वच्छ भारत मिशन' लागू करने में अय्यर की अहम भूमिका रही है. बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक अय्यर ने साल 2009 में भारतीय सिविल सेवा से स्वैच्छिक रिटायरमेंट ले लिया था. उसी साल वे विश्व बैंक में वॉटर रिसोर्सेज मैनेजर बने. 2016 में, वो पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय में सचिव के तौर पर शामिल हुए. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में एक सीनियर रूरल वॉटर सैनिटेशन स्पेशलिस्ट के तौर पर भी काम किया है.
साल 2016 में केंद्र सरकार ने अपने ‘स्वच्छ भारत मिशन’ को लागू करने के लिए अय्यर को नियुक्त किया था. 2021 में, अय्यर ने जल शक्ति मंत्रालय में पेयजल और स्वच्छता विभाग के सचिव के पद से इस्तीफा दे दिया था.

बता दें कि अमिताभ कांत को दो साल के कार्यकाल के लिए 17 फरवरी, 2016 को नीति आयोग का सीईओ बनाया गया था. बाद में उन्हें 30 जून, 2019 तक का एक्सटेंशन दिया गया था. जून, 2019 में उनका कार्यकाल और दो साल के लिए बढ़ा दिया गया था. ये सिलसिला आगे भी जारी रहा. जून 2021 में, अभिकांत को और एक साल का एक्टेंशन दिया गया था. अब फाइनली वो अपने पद से मुक्त होने जा रहे हैं. देखना होगा कि परमेश्वरन अय्यर को ये जिम्मेदारी पहले से तय दो सालों तक के लिए ही दी जाएगी, या उनका कार्यकाल भी बढ़ाया जाता रहेगा.