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यूपी में महिलाओं से बदसलूकी पर पप्पू यादव ने अखिलेश यादव को झाड़ लगाई, जवाब देने BJP सामने आई

मामला ब्लॉक प्रमुख चुनाव से जुड़ा था.

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समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव. (तस्वीर: पीटीआई)
उत्तर प्रदेश में ब्लॉक प्रमुख चुनाव के दौरान देखने को मिली हिंसा पर राजनीति गर्मा गई है. उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने सूबे की योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा है. अखिलेश यादव ने कहा है कि राज्य में कोई सुरक्षित नहीं है और अब जनता ही बीजेपी सरकार को सबक सिखाएगी. लेकिन अखिलेश यादव को उलटा नसीहत दे दी गई. सीएम योगी या उनके किसी मंत्री या भाजपा के किसी नेता की तरफ से नहीं, बल्कि बिहार के चर्चित नेता और जन अधिकार पार्टी के प्रमुख राजेश रंजन उर्फ़ पप्पू यादव ने अखिलेश यादव को नसीहत दे डाली है. अखिलेश के बयान पर पप्पू यादव ने ट्वीट कर लिखा,
बाबू अखिलेश यादव जी, आप से न हो पाएगा, सड़क पर संघर्ष! इतनी बड़ी पार्टी, इतना संसाधन होता तो BJP वालों की गुंडई और ढोंगी के दुःशासन का होश ठिकाने लगा देता! एक बहन का बीच सड़क पर चीरहरण और आप आराम से बैठे हो! जेल से निकलता हूं, संघर्ष के लिए पार्टी आउटसोर्स कर दीजिएगा! फिर दिखाते हैं.
बाद में जब मीडिया ने अखिलेश यादव से पप्पू यादव की बातों को लेकर प्रतिक्रिया मांगी तो उन्होंने कहा,
हां, हमसे ना हो पाएगा. लेकिन उत्तर प्रदेश की जनता बदलाव चाहती है, उत्तर प्रदेश में जल्द ही बदलाव की लहर चलेगी.
अब अखिलेश यादव के जवाब के साथ ही बीजेपी ने पप्पू यादव को घेर लिया. सीएम योगी के मीडिया सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने ट्वीट कर कहा,
आइए, आपका, इंतजार है !! बस याद रहे कि यूपी है, मुख्यमंत्री योगीजी हैं, अपने लिए सुप्रीम कोर्ट के वकील का खर्चा जुटा कर आइएगा, योगीजी के खौफ से आजकल सारे गुंडे, माफिया सुप्रीम कोर्ट की तरफ ही भागते हैं.
क्या हुआ था? दरअसल, 8 जुलाई को उत्तर प्रदेश में ब्लॉक प्रमुख चुनाव के नामांकन का दिन था. इस दिन कई जिलों से झड़प से लेकर गोलीबारी होने तक की खबरें आईं. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक़ सीतापुर, फर्रुखाबाद, सिद्धार्थनगर, कन्नौज, ललितपुर, इटावा समेत कई जगह समाजवादी पार्टी (सपा) या निर्दलीय प्रत्याशियों और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के समर्थकों के बीच जमकर मारपीट, धक्कामुक्की और पर्चों की छीना-झपटी हुई. फर्रुखाबाद, गोरखपुर और लखीमपुर खीरी में तो महिला प्रत्याशियों या उनकी प्रस्तावकों के साथ बदसलूकी की भी घटनाएं सामने आई थीं. सोशल मीडिया पर इनके वीडियो काफी ज्यादा वायरल हुए थे.