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पांडव नगर मर्डर: अंजन ने पूनम से छिपाई थी बड़ी बात, आरोपी बेटे और बहू से जुड़ी जानकारी भी आई

जून महीने में कल्याणपुरी में मिला था अंजन दास का कटा हुआ सिर

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(बाएं) पूनम के साथ अंजन दास. (दाएं) आरोपी बेटा दीपक. (साभार- आजतक)

दिल्ली पुलिस ने पांडव नगर मर्डर (Pandav Nagar Murder) केस में एक के बाद एक नई जानकारियां दी हैं. सोमवार, 28 नवंबर को दिल्ली पुलिस ने इस केस को सुलझाने का दावा किया. बताया कि पांडव नगर के रहने वाले अंजन दास को उन्हीं की पत्नी पूनम और बेटे दीपक ने मार डाला था. आरोपियों ने अंजन दास की लाश को तुरंत नहीं फेंका, बल्कि धीरे-धीरे ठिकाने लगाया. ठीक उसी तरह जैसे श्रद्धा मर्डर केस के आरोपी आफताबा पूनावाला ने किया था. हत्या के बाद लाश के टुकड़े किए, उन्हें फ्रिज में रखा और एक-एक कर फेंका.

पांडव नगर मर्डर केस पर क्या बोली पुलिस?

पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केस की डिटेल्स साझा की हैं. डीसीपी (क्राइम) अमित गोयल ने बताया,

“अंजन दास 5-6 महीनों से लापता थे. इसकी कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई थी. दोनों आरोपियों ने अपराध स्वीकार कर लिया है. पूनम ने मृतक से 2017 में शादी की थी. उनमें काफी लड़ाई होती थी. आरोपियों ने मार्च में हत्या की योजना बनाई थी. ऐसा लगता है उन्होंने उनके (अंजन) 10 टुकड़े किए थे. छह टुकड़े मिल गए हैं. चार की तलाश जारी है.”

पुलिस के मुताबिक पूनम की पहले शादी हो चुकी है. अंजन दास उसके दूसरे पति थे. उनसे पहले वो किसी और पुरुष के संपर्क में भी रही थी. वहीं अंजन की भी ये दूसरी शादी थी. 

पुलिस के मुताबिक पहले पति से पूनम के चार बच्चे हैं. हत्या का आरोपी दीपक उन्हीं में से एक है. मतलब वो अंजन दास का सगा बेटा नहीं है. पुलिस ने बताया कि मां-बेटे ने पहले अंजन को नशे की गोलियां देकर बेहोश किया. फिर धारदार हथियार से उसका गला काट दिया. उसके बाद उन्होंने शव से सारा खून निकल जाने का इंतजार किया. अगले दिन लाश के टुकड़े किए.

पुलिस अधिकारी ने बताया कि अंजन का सिर और कुछ हिस्से सात जून को मिले थे, लेकिन हत्या मई में ही कर दी गई थी. 30 मई को वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपियों ने 31 मई और एक जून को शव के कुछ टुकड़े फेंके थे. पांच जून की देर शाम को मृतक का पैर मिला था. अगले दिन छह जून को पांडव नगर में केस दर्ज किया गया. केस दर्ज होते ही पुलिस ने शव के बाकी हिस्सों की खोजबीन शुरू की. सात जून को ही अंजन का सिर कल्याणपुरी के पास एक मैदान में दफ्न मिला था. अगले दिन उनका हाथ बरामद हुआ.

मामले पर और जानकारी देते हुए दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी (क्राइम) रविंदर यादव ने कहा,

शुरुआती पूछताछ में दीपक ने लाश को काटने में ड्रैगर और चाकू के इस्तेमाल की बात मानी है. अभी कस्टडी में लेकर और जांच करनी होगी."

सीपी रविंदर यादव ने बताया कि पूनम की 13 साल की उम्र में ही सुखदेव नाम के शख्स से शादी हो गई थी. बाद में वो दिल्ली आ गया. पूनम उसके पीछे दिल्ली तक आई. लेकिन सुखदेव उसे नहीं मिला. बाद में महिला कल्लू नाम के शख्स के संपर्क में आई. उसकी मौत के बाद वो अंजन के साथ रहने लगी. पुलिस के मुताबिक अंजन भी बिहार के रहने वाले थे. उनके आठ बच्चे हैं. सभी बिहार में रहते हैं. अधिकारियों ने बताया कि पूनम को अंजन के इस परिवार के बारे में नहीं पता था. इससे पहले मीडिया रिपोर्टों में ये भी बताया गया था कि पूनम को अंजन के अवैध रिश्ते में होने का शक भी था. इसको लेकर दोनों के बीच आए दिन झगड़े होते थे.

वहीं दीपक के बारे में भी जानकारी मिली है. उसकी शादी हो चुकी है. पुलिस के मुताबिक मृतक सौतेले बेटे की बहू पर गलत नजर रखता था. ये अभी जांच का विषय है कि इस बात में कितना दम है और क्या इसी वजह से दीपक ने अंजन को मारने में मां पूनम का साथ दिया. आरोपियों से पूछताछ में सीसीटीवी कैमरों की अहम भूमिका रही. पहले दोनों मां-बेटे पुलिस को गुमराह कर रहे थे. लेकिन सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद उनका अपराध कबूलवाने में पुलिस को ज्यादा समय नहीं लगा. उसने साफ किया है कि अभी तक की पड़ताल में दीपक की बहन और पत्नी की हत्या की साजिश में भूमिका नहीं मिली है.

श्रद्धा मर्डर केस के आरोपी आफताब के घर आई लड़की से पुलिस ने पूछताछ की