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पालघर साधु लिंचिंग मामले में कोर्ट ने क्या कहकर 10 आरोपियों को जमानत दे दी?

अप्रैल 2020 में दो साधुओं समेत तीन को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था.

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पालघर में दो साधुओं समेत तीन की हत्या हुई थी. (फोटो इंडिया टुडे)
अप्रैल 2020 में महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं समेत तीन लोगों की हत्या कर दी गई थी. इस केस में कोर्ट ने 10 आरोपियों को जमानत दे दी है. जमानत देते हुए जस्टिस भारती डांगरे ने कहा कि ये आरोपी गैर कानूनी तौर पर इकट्ठा हुई भीड़ का हिस्सा थे. लेकिन इसके अलावा इन आरोपियों के खिलाफ ऐसे कोई साक्ष्य मौजूद नहीं हैं, जो इनकी बेल के आड़े आए. जिन 10 आरोपियों को जमानत मिली है, उनके नाम मोहन गावित, ईश्वर निकोल, फिरोज साठे, राजू गुरुद, विजय पिलेना, दिशा पिलेना, दीपक गुरुद, सीताराम राठौड़, विजय गुरुद, रत्ना भावर हैं. इसके अलावा कोर्ट ने 8 अन्य आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी. जस्टिस डांगरे ने आरोपी राजेश और रामदास राव की जमानत खारिज करते हुए कहा,
"इन दोनों के खिलाफ सीसीटीवी में पर्याप्त सबूत मौजूद हैं और मौके पर मौजूद गवाह ने भी इनकी पहचान की है. आरोपियों की जो तस्वीर सीसीटीवी फुटेज से लेकर फॉरेंसिक लैब भेजी गई थीं, वो इनकी असल तस्वीर से मेल खाती हैं."
इसके अलावा जस्टिस डांगरे ने कहा,
"मृतकों पर पथराव करने में इन दोनों की भूमिका साफ दिखती है. राजेश राव ने मृतक कल्पवृक्ष गिरि महाराज पर डंडे से बेरहमी से हमला किया है और ये बात पंचनामे में भी दर्ज है. आरोपियों पर लगे आरोपों की गंभीरता को देखते हुए उनकी जमानत याचिका को खारिज किया जाता है."
जिन आरोपियों को जमानत मिली हैं, उन्हें 25 हजार का मुचलका भरना है और साथ ही कोर्ट ने उन्हें मामले की सभी सुनवाइयों में शामिल होने का आदेश दिया है. क्या हुआ था पालघर में मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जूना अखाड़े के दो साधु 35 साल के सुशील गिरी महाराज और 70 साल के चिकणे महाराज कल्पवृक्ष गिरी अपने ड्राइवर नीलेश के साथ एक दोस्त के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए मुंबई के कांदिवली से गुजरात के सूरत जा रहे थे. कांदिवली से करीब 120 किलोमीटर का रास्ता भी तय कर लिया था. पीटीआई के अनुसार कुछ लोगों ने तीनों को रोक लिया और उन्हें गाड़ी से निकाल कर पीट-पीट कर मार डाला. बताया गया कि भीड़ को इनके चोर होने का शक था.