अगर हार को जीत बताने की ओलंपिक स्पर्धा होती, तो पाकिस्तान के जनरल असीम मुनीर सीधे गोल्ड मेडल लेते. मैदान में जवाब नहीं मिला, तो माइक संभाला गया और रणनीति की जगह रूहानियत पर हमला बोल दिया गया. जनरल साहब ने फरमा दिया, मेरा खुदा गवाह है कि बुनियान उल मर्सूस में अल्लाह की मदद आई. यानी सवाल फौज से पूछो और जवाब ऊपरवाले की तरफ से आ जाए. इससे ज़्यादा सुरक्षित कवर स्टोरी शायद ही कोई हो.
"ऑपरेशन सिंदूर में अल्लाह की मदद से बचा पाकिस्तान", आसिम मुनीर ने खुद कुबूली फौज की नाकामी?
Asim Munir ने कहा कि उन्होंने खुद अल्लाह की मदद महसूस की थी. इसके अलावा S-400, SU-30 और MiG-29 का नाम लेते हुए कई और दावे किए. मुनीर ने रहा कि अल्लाह ने उन्हें मक्का मदीना का प्रोटेक्टर बनाया है.


पाकिस्तान के चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज असीम मुनीर का दावा है कि भारत के साथ संघर्ष के दौरान अल्लाह ने उनकी मदद की और उन्होंने उस मदद को महसूस किया. जमीन पर क्या हुआ, किसने क्या हासिल किया, इसका कोई ठोस ब्यौरा नहीं, लेकिन भावनात्मक बयान पूरी ताकत से पेश है. पाकिस्तान की फौज जब भी कटघरे में आती है, खुदा को आगे कर देती है ताकि सवाल पूछने वाला ही असहज हो जाए.
राफेल से S-400 तक सब तबाह, जनरल का दावाइसके बाद एक डिफेंस मीटिंग में मुनीर ने जो दावा किया, उसने हकीकत और कल्पना के बीच की सारी सीमाएं मिटा दीं. उन्होंने कहा कि भारत के साथ झड़प के दौरान पाकिस्तान ने राफेल, S-400, Su-30 और MiG-29 को नष्ट कर दिया. सुनकर हंसी आए या हैरानी, ये अलग बात है. लेकिन जब पाकिस्तान का CDF आधिकारिक तौर पर ऐसा बोल रहा है, तो ये साफ करता है कि सेना जनता को किस स्तर की कहानी सुना रही है. अगर ये सच होता, तो नई दिल्ली में आपात बैठकें होतीं, न कि इस्लामाबाद में भाषण.
कहानी यहीं नहीं रुकती. मुनीर ने अगला दावा और भारी कर दिया. बोले कि भारत के खिलाफ संघर्ष में इस्तेमाल किए गए हथियारों की 90 प्रतिशत टेक्नोलॉजी पाकिस्तान में बनी हुई है. वही पाकिस्तान, जिसकी सैन्य ताकत अमेरिका और चीन की सप्लाई पर टिकी है. बताया जा रहा है कि ये बयान मुनीर ने लिबिया के साथ हथियारों की खरीद से जुड़ी एक मीटिंग में दिए. यानी खरीद बाहर से और डींग देसी तकनीक की.
बुनियान उल मर्सूस और बदले हुए तौर तरीकेइससे पहले भी मुनीर एक कार्यक्रम में यही बात दोहरा चुके हैं. उन्होंने कहा था कि
मेरा खुदा गवाह है कि बुनियान उल मर्सूस में अल्लाह की मदद आई. और हमने अल्लाह की मदद आते हुए देखी, महसूस की. हमनें महसूस किया. तो जो कहा हुआ है, इसमें वो 100 फीसद हकीकत है. हमने अपने तौर तरीकों को बदलना है, बस और बुनियान उल मर्सूस के अंदर ये हुआ है.
मुनीर ने अपने भाषण में पाकिस्तान को मक्का मदीना का प्रोटेक्टर भी घोषित कर दिया. कहा कि दुनिया में 57 इस्लामिक देश हैं, लेकिन अल्लाह ने ये जिम्मेदारी पाकिस्तान को दी है. इसके बाद अफगानिस्तान को चेतावनी दी कि उसे पाकिस्तान और TTP में से किसी एक को चुनना होगा. सवाल उठाया कि TTP में 70 प्रतिशत लोग अफगान हैं, क्या अफगानिस्तान पाकिस्तानी बच्चों का खून नहीं बहा रहा. साथ ही ये भी कहा कि इस्लामिक राज्य में जिहाद का आदेश सिर्फ राज्य दे सकता है.
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ऑपरेशन सिंदूर की हकीकत और बयानबाजी की कहानीबताया जा रहा है कि असीम मुनीर ने ये बातें 10 दिसंबर को एक कार्यक्रम के दौरान कही थीं, जिनके कुछ हिस्से अब टीवी पर दिखाए जा रहे हैं. हकीकत ये है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की हालत कैसी थी, उसके सबूत तस्वीरों और रिपोर्ट्स में मौजूद हैं. लेकिन पाकिस्तानी सरकार और सेना लगातार यही कहानी बेचती आई है कि भारत को भारी नुकसान पहुंचाया गया. अब उसी कहानी में खुदा को भी शामिल कर लिया गया है. मतलब ये भी मान लिया गया कि अकेले भारत से टकराने की हैसियत पाकिस्तान के पास थी ही नहीं.
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