पाकिस्तान ने पहली बार आधिकारिक तौर पर ये बात स्वीकारी है कि भारत के खिलाफ 1999 के करगिल युद्ध में पाकिस्तानी सैनिक शामिल थे. इंडिया टुडे के गौरव सावंत की रिपोर्ट के मुताबिक करगिल युद्ध में पाकिस्तान की भागीदारी की बात उसके मौजूदा आर्मी चीफ असीम मुनीर ने कही है. पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने कहा कि 1965, 1971 और 1999 में करगिल में लड़ते हुए कई सैनिकों ने अपनी जान कुर्बान की थी.
पाकिस्तान ने पहली बार मानी करगिल युद्ध में अपनी भूमिका, आर्मी चीफ ने खुद कबूला
पाकिस्तानी सेना ने कभी भी सार्वजनिक रूप से करगिल युद्ध में अपनी प्रत्यक्ष भूमिका को स्वीकार नहीं किया है. लेकिन अब पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने सार्वजनिक रूप से ये बात कही है.

असीम मुनीर 6 सितंबर को पाकिस्तान के रक्षा दिवस के मौके पर रावलपिंडी में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा,
"यकीनन पाकिस्तानी कौम...एक बहादुर कौम है, जो आजादी की अहमियत को निभाना और इसकी कीमत चुकाना जानती है. 1948, 1965, 1971 या करगिल की पाक-भारत जंगें हों...हजारों शोहदा (शहीद) वतन की सलामती और हुरमत (सम्मान) की खातिर कुर्बान हुए."
(वीडियो साभार: GNN NEWS PAKISTAN)
इससे पहले पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा था कि 'पाकिस्तान की घुसपैठ की वजह से करगिल युद्ध हुआ'.
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बता दें कि 1999 के करगिल युद्ध की शुरुआत पाकिस्तानी सैनिकों की घुसपैठ से हुई थी. लगभग तीन महीने तक चली इस जंग में पाकिस्तान को भारत से हार का सामना करना पड़ा था. भारतीय सेना ने टाइगर हिल सहित नियंत्रण रेखा के भारतीय हिस्से पर घुसपैठियों द्वारा कब्जा किए गए ठिकानों को दोबारा हासिल कर लिया था. तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने भी तब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे नवाज शरीफ से करगिल सेक्टर से अपनी सेना को वापस आने का आदेश देने को कहा था.
पाकिस्तानी सेना ने कभी भी सार्वजनिक रूप से करगिल युद्ध में अपनी प्रत्यक्ष भूमिका को स्वीकार नहीं किया है. आधिकारिक तौर पर पाकिस्तानी सेना दावा करती आई है कि भारत के खिलाफ करगिल की जंग में उसके सैनिक नहीं बल्कि 'मुजाहिदीन' थे. वहीं भारत ने हमेशा कहा है कि ये जंग कश्मीर पर अपना दावा जताने के लिए पाकिस्तान की एक रणनीति थी.
करगिल की जंग में पाकिस्तानी सेना की भागीदारी के कई सबूत भी भारत को मिले. इसमें युद्धबंदी, उनके पे बुक, वर्दी और हथियार शामिल थे. पाकिस्तानी सेना ने करगिल से अपने सैनिकों का शव लेने से भी इनकार कर दिया था. युद्ध के बाद भारतीय सेना ने कई मृत पाकिस्तानी सैनिकों को दफनाया था.
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