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पहलगाम हमले का नया वीडियो, हवा में जिपलाइन का मजा लेते पर्यटक के फोन में कैद हुई दहशत

पर्यटक ने ज़िप वे के जरिये एक तरफ से दूसरी तरफ जाने के दौरान यह वीडियो बनाया था. चूंकि वो ऊंचाई पर थे, इसलिए कैमरे ने जमीन पर हो रही हलचल को भी कैद कर लिया.

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वीडियो का स्क्रीनशॉट. (फोटो क्रेडिट- X)

पहलगाम हमले के दौरान का एक नया वीडियो सामने आया है. बताया जा रहा है कि यह वीडियो ऋषि भट्ट नाम के शख्स के फोन में रिकॉर्ड हुआ, जब वो घटनास्थल पर बनी ज़िपलाइन का आनंद ले रहे थे. वीडियो में दिखता है कि जब ऋषि जिपलाइन के सहारे हवा में थे, उसी वक्त ठीक उनके नीचे आतंकियों की गोलीबारी से भयभीत पर्यटक जान-बचाने के लिए भाग रहे थे. भागते वक्त एक शख्स को गोली भी लग जाती है और वह वहीं गिर जाता है.

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X पर सागर पटोलिया नाम के शख्स के मुताबिक ऋषि अहमदाबाद के रहने वाले हैं. ज़िप वे के जरिये एक तरफ से दूसरी तरफ जाने के दौरान उन्होंने यह वीडियो बनाया था. चूंकि वो ऊंचाई पर थे, इसलिए कैमरे ने जमीन पर हो रही हलचल को भी कैद कर लिया. शुरुआती गोलीबारी की आवाज से ऋषि को नहीं लगा कि वहां कोई आतंकी हमला हुआ है. उनका पूरा ध्यान वीडियो बनाने और जिपलाइन का आनंद लेने में था, इसीलिए वीडियो बनाते वक्त वो हंस रहे थे. वीडियो में जमीनी हालात देखकर भी साफ हो जाता है कि कई पर्यटकों को गोलीबारी की शुरुआत में अंदाजा नहीं हुआ था कि ये एक आतंकी हमला है, इसलिए वे भी खेल-कूद करते, वादी का आनंद लेते नजर आ रहे हैं.

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लेकिन जैसे ही वह नीचे आने लगते हैं, उन्हें कुछ असामान्य दिखता है. वीडियो के अंत में उनके चेहरे के भाव इस बात को दर्शाते हैं, कि तब उन्हें आंतकी हमले का अंदेशा हो चुका था.

इस वीडियो के सामने आने के बाद आजतक ने ऋषि से बात की. उन्होेंने बताया,

मेरा लड़का और मेरी पत्नी नीचे पहुंच चुकी थी और मैं जिपलाइन में था तब पहली फायरिंग हुई. करीब 20 सेकेंड बाद मुझे पता चला कि नीचे गोली चल रही है और लोग मर रहे हैं. मेरी पत्नी के सामने दो लोगों का धर्म पूछकर उन्हें गोली मार दी. इसके बाद हम लोग जिपलाइन से नीचे कूद कर भाग गए. कुछ देर छिपने के बाद जब गोलियों की आवाज़ कम हुई तब हम लोग वहां से निकले. 

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ऋषि बताते हैं कि मैदान में दो लोग थे जो लोगों पर गोलियां चला रहे थे. इसके अलावा कुछ आतंकी झाड़ियों में छिपे थे. उनके मुताबिक 5 से 6 आतंकी इस हमले में शामिल थे. 

पहलगाम हमले के बाद एक सवाल बार-बार उठा- 'हमले के दौरान सुरक्षाबल कहां थे?'. इस पर ऋषि बताते हैं कि हमला के दौरान भले ही सेना वहां मौजूद ना रही हो, लेकिन पुलिसकर्मी वहां थे. उन्होंने बताया कि हमले के 20 मिनट बाद सेना ने सभी पर्यटकों को सुरक्षित कर लिया था.

इसके अलावा ऋषि ने ज़िपलाइनर पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि उनके ज़िपलाइन में जाने से पहले ज़िपलाइनर ने ‘अल्लाह-हू-अकबर’ कहा था, जबकि पहले किसी की बारी में कुछ नहीं कहा. 

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू-कश्मीर पुलिस और NIA ने ज़िपलाइनर से पूछताछ की है. उसका कहना है कि उससे सवाल-जवाब किए जा चुके हैं, बावजूद इसके उन्हें दोबारा बुलाया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- पहलगाम के चश्मदीद का दावा- ‘110% हमले में शामिल था जिपलाइन ऑपरेटर, अल्लाह-हू-अकबर के नारे लगा रहा था’

बीती 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तानी आतंकियों ने पर्यटकों को चुन-चुनकर गोली मारी. उन्होंने सिर्फ पुरुषों को निशाना बनाया. हमले के दौरान की आंखों देखी बताने वाले कुछ पीड़ित परिवारों का कहना है कि आतंकियों ने धर्म के आधार पर लोगों को निशाना बनाया. इस दौरान कश्मीर के निवासी सयैद हुसैन ने आतंकियों का सामना किया, और लोगों को बचाने की कोशिश की. हालांकि, आतंकियों ने उन्हें भी गोली मार दी.

इस हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के संबंध निम्नतर स्तर पर पहुंचते नज़र आ रहे हैं. भारत ने सिंधु जल समझौते पर रोक लगाने का एलान किया है. इसके अलावा अटारी बॉर्डर को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. साथ ही पाकिस्तान से छोटी अवधि के लिए भारत आए सभी लोगों को वापस जाने का आदेश दे दिया गया है. जवाब में पाकिस्तान ने अपने एयरस्पेस में भारतीय विमानों के घुसने पर रोक लगा दी है.

वीडियो: पहलगाम हमले के बारे में पूछने पर क्यों भागने लगे लोग? आतंकी के गांव जाकर क्या पता चला?

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