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'बहावलपुर, मुरीदके, कोटली, और...' आतंक के वो 9 ठिकाने, जिसे भारत ने नक्शे से गायब कर दिया

Operation Sindoor के तहत भारत ने Pakistan के Bahawalpur और Pakistan Occupied Kashmir के Muzaffarabad और Kotli में हमला किया. कुल 9 आतंकी ठिकानों को टार्गेट किया गया.

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इंडियन एयरफोर्स ने देर रात एयर स्ट्राइक की है (प्रतीकात्मक तस्वीर)

भारत ने पहलगाम आतंकी हमले का जवाब दिया है. इंडियन एयरफोर्स ने पाकिस्तान और PoK (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) में 9 आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की है. सेना ने इसे 'ऑपरेशन सिंदूर' (Operation Sindoor) का नाम दिया. रक्षा मंत्रालय की तरफ से आधिकारिक तौर पर इस कार्रवाई की पुष्टि की गई है. 

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जानकारी के मुताबिक भारत ने उन 9 ठिकानों पर हमला किया जहां से हमारे देश में दहशत के नाकाम मंसूबों को अंजाम दिए जाने की कोशिश की जाती रही है. शुरुआती जानकारी से पता चला है कि भारत ने बहावलपुर और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के मुज़फ्फराबाद और कोटली में हमला किया है. इन 9 जगहों के बारे में एक-एक कर जानते हैं. 

बहावलपुर

बहावलपुर पाकिस्तान का शहर है. यहां मसूद अज़हर के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का हेडक्वार्टर है. यहां मसूद अज़हर चार मदरसे चलाता है जिनमें आतंकियों को ट्रेनिंग दी जाती है. भारत ने इन्हीं मदरसों पर एयरस्ट्राइक की है.

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बहावलपुर (Credit: Google Maps)
मुज़फ्फराबाद

मुज़फ्फराबाद, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर स्थित शहर है. ये इलाका लाइन ऑफ कंट्रोल के नजदीक पड़ता है. यहां के टेररिस्ट कैंप्स भारत में घुसपैठ का एक बड़ा सेंटर हैं. भारत ने यहां के आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की है. भारत के टीटवाल से इसकी दूरी मात्र 51 किलोमीटर है. यहां शावई नल्लाह और मरकज़ सैयदना बिलाल है. ये दोनों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंप्स हैं. शावई नल्लाह कैंप साल 2000 से एक्टिव है वहीं मरकज़ सैयदना बिलाल घुसपैठियों के लिए एक ट्रांजिट कैंप की तरह है. भारत में घुसने से पहले आतंकी यहां हॉल्ट लेते हैं. ये काफ़ी घने जंगलों वाला पहाड़ी इलाका है. यहां एलओसी पार करना चुनौती भरा तो है, लेकिन नामुमकिन नहीं है. इसलिए आतंकी यहां से घुसपैठ करते हैं. साथ ही यहां पाकिस्तानी सेना की भी अच्छी-खासी तैनाती है. इसीलिए आतंकी यहां कैंप बना कर रहते हैं.

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मुज़फ्फराबाद (Credit: Google earth)
कोटली

कोटली पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में पड़ता है. ये शहर पूंछ नदी के पास है. भारत ने यहां आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया है. ये जगह मेंढर सेक्टर में है. पूंछ से सड़क मार्ग से इसकी दूरी मात्र 56 किलोमीटर है. यही वजह है कि घुसपैठ के लिए आतंकी इस जगह पर कैंप बना कर रहते हैं. इस सेक्टर में पाकिस्तानी सेना की पोस्ट्स हैं. पाकिस्तानी सेना की गोलीबारी की आड़ में आतंकी यहां से घुसपैठ करने की कोशिश करते हैं. कोटली LoC से मात्र 15 किलोमीटर है.

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कोटली (Credit: Google earth)
मुरीदके 

ये पाकिस्तान के पंजाब में पड़ने वाला शहर है. लाहौर से मात्र 40 किलोमीटर दूर इस शहर में आतंकी हाफ़िज़ मोहम्मद सईद के संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हेडक्वार्टर है. ये जगह बॉर्डर से 30 किलोमीटर की दूरी पर है. 26/11 में एकमात्र जिंदा पकड़े गए आतंकी अजमल आमिर कसाब ने पूछताछ में बताया था कि उसे मुरीदके के ही 'मस्जिद तय्यबा' में ट्रेनिंग दी गई थी. मरकज़-ए-तैयबा कॉम्प्लेक्स में स्थित इसी मस्जिद में आतंकियों को गुरिल्ला ट्रेनिंग दी जाती है. 26/11 के साज़िशकर्ताओं में से एक डेविड हेडली, जो बाद में गवाह बन गया उसने भी इसी मदरसे में जेहाद की ट्रेनिंग ली थी. आतंकी गतिविधियों के लिए फंड जुटाने का काम भी इसी मस्जिद से किया जाता है. 

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मुरीदके (PHOTO-Google earth)
गुलपुर 

गुलपुर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में है. ये कोटली के दक्षिण-पश्चिम में स्थित एक शहर है. गुलपुर, लाइन ऑफ कंट्रोल से मात्र 35 किलोमीटर की दूरी पर है. अप्रैल 2023 में पूंछ में हुए हमले की प्लानिंग इसी लॉन्चपैड पर हुई थी. साथ ही जून 2024 में रियासी में बस पर हुए हमले के आतंकी इसी लॉन्चपैड से आए थे.

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गुलपुर की लोकेशन (PHOTO-Google Earth)
सवाई नाला (तंगधार सेक्टर)

सवाई नाला नाम का ये कस्बा तंगधार सेक्टर में पड़ता है. इस आतंकी लॉन्चपैड का इस्तेमाल भारत में हमले के लिए किया जाता रहा है. अक्टूबर 2024 में सोनमर्ग और गुलमर्ग में हुए आतंकी हमलों की प्लानिंग यहीं हुई थी. साथ ही 22 अप्रैल को पहलगाम हमले की साज़िश भी इसी लॉन्चपैड पर रची गई थी.

बरनाला कैंप

राजौरी के पास मौजूद ये कैंप LoC से मात्र 10 किलोमीटर दूर है. यहां कोट जमील रोड पर मरकज़ अहले हदीस है जो आतंकियों का ट्रेनिंग कैंप और लॉन्च पैड है. ये कैंप बरनाला से 500 मीटर दूर है. LoC के करीब होने की वजह से इस कैंप को घुसपैठ के लिए बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता रहा है. पाकिस्तानी सेना की गोलीबारी की आड़ में आतंकी यहां से भारत में घुसपैठ के लिए करते हैं.

मेहमूना कैंप (सियालकोट) 

इंटरनेशनल बॉर्डर से मात्र 15 किलोमीटर दूर ये कैंप हिज़बुल मुजाहिदीन का गढ़ है. सियालकोट स्थित इस कैंप का इस्तेमाल घुसपैठ करने और आतंकियों को ट्रेनिंग देने के लिए किया जाता है. इस कैंप के इलाके में पाकिस्तानी सेना का अच्छा-खासा होल्ड है इसलिए आतंकियों को यहां एक सेफ हेवेन मिलता है.

सियालकोट का इलाका
सियालकोट का इलाका  (PHOTO-Google Earth)
सरजल कैंप

इंटरनेशनल बॉर्डर से महज 8 किलोमीटर दूर ये कैंप सांबा-कठुआ के पास है. ये जैश-ए-मोहम्मद का कैंप है जिसका सरगना मसूद अज़हर है. जैश ने भारत में  2001 में संसद पर हमला किया था. इसके अलावा पुलवामा हमला भी इसी आतंकी संगठन ने किया था.

हालिया जानकारी के मुताबिक भारत की सेना इस घटना की जानकारी देने के लिए 7 मई, 10 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी.

वीडियो: भारत ने लिया पहलगाम हमले का बदला, पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर बरसाए बम

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