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क्या है बांग्लादेश का 'ऑपरेशन डेविल हंट' जिसमें सुरक्षाबलों ने 1300 लोगों को गिरफ्तार कर लिया?

Bangladesh Operation Devil Hunt: मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि गिरफ़्तार किए गए लोगों में ज़्यादातर अवामी लीग और उसके सहयोगी संगठनों के सदस्य हैं. अवामी लीग पार्टी बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) की पार्टी है.

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ऑपरेशन डेविल हंट की पूरी कहानी. (फ़ोटो - रॉयटर्स)

बांग्लादेश में सुरक्षा बलों ने भीड़ के हमलों और देशभर में हो रही तोड़फोड़ की घटनाओं को रोकने के लिए ‘ऑपरेशन डेविल हंट’ (Operation Devil Hunt) शुरू किया है. इस ऑपरेशन के तहत पूरे देश से 1300 से ज़्यादा लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने 8 फ़रवरी को ये अभियान शुरू किया था.

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बांग्लादेशी अख़बारों ने पुलिस मुख्यालय में असिस्टेंट इंस्पेक्टर जनरल (मीडिया और PR) इनामुल हक सागर के हवाले से मामले की जानकारी दी है. बताया गया कि सेना, पुलिस और स्पेशल यूनिट्स के जॉइंट ऑपरेशन में महानगरीय क्षेत्रों से कम से कम 274 लोगों को गिरफ्तार किया गया. जबकि देश के अन्य हिस्सों से 1,034 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.

द डेली स्टार की रिपोर्ट बताती है कि गिरफ़्तार किए गए लोगों में ज़्यादातर अवामी लीग और उसके सहयोगी संगठनों के सदस्य हैं. रिपोर्ट के मुताबिक़, गाजीपुर में अवामी लीग और उससे जुड़े संगठनों के 81 नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार किया गया. वहीं, कुमिला में पार्टी से जुड़े तीन लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है. 

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इसके अलावा नोआखली में एक यूनियन परिषद के अध्यक्ष समेत अवामी लीग के सात नेताओं को भी हिरासत में लिया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक़, ये गिरफ़्तारियां नोआखली के हटिया उपज़िले में जॉइंट फ़ोर्सेज के अलग-अलग इलाक़ों में ऑपरेशन के दौरान हुई हैं.

Operation Devil Hunt क्या है?

दरअसल बांग्लादेश के गाज़ीपुर में अवामी लीग के एक पूर्व मंत्री के घर पर तोड़फोड़ के दौरान कई छात्र घायल हो गए थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, हिंसा पूर्व मुक्ति संग्राम मामलों के मंत्री मोजम्मेल हक के आवास पर हमले के दौरान हुई. छात्र नेताओं का दावा है कि उनके कार्यकर्ता लूटपाट रोकने के लिए पूर्व मंत्री के घर गए थे. लेकिन बदमाशों ने उन पर हमला कर दिया. उन्होंने गाज़ीपुर में एक दिन का विरोध प्रदर्शन और रैली भी की. 

बताया गया कि विरोध प्रदर्शन के बाद शाम क़रीब साढ़े छह बजे डिप्टी कमिश्नर के दफ्तर के सामने बदमाशों ने गोली चला दी, जिसमें एक छात्र घायल हो गया. सरकार का कहना है कि इसी के चलते ऑपरेशन डेविल हंट का आदेश दिया गया है. सरकार का दावा है कि इसका मकसद पूरे देश में अशांति को रोकना और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करना है.

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सरकार ने एक बयान जारी कर कहा है कि ये अभियान इसलिए शुरू किया गया, क्योंकि ‘गिर चुकी तानाशाही सरकार से जुड़े गैंग्स’ ने छात्रों के एक ग्रुप पर हमला किया. जिससे छात्र गंभीर तरीक़े से घायल हो गए. इस स्पेशल ऑपरेशन के बारे में बांग्लादेश की सरकार के गृह सलाहकार मोहम्मद जहांगीर आलम चौधरी ने कहा,

“गाज़ीपुर में छात्रों और आम लोगों पर हमला करने वालों में से कई को सज़ा मिल चुकी है. बाकी लोगों को भी जल्द ही न्याय के कटघरे में खड़ा किया जाएगा. एक भी ज़िम्मेदार को छोड़ा नहीं जाएगा.”

इस ऑपरेशन में सरकार ने गृह मंत्रालय के अधीन पुलिस मुख्यालय में एक कमांड सेंटर स्थापित किया है, जहां से फ़ोर्स के प्रतिनिधि देश की कानून-व्यवस्था की स्थिति पर नज़र रख रहे हैं.

वीडियो: दुनियादारी: बांग्लादेश में फिर प्रोटेस्ट होने की क्या वजह है?

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