एमजी वैद्य करीब नौ दशक तक RSS से जुड़े रहे. (फोटो- Twitter- @ManmohanVaidya)
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की विचारधारा की नींव पड़ने के समय से इसके साथ जुड़े लोगों में से एक माधव गोविंद वैद्य का 19 दिसंबर को निधन हो गया. RSS के भीतर उन्हें बाबूरावजी वैद्य के नाम से जाना जाता था. वे RSS के पहले प्रवक्ता थे. वे 97 साल के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे. नागपुर में उनका इलाज चल रहा था. यहीं पर शनिवार की दोपहर उन्होंने अंतिम सांस ली. रविवार की सुबह उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. उनके निधन की ख़बर उनके बेटे और RSS के संयुक्त महासचिव मनमोहन वैद्य ने ट्विटर पर दी. एमजी वैद्य हाल ही में कोविड-19 इंफेक्शन से रिकवर हुए थे.
उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दुख जताया है. ट्वीट किया -
"श्री एमजी वैद्य एक जाने-माने लेखक और पत्रकार थे. उन्होंने दशकों तक RSS के लिए योगदान दिया. BJP को मजबूत करने के लिए काम किया. उनके निधन से दुखी हूं. परिवार के साथ संवेदनाएं."
नौ दशक तक RSS के साथ बाबूरावजी वैद्य करीब नौ दशक तक RSS के साथ जुड़े रहे. उनके निधन पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मराठी में ट्वीट करके संवेदना व्यक्त की. लिखा –
“राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ स्वयंसेवक, वरिष्ठ संपादक और विचारवान बाबूराव वैद्य जी को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि. पूज्यनीय गुरुजी के अलावा सभी सरसंघचालकों के साथ काम करने का, उनको करीब से देखने का भाग्य बाबूराव जी को मिला था.”
RSS के सरसंघचालक मोहन भागवत और सरकार्यवाहक भइयाजी जोशी ने भी एक पेज का श्रद्धांजलि संदेश जारी किया है, जिसे RSS ने ट्वीट किया. इसमें लिखा कि –संस्कृत के प्रगाढ़ विद्दान, उत्तम पत्रकार, विधान परिषद के सक्रिय सदस्य, उत्कृष्ट साहित्यिक ऐसी सारी बहुमुखी प्रतिभा के धनी बाबूराव जी ने यह सारी गुणसंपदा संघ में समर्पित कर रखी थी. वे संघ कार्य विकास के सक्रिय साक्षी रहे.
RSS की स्थापना 1925 में हुई थी. एमजी वैद्य 1940 के करीब से RSS से जुड़े थे. नागपुर से ही निकलने वाले प्रो-RSS अख़बार तरुण भारत के वे संपादक भी रहे.