अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने अमेरिका में बड़े पैमाने पर हो रहे ‘नो किंग्स’ प्रदर्शनों का जवाब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से बने एक वीडियो के साथ दिया है. वीडियो में वे खुद को एक ‘लड़ाकू विमान के पायलट’ के रूप में प्रदर्शनकारियों पर ब्राउन लिक्विड जैसी चीज डालते दिखा रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स में इस ब्राउन लिक्विड को इंसान मल बताया जा रहा है.
No Kings: अमेरिका में जुटे 70 लाख प्रदर्शनकारी, ट्रंप ने AI वीडियो से 'मल' उड़ेल जवाब दिया
Donald Trump On No Kings Protests: अमेरिका में डॉनल्ड ट्रंप के खिलाफ 'नो किंग्स प्रोटेस्ट' चल रहा है. AI वीडियो में ट्रंप न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर जैसे दिखने वाले क्षेत्र के ऊपर ‘किंग ट्रंप’ लिखे एक जेट में बैठे नजर आते हैं.


अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रूथ सोशल’ पर ट्रंप ने 19 सेकंड का ये वीडियो पोस्ट किया. AI वीडियो में ट्रंप न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर जैसे दिखने वाले क्षेत्र के ऊपर ‘किंग ट्रंप’ लिखे एक जेट में बैठे हैं. विमान से जब इंसानी मल जैसी चीज गिरती है, तब नीचे प्रदर्शनकारियों में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और डेमोक्रेटिक पार्टी के समर्थक हैरी सिसन जैसा प्रोटेस्टर भी दिखता है. सिसन अक्सर ट्रंप की आलोचना करते रहते हैं.
इसके जवाब में हैरी सिसन ने X पर लिखा है,
क्या कोई रिपोर्टर ट्रंप से पूछ सकता है कि उन्होंने लड़ाकू विमान से मुझ पर मल गिराते हुए एक AI वीडियो क्यों पोस्ट किया? बहुत अच्छा होगा, शुक्रिया.

वहीं, ट्रंप ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के पैरोडी अकाउंट से पोस्ट किया गया एक और वीडियो शेयर किया. इस AI-जनरेटेड वीडियो में ट्रंप को मुकुट और केप (राजा का पहने जाना वाला चोगा) पहने हुए दिखाया गया है. जबकि नैन्सी पेलोसी और अन्य डेमोक्रेट्स उनके सामने घुटने टेक रहे हैं.
No Kings Protestsरिपब्लिकन नेता ट्रंप का ये पोस्ट ऐसे समय में आया है, जब अमेरिका के सभी 50 राज्यों में उनके खिलाफ जोरदार प्रदर्शन हो रहे हैं. अमेरिकी मीडिया संस्थान CNN की खबर के मुताबिक, ऑर्गेनाइजर्स और अधिकारियों ने बताया कि शनिवार, 18 अक्टूबर की 2,700 से ज्यादा ‘नो किंग्स’ रैलियों में लगभग 70 लाख लोग शामिल हुए. इनमें सिर्फ न्यूयॉर्क में एक लाख से ज्यादा लोग शामिल थे. बड़े शहरों में बड़े आयोजनों के साथ-साथ, छोटे कस्बों के चौराहों और पार्कों में ‘नो किंग्स’ प्रदर्शनकारियों के छोटे-छोटे समूह दिखाई दिए.
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वो ट्रंप की ‘कठोर नीतियों’ और मीडिया, राजनीतिक विरोधियों और अवैध प्रवासियों पर ‘हमलों और बल प्रयोग’ के खिलाफ हैं. वो ट्रंप के शासन में सरकार के तेजी से ‘तानाशाही की ओर बढ़ने’ की निंदा कर रहे हैं. लोगों ने ‘विरोध प्रदर्शन से बढ़कर देशभक्ति कुछ नहीं’ या ‘फासीवाद का विरोध करो’ जैसे नारे लिखे हुए बैनर लिए हुए थे.

NDTV की खबर के मुताबिक, एक प्रदर्शनकारी ने स्थानीय मीडिया को बताया कि वो 20 सालों तक अमेरिकी खुफिया विभाग CIA में काम कर चुके हैं. उन्होंने कहा,
मैंने आजादी के लिए और इस प्रकार के उग्रवाद के विरुद्ध विदेशों में लड़ाई लड़ी. और अब मैं अमेरिका में एक ऐसा दौर देख रहा हूं, जहां हर जगह उग्रवादी मौजूद हैं. मेरी राय में ये हमें किसी न किसी प्रकार के गृहयुद्ध की ओर धकेल रहे हैं.
वाइट हाउस में वापसी के बाद से ट्रंप सरकार के खिलाफ ये तीसरा सामूहिक प्रदर्शन है. इससे पहले, इसी साल जून में ट्रंप प्रशासन के खिलाफ 'नो किंग्स' विरोध प्रदर्शन 2,100 जगहों पर किया गया था. तब ट्रंप ने एक मिलिट्री परेड निकाली थी. उस प्रदर्शन में देश भर में लगभग 50 लाख लोग सड़कों पर उतर आए थे. इस विरोध का मकसद ‘तानाशाही, अरबपतियों पर केंद्रित राजनीति और लोकतंत्र के सैन्यीकरण’ को खारिज करना था.
उसके पहले, 5 अप्रैल को वाशिंगटन समेत कई शहरों में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने ट्रंप प्रशासन की नीतियों और आदेशों के खिलाफ विरोध जताया था. लगभग 150 प्रदर्शनकारी ग्रुप्स ने इस विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए हस्ताक्षर किए थे. इस अभियान को ‘हैंड्स ऑफ’ नाम दिया गया. ‘हैंड्स ऑफ’ का मतलब होता है- ‘हमारे अधिकारों से दूर रहो’. इसका मकसद ये जताना था कि प्रदर्शनकारी नहीं चाहते कि उनके अधिकारों में कोई हस्तक्षेप करे या उन पर किसी का नियंत्रण हो.
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