पुलिस वाले उसे पूरे अस्पताल में पैदल घुमाते रहे. डॉक्टरों और दिल्ली पुलिस के जवानों ने उसे स्ट्रेचर या व्हीलचेयर पर न ले जाकर पैदल ही अस्पताल में चक्कर कटवाये और तमाम मशीनों में भीं इसे खुद ही बैठने और लेटने दिया. अस्पताल के अंदर स्टाफ में से किसी ने उसका वीडियो बना लिया. विनय के सारे टेस्ट नॉर्मल निकले हैं.वह अस्पताल में डॉक्टरों को खुद को ICU भेजने को कहता रहा. लेकिन डॉक्टरों ने उसकी पूरी जांच पड़ताल करके उसे वापस जेल भेज दिया. विनय शर्मा 16 दिसंबर 2012 की रात हुए चर्चित निर्भया गैंगरेप का दोषी है. अदालत ने उसे फांसी की सजा सुनाई है. इस सजा पर सुप्रीम कोर्ट में बहस चल रही है और वह लगातार बहाने बनाकर इस ट्रायल में जान बूझकर देरी करना चाहता है. पहले दो बार विनय कोर्ट में अर्जी डालकर जेल अफसरों पर पिटाई, सर फोड़ने और हाथ तोड़ने जैसे आरोप लगा चुका है लेकिन दोनों बार अदालत में उसकी अर्ज़ी खारिज़ हो गई थी.
ढोल फट गया! निर्भया का दोषी सुसाइड नहीं, नौटंकी कर रहा था
निर्भया केस के दोषी विनय शर्मा ने अस्पताल में एडमिट होने के लिए ये नौटंकी रची थी.
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फोटो - thelallantop
गुरुवार को खबर आई थी कि निर्भया केस के दोषी विनय शर्मा ने तौलिये से फांसी लगाकर सुसाइड की कोशिश की. लेकिन अब लग रहा है कि उसने अस्पताल में एडमिट होने के लिए ये नौटंकी रची थी. विनय शर्मा सजा और जेल से बचने के लिए पहले भी कई शिकायतें कर चुका है. एक बार उसने जेल में पिटाई का हवाला देकर कोर्ट में अर्जी दी थी. लेकिन इस बार उसने सुसाइड की कोशिश का ड्रामा किया. विनय शर्मा ने 24 अगस्त की रात करीब 11 बजे खुद ही शोर मचाकर अपने साथियों को बताया कि मैंने दवाइयों की ओवरडोज़ ले ली है. इसके बाद वो अपने पास मौजूद गमछे से फांसी लगाने की एक्टिंग करने लगा. तिहाड़ प्रशासन को जैसे ही खबर मिली उनके हाथ-पांव फूल गए. जेल के डॉक्टर चेकअप के लिए पहुंचे तो विनय को मेडिकली फिट पाया. लेकिन घबराये हुए जेल अफसरों ने डॉक्टर को विनय शर्मा को अस्पताल रेफर करने को कहा और फिर दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल ले गए.
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